भटनी-औड़िहार रेल खंड के विद्युतीकरण/दोहरीकरण परियोजना को मंजूरी
कुल लंबाई 116.95 किमी., कुल लागत 1300.09 करोड़ रु., 2021-22 तक पूरी होने की सम्भावना
गोरखपुर ब्यूरो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों संबंधी मंत्रिमंडल समिति ने पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के अंतर्गत भटनी-औड़िहार (116.95 किमी.) रेल खंड का विद्युतीकरण एवं दोहरीकरण किए जाने की परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की है. यह परियोजना 1300.09 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2021-22 तक पूरी होने की सम्भावना है. इस परियोजना के निर्माण कार्य के दौरान लगभग 28.07 लाख कार्य दिवस का प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा.
औड़िहार जं. वाराणसी मंडल का एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है, जो औड़िहार-छपरा, औड़िहार-भटनी, औड़िहार-जौनपुर तथा औड़िहार-वाराणसी रेल खंडों द्वारा चारो दिशाओं से जुड़ा हुआ है. इस लाइन की मौजूदा क्षमता उपयोगिता 118 प्रतिशत है, जिसके परिणामस्वरूप संकुचन होता है और गाड़ी संचालन धीमी गति से होता है. दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण परियोजना के पूरा हो जाने पर गाड़ियों के विलंबन में कमी आएगी. खंड की उच्चतर गति सुनिश्चित हो सकेगी. इसके साथ ही रेलपथ अनुरक्षण के लिए अधिक समय मिलने से संरक्षा में संवर्धन होगा. रेल यातायात में बढ़ोत्तरी होने की दशा में अतिरिक्त क्षमता उपलब्ध होगी.
उत्तर मध्य रेलवे का इलाहाबाद-नैनी-मुगलसराय मार्ग अति संतृप्त मार्ग है और इससे मुगलसराय पर भारी संकुचन होता है. इस मार्ग का दोहरीकरण होने से यातायात मुगलसराय-नैनी-इलाहाबाद मार्ग पर शिफ्ट हो जाएगा, जिससे इस मार्ग का संकुलन कम हो जाएगा. इससे पूर्वी भारत विशेष रूप से बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के रेलयात्रियों को लाभ मिलेगा.
इस परियोजना के पूरा होने से भारत की अध्यात्मिक राजधानी वाराणसी की कनेक्टविटी सुगम हो जाएगी, जिससे पर्यटकों एवं तीर्थयात्रियों को आने-जाने में आसानी होगी. फलस्वरूप इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी. इस परियोजना के पूरा होने से उत्तर प्रदेश के देवरिया, बलिया, मऊ एवं गाजीपुर जिलों के यात्रियों को सीधा लाभ मिलेगा.
विद्युतीकरण के परिणामस्वरूप गाड़ियां तीव्र गति से चल सकेंगी, कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और स्थाई पर्यावरण को प्रोत्साहन मिलेगा. इसके अतिरिक्त ईंधन आयात पर निर्भरता भी कम होगी, जिसके फलस्वरूप ऊर्जा लागत में बचत होगी और विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी.