जहां भी गलत हो रहा है, हम सब मिलकर उसे रोकें, तभी भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सकेगा -विनय कुमार त्रिपाठी, GM/NER
फोटो परिचय: सतर्कता विभाग, पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा आयोजित सेमिनार का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ करते हुए पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी।
“स्वतंत्र भारत-75: सत्यनिष्ठा से आत्मनिर्भरता” विषय पर सतर्कता विभाग, पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा सेमिनार का आयोजन
गोरखपुर ब्यूरो: पूर्वोत्तर रेलवे पर मनाए जा रहे सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत महाप्रबंधक, पूर्वोत्तर रेलवे विनय कुमार त्रिपाठी के मुख्य आतिथ्य में रेलवे अधिकारी क्लब, गोरखपुर में “स्वतंत्र भारत-75: सत्यनिष्ठा से आत्मनिर्भरता” विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया।
सेमिनार का शुभारम्भ महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी एवं प्रमुख विभागाध्यक्षों तथा आमंत्रित विशिष्ट अतिथि वक्ता एवं पूर्व प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक राकेश त्रिपाठी एवं विशिष्ट वक्ता प्रख्यात शिक्षाविद एवं लेखक डॉ. अशोक जान्हवी ने सरदार बल्लभ भाई पटेल के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्जवलित कर किया।
सेमिनार में अपर महाप्रबंधक अमित कुमार अग्रवाल, वरिष्ठ उप महाप्रबंधक डी. के. सिंह, प्रमुख मुख्य विभागाध्यक्ष, वरिष्ठ अधिकारी, सतर्कता अधिकारी, निरीक्षक एवं कर्मचारी तथा अन्य विभागों के रेलकर्मी उपस्थित थे। इस अवसर पर सतर्कता विभाग की पत्रिका “शुचि दर्पण” का विमोचन भी महाप्रबंधक द्वारा किया गया।
सेमिनार को सम्बोधित करते हुए महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी ने कहा कि भ्रष्टाचार हमारे समाज की बड़ी समस्या है। हम सभी चाहते हैं कि भ्रष्टाचार दूर हो, पर हम सब यह दूसरों से ही चाहते हैं। इस संबंध में हम अपनी तरफ मुड़कर नहीं देखते हैं। यदि स्वयं में हम सभी पारदर्शिता, नियमों तथा अच्छी बातों का पालन करें, तो स्वर्ग भी यहीं पर आ जाएगा। हमें अधिक धन अथवा कृत्ति की चाह में नहीं पड़ना चाहिए। यह अपने अच्छे कार्यों से स्वतः आ जाती है।
उन्होंने कहा कि यदि हमारा समाज इस सोच के साथ रहे, तो हमें सतर्कता जागरूकता की जरूरत ही नहीं होगी। महाप्रबंधक श्री त्रिपाठी ने कहा कि हम सभी को चाहिए कि जहां भी गलत हो रहा है, उसे रोकें, पर ऐसा करने से पहले हमें खुद को सही रखना होगा। हम सभी समाज के एक अंग हैं, यदि हम सभी मिलकर बदलाव लाना चाहेंगे, तभी भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सकेगा।
आमंत्रित विशिष्ट वक्ता एवं पूर्व प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक राकेश त्रिपाठी ने सतर्कता से आत्मनिर्भरता पर चर्चा करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर का सामान्य अर्थ यह है कि परिश्रम करके सुख-साधन, संपन्नता और सफलता अर्जित करना। जबकि आत्मनिर्भरता जहां समाप्त होती है, वहीं से सत्यनिष्ठा भी समाप्त हो जाती है। सत्यनिष्ठा के बिना आत्मनिर्भरता संभव नहीं है। उन्होंने कहा था कि सबसे निचले स्तर तक आत्मनिर्भरता होनी चाहिए। सत्यनिष्ठा किसी वस्तु या लाभ से जुड़े बिना होनी चाहिए। विभिन्न नैतिक सिद्धांतों के आपस में जुड़ाव और सिद्वांतों के अनुकूल आचरण करना चाहिए।
प्रोफेसर अशोक जान्हवी ने कहा कि हमलोग भ्रष्टाचार को नजरअंदाज करके उसे बढ़ावा देते हैं। भ्रष्ट कार्यों के प्रति उदासीनता भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है। उदासीनता के बाद भ्रष्टाचार के प्रति स्वीकार्यता आ जाती है। हम गलत कार्यों का विरोध नहीं करते तो हम भी उसके भागी बन जाते हैं। सामाजिक समर्थन से ही भ्रष्टाचार रोका जा सकता है। केवल कानून बनाकर हम इसे नहीं रोक सकते। सामाजिक शिक्षा से भी भ्रष्टाचार रोकने में मदद मिलती है। हम सभी को मिलकर भ्रष्टाचार रोकने के लिए आगे बढ़ना होगा।
वरिष्ठ उप महाप्रबन्धक डी.के.सिंह ने कहा कि सतर्कता बुलेटिन “शुचि दर्पण” को पूर्वोत्तर रेलवे वेबसाइट एवं कई ग्रुपों में शेयर किया गया है, जिससे अधिकाधिक लोग इसका लाभ ले सकें। उन्होंने कहा कि सतर्कता विभाग से संबंधित कुछ भ्रांतियां हैं, जिन्हें दूर किया जाना चाहिए। लोगों की ऐसी सोच है कि सतर्कता विभाग, भ्रष्टाचार दूर करने का, सजा देकर लोगों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाए जाने का, भ्रष्टाचार नियंत्रित करने का एवं कार्यों में अवरोध खड़ा करने का कार्य करती है।
इस संबंध में उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार का निवारण सिर्फ सतर्कता विभाग की जिम्मेदारी नहीं है, अपितु सभी लोक सेवकों की जिम्मेदारी है। भय या डंडे के जोर से लोगों को ईमानदार बना पाना दुष्कर कार्य है। ईमानदारी स्वतः स्फूर्त होनी चाहिए। मनुष्य में स्वार्थ और लोभ की भावना प्रबल होती है, जिन्हें समाज, राष्ट्र तथा विश्व हित में नियंत्रित करने की आवश्यकता है। सतर्कता विभाग निष्ठापूर्वक कार्य करने एवं कराने हेतु प्रेरित करता है, न कि उसमें बाधा पहुंचाता है। कार्यों को गुणवत्ता के साथ पूरा करने के लिए सत्यनिष्ठा आवश्यक है जो आत्मनिर्भर बनने में सहायक है।
प्रमुख मुख्य इंजीनियर सतीश चन्द्र पाण्डेय, प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर ए.के.शुक्ला, प्रमुख सिगनल एवं दूर संचार इंजीनियर अनिल कुमार मिश्रा, प्रमुख प्रमुख परिचालन प्रबंधक अनिल कुमार सिंह, प्रमुख वित्त सलाहकार श्रीमती प्रीति झा, प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी श्रीमती रीता पी हेमराजानी, प्रमुख मुख्य सुरक्षा आयुक्त अतुल कुमार श्रीवास्तव ने “स्वतंत्र भारत-75: सत्यनिष्ठा से आत्मनिर्भरता” विषय पर आयोजित सेमिनार में भ्रष्टाचार से बचाव एवं रोकथाम तथा दैनिक कार्य प्रणाली पर विस्तार से प्रकाश डाला।
सेमिनार का संचालन करते हुए उप मुख्य सर्तकता अधिकारी/इंजीनियरिंग भारत भूषण ने कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार “भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण” करने एवं सतर्कता के क्षेत्र में जन-जागृति बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष पूरे देश में सतर्कता जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि सतर्कता जागरूकता की महत्ता यह है कि इसी सप्ताह में हमारें भूतपूर्व गृहमंत्री एवं भारतीय गणराज्य के पहले उप प्रधानमंत्री लौह पुरूष सरदार बल्लभभाई पटेल का जन्मदिन 31 अक्टूबर को पड़ता है। उन्होंने कहा कि “शुचि दर्पण” पत्रिका में सतर्कता संबंधी जानकारियों को कहानी, कविता, निबन्ध, लेख एवं सुक्तियों के माध्यम से अभिव्यक्त करने का प्रयास किया गया है।
सेमिनार के अंत में धन्यवाद ज्ञापन उप मुख्य सतर्कता अधिकारी जे. पी. सिंह ने किया।
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