November 30, 2023

वर्ष 2017 में अवार्ड हुए सभी टेंडर्स में होनी चाहिए 6% जीएसटी की रिकवरी

सभी #Tenders/#ConstructionWork में 6% GST की रिकवरी होनी चाहिए, जो 18% GST के समय वर्ष 2017 में अवार्ड हुए थे! सबसे अधिक ऐसे टेंडर #NorthernRailway में अवार्ड हुए थे! सड़क निर्माण #NHAI में भी इस दरम्यान टेंडर हुए हों, तो उनकी भी छानबीन की जानी चाहिए।

उदाहरण के लिए- मान लें कि #XYConstruction ने 18% GST के समय एक टेंडर ₹100/- के रेट पर डाला, उसे यह टेंडर 18% GST के साथ ₹118/- में अवार्ड हुआ। रेलवे में टेंडर कमेटियों ने भी इसे अपनी टीसी मिनिट्स में रिकॉर्ड किया था।

परंतु कुछ महीने बाद GST रेट में केंद्र सरकार ने संशोधन करके इसे 18% से घटाकर 12% कर दिया।

इस तरह #XYConstruction का GST रेट 6% घट गया और इसी प्रकार उसका #PVC रेट भी 6% घट गया। इस तरह उसकी #बिलिंग ₹118/- से घटकर GST के साथ ₹112/- पर होनी चाहिए थी, परंतु ₹118/- के रेट से ग्रॉस बिलिंग की गई और GST रेट केवल 12% ही लगाया गया।

अर्थात् रेल अधिकारियों ने GST रेट घटाकर बिलिंग नहीं किया, और न ही कांट्रेक्टर्स ने रेट घटाया, जबकि उन्हें भी स्वत: अपना रेट घटाना चाहिए था, मगर नहीं घटाया। यह एक बहुत बड़ा घोटाला है जिसमें सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।

https://twitter.com/railwhispers/status/1729985913357529410?s=46

जानकारों का कहना है कि वर्ष 2017 में 18% GST लगा था, जो कि कुछ समय बाद घटाकर 12% कर दिया गया था। इसमें रेलवे ने कांट्रेक्टर्स को करोड़ों रुपये का अधिक भुगतान किया है।

उनका कहना है कि जब 18% GST था तब रेलवे ने बहुत से टेंडर अवार्ड किए थे, खासकर उत्तर रेलवे में, उनमें ये कंडीशन थी कि “यदि GST रेट बढ़ेगा तो कांट्रेक्टर्स को GST वापस होगा, और यदि घटेगा तो रेलवे द्वारा उनसे इसकी रिकवरी की जाएगी।” परंतु रेलवे ने रिकवरी न करके ठेकेदारों को 6% का अतिरिक्त लाभ देकर करोड़ों का अतिरिक्त भुगतान कर दिया।

जानकारों का यह भी कहना है कि 18% GST लगने से 12% GST होने के बीच की अवधि में जितने भी टेंडर अवार्ड हुए थे, उनमें 6% की रिकवरी, पेनल्टी और व्याज के साथ कांट्रेक्टर्स से की जानी चाहिए!

इंडियन रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिशन (#IRIPA) की डिमांड यदि सही थी, तो इसके पदाधिकारी वर्ष 2017 से लेकर अब तक कोर्ट क्यों नहीं गए?

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रेलवे को चाहिए कि वह #BimalJain जैसे किसी #GST एक्सपर्ट की सेवाएँ ले और #Neutrality के नाम पर यदि कुछ जोनों द्वारा अतिरिक्त भुगतान किया गया है तो उसकी रिकवरी दंड एवं व्याज सहित करे! अन्यथा रेलवे को सभी कांट्रेक्टर्स को GST का रिइम्बर्समेंट करना चाहिए! यह कहना है जानकारों का!

GST_Frauds पर और अपडेट शीघ्र ही दी जाएगी!