पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर हुआ एक और हादसा
एक 12 साल के बच्चे सहित दर्जन भर बकरियों की दर्दनाक मौत
दो गंभीर घटनाओं से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण में आ रही है भ्रष्टाचार की दुर्गंध
पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (#EFC) पर फिर से एक हादसा हो गया। सोमवार, 20 सितंबर को दोपहर बाद लगभग पांच बजे के आसपास टूंडला से कानपुर की तरफ लाइम स्टोन लेकर जा रही मालगाड़ी इटावा के पास ट्रैक धंसने से पलट गई और कई वैगन एक-दूसरे के ऊपर चढ़कर बुरी तरह टूट-फूट गए।
मलबे में दबकर एक 12 साल के बच्चे की और लगभग एक दर्जन बकरियों की दर्दनाक मौत हो गई। इसके अलावा दो-तीन बदनसीब लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में 23 अगस्त को भी इसी रूट पर न्यू भदान और न्यू एकदिल सेक्शन के बीच हिसार से ईस्ट कोस्ट रेलवे की तरफ स्टील और आयरन लेकर जा रही मालगाड़ी के 17 वैगन डिरेलमेंट हो गए थे।
इटावा के पास हुए ताजा हादसे के घटनास्थल पर राहत एवं बचाव कार्य में लगे रेल कर्मचारियों का साफ कहना है कि ट्रैक निर्माण अत्यंत घटिया दर्जे का हुआ है। इसमें बहुत खामियां हैं और पटरियां ऐसे मुड़ रहीं हैं मानो कोई लकड़ी के टुकड़े हों।
उक्त दो गंभीर घटनाओं से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण में भ्रष्टाचार की दुर्गंध आ रही है, लेकिन जांच करेगा कौन? दूध का धुला तो शायद ही कोई हो।
यानि डीएफसी के अधिकारी और कर्मचारी मजे की मलाई काट रहे हैं। बाकी राहत और बचाव कार्य में उत्तर मध्य रेलवे के कर्मचारी लगाए गए हैं। रूट पूरी तरह से बाधित है।
बीते दिसंबर माह में प्रधानमंत्री द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 351 किलोमीटर लंबे पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के न्यू खुर्जा रोड से न्यू भाऊपुर सेक्शन का उद्घाटन किया गया था।
उद्देश्य यही था कि मालगाड़ियों के लिए अलग गलियारा बन जाने से दिल्ली-हावड़ा रूट – जो हैवी कंजेशन के मामले में सबसे व्यस्त रूट है – को कंजेशन से निजात मिल जाएगी, लेकिन आसार कुछ अच्छे नहीं लग रहे हैं।
जानकारों का मानना है कि इस गलियारे के निर्माण में जो भी खामियां और गड़बड़ियां हैं, इसका थर्ड पार्टी ऑडिट और उच्चस्तरीय जांच कराई जानी चाहिए तथा घोटालेबाजों पर सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है, वरना आगे और भी दुर्गति हो सकती है।
Stern action on the following is required
MD/DFCC, who is responsible for overall working & supervision
Team Leader
Deputy Team Leader
PEMS – Deputy Team Leader, Rajneesh Grover, the Supervision Agency under World Bank.
PEMS – This company have their office in a 5-Star Hotel, in Dwarka, Delhi, with MD as B. B. Saran.
So Mr. Saran should be taken up. His team is getting huge salaries and making project reports only while sitting in AC offices.
And finally, Commissioner, Railway Safety (CRS).
#EasternFreightCorridor #IndianRailways #AshwiniVaishnaw #RailwayBoard #PMOIndia #CVCIndia