पूर्वोत्तर रेलवे को मिला “नेशनल एनर्जी कंजर्वेशन” का प्रथम पुरस्कार
पूर्वोत्तर रेलवे पर वर्ष 2018-19 में 433.21 रूट किमी, 2019-20 में 543.41 रूट किमी तथा 2020-21 में 561.36 रूट किमी रेलखंडों का विद्युतीकरण पूरा हो चुका है!
गोरखपुर ब्यूरो: महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर रेलवे ने ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित करते हुए परिवहन क्षेत्र के अंतर्गत सभी क्षेत्रीय रेलों में “नेशनल एनर्जी कंजर्वेशन अवार्ड-2021” का प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है।
यह पुरस्कार पूर्वोत्तर रेलवे को बड़े पैमाने पर रेल खंडों के विद्युतीकरण के फलस्वरूप गाड़ी संचालन में डीजल इंजन के स्थान पर विद्युत इंजन प्रयुक्त करने, रेलवे आवासों, स्टेशन एवं कार्यालय भवनों में शत-प्रतिशत एलईडी लाइट्स का प्रावधान, स्टेशन भवनों एवं कार्यालयों में सोलर पैनल स्थापित किए जाने के फलस्वरूप ऊर्जा बचत के लिए प्रदान किया गया है।
प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर ए. के. शुक्ला की देखरेख में पूर्वोत्तर रेलवे पर बड़े पैमाने पर रेलखंडों के विद्युतीकरण के फलस्वरूप गाड़ी संचालन में डीजल इंजन के स्थान पर विद्युत इंजन प्रयुक्त करने एवं 34 गाड़ियों में हेड ऑन जेनरेशन (एचओजी) के प्रावधान, गोरखपुर स्टेशन की वाशिंग पिट पर पावर कार की टेस्टिंग हेतु 758 वोल्ट विद्युत आपूर्ति तथा प्रतिदिन हाई स्पीड डीजल (एचएसडी) खपत की मॉनिटरिंग के फलस्वरूप वर्ष 2020-21 में 96365 किलोलीटर एचएसडी की खपत में कमी लाई गई, जिससे ₹626 करोड़ के रेल राजस्व की बचत हुई।
इसके अलावा 54 स्टेशनों पर सोलर प्लांट लगाने एवं वैकल्पिक व्यवस्था के तहत इससे पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) एवं यूनिफॉर्म टिकटिंग सिस्टम (यूटीएस) को जोड़े जाने, थ्री-फेज लोकोमोटिव के रिजनरेटिव ब्रेकिंग का प्रयोग करने के संबंध में लोको पायलट की नियमित काउंसिलिंग से बड़े पैमाने पर ऊर्जा की बचत की जा रही है।
कुल 20736 रेलवे आवासों, 393 कार्यालय भवनों एवं 389 स्टेशन भवनों में शत-प्रतिशत एलईडी लाइट्स प्रयुक्त किए जाने से वर्ष 2020-21 में 58 लाख यूनिट विद्युत खपत में कमी के फलस्वरूप ₹4.5 करोड़ के रेल राजस्व की बचत हुई।
इसी प्रकार वर्ष 2020-21 में 1541.54 केडब्ल्यूपी क्षमता के रूफ-टॉप सोलर पैनल स्थापित करने एवं उन्हें चार्ज किए जाने के फलस्वरूप 34.62 लाख यूनिट सोलर एनर्जी की बचत हुई, जिससे ₹1.18 करोड रेल राजस्व बचाई जा सकी।
पूर्वोत्तर रेलवे पर अब तक 75 प्रतिशत से अधिक रूट किमी का विद्युतीकरण हो चुका है, जिसके फलस्वरूप गाड़ियों को डीजल इंजनों के बजाय विद्युत इंजनों से चलाए जाने से डीजल की बचत हुई।
उल्लेखनीय है कि पूर्वोत्तर रेलवे पर वर्ष 2018-19 में 433.21 रूट किमी, 2019-20 में 543.41 रूट किमी तथा 2020-21 में 561.36 रूट किमी रेलखंडों का विद्युतीकरण पूरा किया गया है।
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