स्वच्छ भारत अभियान: रेल परिसरों से हटाया गया 105 टन प्लास्टिक कचरा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने “स्वच्छ भारत अभियान” को राष्ट्रीय अभियान के रूप में 2014 में प्रारंभ किया और महत्मा गांधी के स्वच्छ भारत का सपना साकार होने लगा। भारतीय रेल ने स्वच्छ भारत अभियान में सक्रिय योगदान दिया और प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी 16 सितम्बर से 2 अक्टूबर, 2023 तक स्वच्छता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। स्वच्छता पखवाड़ा की सफलता के फलस्वरूप भारतीय रेल ग्रीन रेलवे एवं पर्यावरण मित्रवत रेलवे की ओर अग्रसर है।
इस वर्ष आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय एवं जलशक्ति मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से ‘स्वच्छता ही सेवा‘ अभियान 16 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलाया जा रहा है जिसमें भारतीय रेल एक प्रमुख भागीदार है।
स्वच्छता ही सेवा अभियान 2023 की थीम ‘कचरा मुक्त भारत‘ है। माननीय प्रधानमंत्री के ऐसे सभी उत्साहपूर्ण मार्गदर्शन में भारतीय रेल ने स्वच्छता के क्षेत्र में नया लक्ष्य हासिल किया है।
भारतीय रेल स्वच्छ और हरित पर्यावरण को बढ़ावा देने में सदैव अग्रणी रही है। रेल मंत्रालय ने रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों के आसपास स्वच्छ वातावरण प्रदान करने के लिए अनेक पहल की हैं, जैसे कि प्लेटफार्मों एवं पटरियों को साफ रखने के लिए सभी कोचों में बायो टॉयलेट का प्रावधान, कचरे को अलग-अलग करना, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, एकल उपयोग प्लास्टिक के उपयोग को न कहना आदि है।
इस वर्ष भारतीय रेल पर स्वच्छता ही सेवा अभियान में पहले 15 दिनों (अर्थात् 16.09.23 से 30.09.23) के दौरान, अभियान में 685,883 मानव-घंटे के साथ 2.19 लाख से अधिक लोगों ने लगभग 2050 गतिविधियों में भाग लिया। इस दौरान भारतीय रेल पर अलग-अलग थीम के अनुरूप स्वच्छता अभियान चलाया गया। रेल परिसर से कुल मिलाकर लगभग 105 टन प्लास्टिक हटाया गया। भारतीय रेल द्वारा 12,700 किलोमीटर ट्रैक की सफाई की गई।