सरकारी आदेश की अवहेलना: रेल अधिकारी पदों का घोटाला

सातवें वेतन आयोग की सिफारिश पर रेलवे बोर्ड ने गठित की एक्सपर्ट कमेटी

रेलवे बोर्ड पर डीओपीटी के नियमों को पक्षपातपूर्ण ढ़ंग से लागू करने का आरोप

भारी संख्या में प्रमोटी अधिकारियों को ग्रुप ‘ए’ के पदों पर प्रमोशन देने का मामला

वर्ष 2001-09 के दरम्यान कैबिनेट की मंजूरी के बिना ग्रुप ‘ए’ जेटीएस का बढ़ाया कोटा

रेलवे में प्रमोशन के दौरान वर्तमान कोनोटेशन वाले विचित्र नियम की प्रमाणिकता संदिग्ध

रे.बो. ने 9 वर्षों में ग्रुप ‘ए’ के लिए 919 तथा ग्रुप ‘बी’ के लिए 2988 पदों का इंडेंट भेजा

गलत गणना के आधार पर ग्रुप ‘बी’ अधिकारियों को दिया एंटी डेटिंग सीनियरिटी का लाभ

कमेटी द्वारा ग्रुप ‘ए’ एवं ‘बी’ अधिकारियों की तय कोटे और वरीयता पर की जाएगी समीक्षा

रेल राजस्व को हुआ अरबों रुपए का नुकसान, कमेटी दो महीनों में सौंपेगी अपनी जांच रिर्पोट

सुरेश त्रिपाठी

सीधी भर्ती ग्रुप ‘ए’ अधिकारियों और ग्रुप ‘बी’ विभागीय प्रमोटी अधिकारियों के बीच ग्रुप ‘ए’ के पदों को लेकर चल रही खींचतान और विगत में रेलवे बोर्ड द्वारा पक्षपातपूर्ण तरीके से ग्रुप ‘बी’ अधिकारियों को पांच साल की एंटी डेटिंग सीनियरिटी का लाभ दिए जाने को लेकर सीधी भर्ती ग्रुप ‘ए’ अधिकारियों में व्याप्त भारी असंतोष को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने एक पांच सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी (रे.बो.पत्रांक ईआरबी-1/2016/23/53, दि.04.10.2016) का गठन किया है. यह एक्सपर्ट कमेटी सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट में उद्धृत पैरा 11.40.45 के संदर्भ में दोनों ग्रुप के अधिकारियों की संख्या, पदोन्नति, अनुपात और आवश्यकता की गहराई से विवेचना करेगी. इस एक्सपर्ट कमेटी में रेलवे बोर्ड के 1. जॉइंट सेक्रेटरी (स्टैब्लिशमेंट-2), कन्वेनर. 2. एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (ई/जीसी), सदस्य. 3. एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (ई/आईआर) सदस्य. 4. एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (फाइनेंस/ई) सदस्य. 5. डिप्टी लीगल एडवाइजर, सदस्य, शामिल हैं. इस कमेटी को मुख्यतः कोनोटेशन नियम पर आधारित ग्रेड ‘ए’ में इंडक्टेड प्रमोटी अधिकारियों की वरिष्ठता सुनिश्चित करने तथा दोनों अधिकारी संगठनों (एफआरओए एवं इरपोफ) के साथ बातचीत करके इंटर-से-सीनियरिटी का पूरा मामला हल करने सहित तमाम अदालतों द्वारा दिए गए निर्णयों का अध्ययन करके समुचित अंतिम निष्कर्ष सुझाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे में विगत कुछ वर्षों के दौरान रिक्तियों से अधिक ग्रुप ‘ए’ के पदों पर ग्रुप ‘बी’ विभागीय प्रमोटी अधिकारियों की पदोन्नति की गई है. इस विसंगति पर फेडरेशन ऑफ रेलवे ऑफिसर्स एसोसिएशन (एफआरओए) ने अनेकों ज्ञापन रेलमंत्री और चेयरमैन, रेलवे बोर्ड (सीआरबी) को दिए हैं. एफआरओए द्वारा इन ज्ञापनों में सीधा-सीधा यह आरोप लगाया गया है कि रेलवे बोर्ड द्वारा प्रमोटी अधिकारियों के प्रमोशन के लिए ग्रुप ‘ए’ के पदों को परिकल्पित रूप से बढ़ाया गया. इसकी वजह से और प्रमोशन के दौरान 5 वर्ष की एंटी डेटिंग वाले नियम के कारण भारी संख्या में प्रमोटी अधिकारी ग्रुप ‘ए’ में संयुक्त वरीयता सूची में काफी ऊपर पहुंच गए हैं. इससे सीधी भर्ती वाले ग्रुप ‘ए’ अधिकारियों और प्रमोटी अधिकारियों के बीच स्थापित 1:1 के अनुपात के कोटे का अपराधिक उल्लंघन हुआ है. इस वजह से रेलवे पर अरबों रुपए का अतिरिक्त बोझ भी पड़ा है.