कोच निर्माण में भारतीय रेल की नई उपलब्धि, बीते वित्त वर्ष में 7,134 कोच का उत्पादन

  • 2014 से 2024 के बीच कोच उत्पादन का आंकड़ा 54,809 पहुंचा
  • सामान्य यात्री का ध्यान रखकर नॉन-एसी कोचों के उत्पादन में वृद्धि
  • कोच निर्माण में दुनिया का अग्रणी देश बनकर उभरा  भारत

नई दिल्ली: भारतीय रेल ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 7,134 कोचों का निर्माण कर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह संख्या पिछले वर्ष 6,541 कोचों के उत्पादन की तुलना में करीब 9 प्रतिशत अधिक है। सामान्य यात्री का ध्यान रखते हुए गैर-वातानुकूलित (नॉन-एसी) कोचों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पिछले वित्त वर्ष में 4,601 नॉन एसी कोच का उत्पादन हुआ।

यह ऐतिहासिक उपलब्धि भारतीय रेल की उत्पादन क्षमता में लगातार हो रही वृद्धि को दर्शाती है, जो बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और यात्रियों की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किए जा रहे प्रयासों का परिणाम है। इससे रेल सेवाएं अधिक सुविधाजनक, सुरक्षित और कुशल बनेंगी। इससे यात्रियों को बेहतर यात्रा का अनुभव मिलेगा।

भारतीय रेल की तीन कोच निर्माण इकाईयां हैं। जिसमें चेन्नई, तमिलनाडु में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (#ICF), कपूरथला, पंजाब में रेल कोच फैक्ट्री (#RCF) और रायबरेली, उत्तर प्रदेश में मॉडर्न कोच फैक्ट्री (#MCF) शामिल है।

चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) ने वर्ष 2024-25 में पिछले उत्पादन रिकॉर्ड को तोड़ने हुए 3,007 कोच का उत्पादन किया है।

पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारतीय रेल ने कोच निर्माण के क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। वर्ष 2004 से 2014 के बीच कोच उत्पादन प्रति वर्ष औसतन 3,300 कोच के करीब था। वहीं 2014 से 2024 के बीच कोच उत्पादन का आंकड़ा रिकॉर्ड बढ़ोतरी के साथ 54,809 पहुंच गया, जिसका औसत 5,481 कोच प्रति वर्ष रहा है।

कोच निर्माण के क्षेत्र में यह वृद्धि भारतीय रेल द्वारा आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में निर्णायक है। इसका उद्देश्य घरेलू निर्माण क्षमता को मजबूत करना, आयात पर निर्भरता को कम करना और रेलवे संरचना में अत्याधुनिक तकनीक को अपनाना है।

रेल कोच निर्माण में भारतीय रेल की यह उपलब्धि ‘मेक इन इंडिया’ पहल को नया आयाम देती है। साथ ही विश्व पटल पर भारत को एक अग्रणी देश के रूप में स्थापित करती है।

कोच उत्पादन में भारतीय रेल की सफलता ‘मेक इन इंडिया’ पहल का हिस्सा है, जो रेल ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को और अधिक कुशल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। एडवांस तकनीक से लैस आधुनिक कोच यात्रियों को ज्यादा आराम, अधिक स्थान और अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान कर रहे हैंगे। इससे यात्रा का अनुभव और अधिक आरामदायक बन रहा है। इसके साथ ही उच्च उत्पादन क्षमता से ट्रेनों की संख्या में वृद्धि हो रही है।