पदोन्नति में आरक्षण नहीं: महाराष्ट्र सरकार का साहसी निर्णय

Supreme Court of India

सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण रद्द करने के बाद महाराष्ट्र सरकार द्वारा लिया गया यह एक साहसी निर्णय है!

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य कर्मचारियों की पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। राज्य सरकार ने 20 अप्रैल 2021 को वरिष्ठता के अनुसार सामान्य श्रेणी (ओपन कैटेगरी) में रिक्त पदों को भरने के लिए 33 प्रतिशत आरक्षित पदों को भरने का जो सरकारी आदेश जारी किया था, उसे अब रद्द कर एक नया आदेश जारी किया है।

इस नए आदेश में महाराष्ट्र सरकार ने 25 मई, 2004 और उससे पहले की वरिष्ठता के अनुसार सभी पदों को भरने का आदेश जारी किया है। परिणामस्वरूप, पदोन्नतियों में अब आरक्षण लागू नहीं होगा, बल्कि वरिष्ठता के आधार पर सभी रिक्त पदों पर कर्मचारियों की पदोन्नतियां होंगी।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में हाईकोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण को अवैध घोषित कर दिया था। महाराष्ट्र सरकार ने हाईकोर्ट के उक्त निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने अब तक हाईकोर्ट के निर्णय पर कोई फैसला नहीं दिया है। अतः पदोन्नतियों में हो रही देरी के कारण राज्य सरकार ने आरक्षण के बिना वरिष्ठता के अनुसार रिक्तियों को भरने का आदेश जारी किया है।

लेकिन फिर 20 अप्रैल 2021 को, पदोन्नति कोटा में 33% आरक्षित पदों को रिक्त रखकर केवल सामान्य श्रेणी में रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार ने आदेश जारी किया गया था। अब सरकार ने बिना आरक्षण के सभी पदों को भरने के लिए इसे एक बार फिर से बदलने का निर्णय किया है।

अतः आरक्षित श्रेणी की रिक्तियों के 33% पद अब वरिष्ठता के अनुसार भरे जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण रद्द करने के बाद राज्य सरकार द्वारा लिया गया यह एक साहसी निर्णय है और इसे काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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