फोकटिए पुलिस वालों के सामने असहाय रेल प्रशासन!
बार-बार पिट रहा, लहुलुहान हो रहा टिकट चेकिंग स्टाफ, किंकर्तव्यविमूढ़ बैठे हैं वाणिज्य अधिकारी!
अपने वर्दीधारी गुंडों की अपराधिक घटनाओं को जानबूझकर नजरंदाज कर रहे हैं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी!
गोरखपुर ब्यूरो: गाड़ी संख्या 12555, गोरखधाम एक्सप्रेस के एसी कोच में अवैध रूप से यात्रा कर रहे यूपी पुलिस के सिपाहियों को कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर उतार दिए जाने से नाराज दो पुलिस वालों ने लखनऊ मुख्यालय, उत्तर रेलवे के टीटीई रामबरन को बुरी तरह पीटा और उनका सिर फोड़ दिया। टीटीई को रेलवे अस्पताल कानपुर में भर्ती किया गया है।
ऐसा लगता है कि रेल प्रशासन पुलिस बल के सामने असहाय हो चुका है, इसीलिए अधिकृत रूप से पुलिस महानिदेशक कार्यालय में विरोध दर्ज कराने से डरता है और राज्यों के पुलिस मुखिया भी अपने वर्दीधारी गुंडों की इन अपराधिक घटनाओं को जानबूझकर नजरंदाज कर रहे हैं।
उधर कुछ रेलकर्मियों का यह भी कहना है कि चेकिंग स्टाफ की दादागीरी भी केवल रेलवे स्टाफ पर ही चलती है, वर्दीधारी का टिकट पूछने की हिम्मत नहीं होती, और जब कोई पूछता है तो उसे उसका नतीजा भुगतना पड़ता है।
#RailSamachar का मानना है कि अगर चेकिंग स्टाफ एकजुट हो जाए कि किसी भी वर्दीधारी पुलिसिए को अनधिकृत यात्रा नहीं करने देंगे, तो यह उनकी एकजुटता से ही संभव हो सकता है। रेल यूनियनें तो निष्क्रिय हो ही चुकी हैं और वाणिज्य अधिकारियों को समझ में नहीं आ रहा है कि इस गुंडई को कैसे रोकें? ऐसे में टिकट चेकिंग स्टाफ को स्वयं ही अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संगठित होना पड़ेगा।
इसके साथ ही पुलिस वालों की इन अपराधिक घटनाओं को रोकने तथा अपने स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेल प्रशासन को भी ऐसे पुलिसकर्मियों की पहचान के साथ संबंधित पुलिस अधिकारियों से लिखित विरोध दर्ज कराया जाए और साथ ही उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के लिए वरिष्ठ वाणिज्य अधिकारियों को सामने आना चाहिए।
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