यदि एक बार में महंगाई भत्ता देने में मुश्किलें आ रहीं हैं तो इसे किश्तों में भी दिया जा सकता है -शिवगोपाल मिश्रा

लखनऊ में चारबाग रेलवे स्टेशन के सामने तेजस एक्सप्रेस की विरोध रैली को संबोधित करते हुए एआईआरएफ/एनआरएमयू के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा.

महंगाई भत्ता: थोड़ी लंबी हो सकती है केंद्रीय कर्मियों की प्रतीक्षा, डीए पर होने वाली समिति की बैठक एक बार फिर टली

केंद्रीय कर्मचारियों को 1 जुलाई, 2021 से महंगाई भत्ता (डीए) फिर से देने की घोषणा केंद्र सरकार ने की थी। सातवें वेतन आयोग से जुड़ी समस्याओं को लेकर नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (एनसी-जेसीएम) के पदाधिकारी और डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेंनिग (डीओपीटी) तथा वित्त मंत्रालय के अधिकारी लगातार संपर्क में बने हुए हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मई के अंत में इन सभी संस्थाओं के बीच बातचीत होनी थी, लेकिन कोरोना के कारण अब यह बैठक जून के तीसरे सप्ताह में होने की संभावना है। बैठक टलने के बाद अब कर्मचारियों की प्रतीक्षा अब थोड़ी लंबी हो सकती है।

बताते हैं कि महंगाई भत्ते से जुड़ी समस्याओं को लेकर एनसी-जेसीएम के पदाधिकारी, डीओपीटी और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक 8 मई को भी होनी थी जो टल गई और उसके बाद मई अंत में बैठक का फैसला किया गया था। अब वह बैठक भी टल जाने से महंगाई भत्ते पर अंतिम निर्णय होने में और देर होने की आशंका है।

एनसी-जेसीएम स्टाफ साइड के सेक्रेटरी शिवगोपाल मिश्रा का कहना है कि कोरोना के मौजूदा हालात में महंगाई भत्ते पर बैठक टलने को नकारात्मक रूप में लेने की जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि एनसी-जेसीएम स्टाफ साइड ने सरकार को यह सुझाव दिया है कि यदि एक बार में महंगाई भत्ता देने में मुश्किलें आ रहीं हैं तो इसे किश्तों में भी दिया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार 1 जुलाई से महंगाई भत्ता दिया जाना था। इसमें पिछली तीन किश्तों – 01.01.2020, 01.07.2020, 01.01.2021 – का बकाया भी शामिल है। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यह मामला वर्तमान में सबसे बड़ी चर्चा का विषय है। किस्तों पर फिलहाल कोई निर्णय न होने का असर उनके एरियर पर भी पड़ेगा।

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