तकनीकी शब्दों का हिन्दी रूपांतर न करते हुए उन्हें प्रचलित रूप में ही लिखा जाए -महाप्रबंधक
पूर्वोत्तर रेलवे पर क्षेत्रीय रेलवे राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक का आयोजन
गोरखपुर ब्यूरो: महाप्रबंधक, पूर्वोत्तर रेलवे अनुपम शर्मा की अध्यक्षता में महाप्रबंधक सभाकक्ष, गोरखपुर में 4 मई, 2022 को क्षेत्रीय रेलवे राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक का आयोजन किया गया। महाप्रबंधक अनुपम शर्मा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि रेल एक प्रमुख व्यवसायिक संगठन है। कर्मचारी पूरी तन्मयता और तत्परता के साथ अपने कार्यों का निष्पादन करते हैं। यह आवश्यक है कि उन्हें दिए जाने वाले दिशा-निर्देश सहज एवं सरल भाषा में दिए जाएं, जिसे वे भली-भाँति समझ सकें और अपने दायित्वों के प्रति निरंतर सजग रहें। इसके लिए तकनीकी शब्दों का हिन्दी रूपांतर न करते हुए उन्हें प्रचलित रूप में ही लिखा जाए, जिससे आम रेलकर्मी आसानी से समझ सके।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हिन्दी आम जनता की मौलिक चिंतन की भाषा है। हिन्दी के प्रयोग से कार्य की गुणवत्ता में भी निखार आएगा। श्री शर्मा ने कहा कि आप सभी अपने कार्य क्षेत्रों में हिन्दी का अधिकाधिक प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सभी कार्यालयीन कार्यों में तकनीकी का प्रयोग काफी तेजी से बढ़ रहा है। रेल कार्यालयों में ई-आफिस पर कार्य किया जा रहा है। ई-आफिस में हिन्दी में कार्य करने की सुविधा उपलब्ध है, जिसका हमें उपयोग करना चाहिए। हम सभी को बड़ी सजगता के साथ राजभाषा हिन्दी के प्रयोग-प्रसार के प्रति सजग रहते हुए अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए।
महाप्रबंधक ने कहा कि हमने भारत सरकार द्वारा जारी वार्षिक कार्यक्रम के लगभग सभी निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है, परंतु इसमें और भी सुधार की संभावना है। जिन क्षेत्रों में लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया हो उसे बनाए रखें। वर्तमान समय में प्रतिदिन आ रहे नए तकनीकी क्षेत्रों में हमें हिन्दी को आगे बढ़ाना होगा। महाप्रबंधक ने सभी कारखाना प्रमुखों एवं विभाग प्रमुखों को निर्देश दिया कि वे अपने यहां तकनीकी शब्दों को हिन्दी में भी लिखें। सभी उच्च अधिकारी अपना कार्य स्वयं हिन्दी में करें, जिससे बाकी लोगों को प्रेरणा मिलेगी।
उन्होंने सिग्नल विभाग को अगली बैठक में तकनीकी शब्दों का हिन्दी रूपांतर कर प्रस्तुतिकरण देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि हम सबके सम्मिलित प्रयासों से पूर्वोत्तर रेलवे पर राजभाषा की स्थिति को और सुदृढ़ किया जा सकेगा।
अपर महाप्रबंधक अमित कुमार अग्रवाल ने हिन्दी पर किए जा रहे कार्य-कलापों की समीक्षा करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर रेलवे हिन्दी के प्रयोग में हमेशा अग्रणी रहा है। पिछले कुछ दिनों में पूर्वोत्तर रेलवे पर लिखा-पढ़ी इलेक्ट्राॅनिक माध्यमों, ई-आफिस, व्हाट्सएप आदि के माध्यम से हो रही है। हम सभी हिन्दी प्रयोग के प्रति प्रतिबद्ध हैं, जिससे हमें रेलवे बोर्ड का पुरस्कार प्राप्त होता है। हमें आगे भी हिन्दी के प्रयोग के प्रति प्रतिबद्ध रहना चाहिए।
मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं प्रमुख मुख्य इंजीनियर चन्द्र प्रकाश गुप्ता ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि हमारी रेलवे पूर्णतः हिन्दी भाषी क्षेत्र में है, इसलिए यहां सरकारी कामकाज राजभाषा हिन्दी में सहज रूप से हो रहा है। इस रेलवे में राजभाषा संबंधी वार्षिक कार्यक्रम में दिए गए लगभग सभी मदों में निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है। हिन्दी में मूल पत्राचार में हम शत-प्रतिशत अनुपालन के निकट हैं। राजभाषा हिन्दी की प्रगति कहीं से प्रभावित न हो, इसके लिए हमें सामंजस्य बनाते हुए हिन्दी की प्रगति को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि यदि किसी विभाग को आवश्यकता होती है तो राजभाषा विभाग की स्थापित हिन्दी कुंजीयन प्रशिक्षण केंद्र में संचालित पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में रेलकर्मियों को नामित किया जा सकता है।
उप मुख्य राजभाषा अधिकारी/मुख्यालय एवं उप महाप्रबंधक/सामान्य कृष्ण चंद्र सिंह ने आभार प्रदर्शन किया। राजभाषा अधिकारी ध्रुव चंद्र श्रीवास्तव ने पिछली बैठक के कार्यवृत्त की पुष्टि की तथा प्रमुख निर्णयों के अनुपालन की स्थिति से अवगत कराया एवं रेलवे बोर्ड की संशोधित मानक कार्यसूची के अनुसार चर्चा करते हुए समिति के अन्य सदस्यों से उनके विचार एवं सुझाव मांगे तथा बैठक का संचालन किया।
इसके पूर्व, यांत्रिक कारखाना, गोरखपुर स्थित प्रशिक्षण केंद्र के प्रधानाचार्य संजय कुमार ने राजभाषा के प्रयोग-प्रसार के संबंध में अपनी तकनीकी प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से अंग्रेजी के तकनीकी शब्दों का रूपांतर हिन्दी में किया।
बैठक में वरिष्ठ उप महाप्रबंधक, सभी विभाग प्रमुख, मंडल रेल प्रबंधक/वाराणसी, अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं अपर मंडल रेल प्रबंधक/लखनऊ तथा इज्जतनगर, मुख्य कारखाना प्रबंधक/यांत्रिक, पुल एवं सिग्नल कारखाना, गोरखपुर, वरिष्ठ रेल अधिकारी एवं राजभाषा विभाग के रेलकर्मी उपस्थित थे।