सीपीसी मालगोदाम कानपुर में लेखाधिकारी ने पकड़ी बड़ी हेराफेरी
लेखाधिकारी के औचक निरीक्षण की विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है। जिन-जिन कमर्शियल अधिकारियों की जिस-जिस वाणिज्य डिपो से जितनी-जितनी कमाई हो रही है, इसका भी खुलासा शीघ्र ही होगा!
खबर है कि उत्तर मध्य रेलवे के कानपुर स्थित सीपीसी माल गोदाम में शुक्रवार, 14 अक्टूबर की सुबह डिप्टी एफए एंड सीएओ/ट्रैफिक ने अपनी टीम के साथ औचक निरीक्षण करके छापा मारा और मौके पर करीब दो सौ वैगन का माल पड़ा हुआ पाया।
बताया गया इस माल पर नियमानुसार स्थान शुल्क लिया जाना था लेकिन वाणिज्य विभाग द्वारा टीएमएस में इनका रिमूवल अर्थात डिलीवरी समय से होना दिखा दिया गया था।
इसका मतलब यह कि रेलवे का कोई देय पार्टी पर बकाया नहीं है, जबकि छापे में करीब तीस से पैंतीस लाख रुपये का रेल राजस्व चोरी किए जाने का अनुमान है।
खबर यह भी है कि इस हेराफेरी में मुख्यालय के उच्च अधिकारी से लेकर मंडल के ब्रांच ऑफिसर और स्थानीय अधिकारी/कर्मचारी सब शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले लगभग एक साल से इस अनियमितता और हेराफेरी सहित अवैध वसूली पर मीडिया द्वारा रेल प्रशासन का ध्यान लगातार आकर्षित किया जाता रहा है, लेकिन वाणिज्य विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की।
प्रश्न यह है कि उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज मंडल का वाणिज्य विभाग आखिर इतना बदनाम क्यों है? इसकी कुछ तहकीकात करने पर जो निष्कर्ष निकल रहा है वह ये ही है कि वर्षों से या अमूमन पहली पोस्टिंग से लेकर अब तक जो बुकिंग, आरक्षण, पार्सल, गुड्स, चेकिंग स्टाफ है, उनका आवधिक स्थानांतरण हुआ ही नहीं। अगर हुआ भी, तो एरिया वही रहा, केवल सेक्शन बदल दिया गया, या केवल कुर्सी अथवा कमरा इधर से उधर हो गया।
परिणाम यह हुआ कि ये लोग सिस्टम में घुसकर दीमक का काम करने लगे, दुर्भाग्य यह भी रहा कि ब्रांच ऑफिसर भी अपने दो तीन साल के कार्यकाल में क्या कर सकें, केवल उस पर फोकस किया। यही कारण है कि इसमें बैड एलिमेंट्स ने न केवल अपनी जगह सुरक्षित कर ली, बल्कि अपना-अपना गॉडफादर भी बना लिया।
आवधिक स्थानांतरण का सबसे ज्वलंत उदाहरण टूंडला प्रकरण भी है, जहां आज भी प्रशासन घुटना टेके हुए है। अगर समय रहते सभी स्टाफ का रोटेशन एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन पर किया जाता तो शायद ऐसी स्थिति नहीं आती। प्रशासनिक कोताही या अक्षमता की भेंट प्रशासन की ही गाइडलाइन पर अमल करते हुए टूंडला स्टेशन का बेकसूर वाणिज्य स्टाफ चढ़ गया।
फिलहाल खबर की पूरी पुष्टि नहीं हुई है, विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है। जिन-जिन कमर्शियल अधिकारियों की जिस-जिस वाणिज्य डिपो से जितनी-जितनी वसूली हो रही है, इसका भी खुलासा शीघ्र ही होगा। क्रमशः जारी…