नेतृत्व विहीन और हेड-लेस हो गई है भारतीय रेल!
कोई नहीं बचा है भारतीय रेल का गार्जियन, पैरेंट, अभिभावक या माई-बाप
चौतरफा मची हुई है त्राहि-त्राहि, रेलकर्मियों और अधिकारियों को नहीं मिल पा रही है रेल अस्पतालों में जगह
DyCPO/NR Anand Prakash expired
Secretary to AGM/NR Kohli expired, ACM NR expired
SrDCM/LKO/NR Jagtosh Shukla critical, shifted by air ambulance to Noida
100s of supervisors and employees or their family members are dying every week
But Railway Administration is indifferent to prevailing situation, Administration has decimated the remnants of Indian Railways left by criminal “YadavaRaj” further to the extent that Indian Railway families will never pardon this, Who has failed to accomplish even one thing after taking over.
सुरेश त्रिपाठी
भारतीय रेल नेतृत्वविहीन हो गई है। कोई देखने-सुनने वाला नहीं है कि कितने रेल कर्मचारी और अधिकारी कोरोना से संक्रमित होकर अकाल काल कवलित हो गए हैं।
अब तक सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी अधिकारी संक्रमित हुए हैं। सैकड़ों काल कवलित हो चुके हैं। जो संक्रमित हो रहे हैं, जोनल और डिवीजनल रेल अस्पतालों में उनको जगह नहीं मिल रही है।
पूर्व रेलवे का बी. आर. सिंह जोनल अस्पताल कोरोना संक्रमित रेलकर्मियों से अटा पड़ा है। एक-एक बिस्तर पर दो-दो तीन-तीन मरीजों को डाला हुआ है। जबकि कार्यवाहक जोनल प्रमुख अनिर्णय का शिकार होकर हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं।
इस बारे में पूर्व रेलवे के कार्यवाहक जीएम मनोज जोशी ने अभी फोन करके बताया कि जानकारी में कुछ गड़बड़ है। उन्होंने बताया कि बी आर सिंह हॉस्पिटल में पर्याप्त बेड उपलब्ध हैं, किसी भी बेड पर दो-तीन मरीजों को नहीं रखा है। इसके अलावा कचरापाड़ा, आसनसोल के मंडल अस्पतालों में भी बेड की संख्या बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और हर दिन समीक्षा की जाती है।
यही हाल उत्तर रेलवे के सेंट्रल हॉस्पिटल नई दिल्ली का है। यहां कार्यरत और सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों का तांता लगा हुआ है।
उत्तर रेलवे लखनऊ के मंडल रेल अस्पताल, चारबाग और उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज तथा कानपुर सेंट्रल के अस्पतालों की भी यही हालत है।
पूर्व मध्य रेलवे, दक्षिण पश्चिम रेलवे, दक्षिण मध्य रेलवे और दक्षिण रेलवे सहित अन्य जोनल रेलों में भी स्थिति बहुत विकट बनी हुई है।
As per information, Covid Positive cases in ECR/Hajipur
1. S K sharma ccm/com/hjp admitted 93%o2 without o2, 2. Bandana Sharma fa&co/account/hjp admitted 97% o2, 3. D S Srivastava DyCE/Samastipur admitted 98% with o2, 4. R K Sinha DyCE/C/MHX, admitted, stable, 5. Dr Ranjeet Kumar CMS/DNR at home quarantine, 6. Dr V K Rajak ACMS/DNR, referred to IGIMS, 7. A. K. Gupta SrDEN3/DNR home quarantine.
Dr Shashibala, Dr Devesh, Dr Kaushal, Dr Raviprakash, Dr Ansuman, Dr Sanjay Gupta, Dr Sanjay kumar, Dr Pankaj, Mr Harpal singh, Mr B B Gupta, Mr Manish Kumar, Mr S K Sharma, PCCM, Mr Ravindra,PCMM, Mr A K Bhargav, Mr Ved Prakash Ram, Mhx, Mr Manoj Kumar Pandey, Dy, Mrs Vandana Sharma, FA, Mr Ujjawal Anand, DyCVO, Mr Nitin Kumar, DGM/G, Mr Shyam Patel, CME, Mr R K Sinha, CE.
मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे का तो और भी बुरा हाल है। जहां मध्य रेलवे के भायखला जोनल अस्पताल और कल्याण के मंडल रेल अस्पताल में जगह नहीं है। यहां रनिंग स्टाफ सहित अन्य स्टाफ के दसियों कर्मचारी मौत की भेंट चढ़ चुके हैं।
वहीं पश्चिम रेलवे के जगजीवन राम जोनल अस्पताल में बिस्तरों की उपलब्धता के लिए हेल्पलाइन जारी करके रेलकर्मियों अधिकारियों को सलाह दी गई है कि वे सीधे अस्पताल आने से पहले हेल्पलाइन पर कॉल करके बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
उत्तर मध्य रेलवे के आगरा मंडल के लगभग सभी अधिकारी कोरोना संक्रमित हो गए हैं, जबकि सीनियर डीपीओ का देहांत हो चुका है।
वहीं पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की डीआरएम और उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के सीनियर डीसीएम सहित दोनों मंडलों के ज्यादातर अधिकारी संक्रमित हैं। खबर है कि उन्हें रेलवे अस्पतालों में तो क्या, शहर के किसी अस्पताल में जगह नहीं मिल पा रही है।
जानकारों का मानना है कि वर्तमान में सैकड़ों नहीं, बल्कि हजारों रेलकर्मी और अधिकारी कोरोना संक्रमित होकर जिंदगी से संघर्ष कर रहे हैं, जबकि उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। चारों तरफ हताशा और निराशा का माहौल है।
जबकि रेलमंत्री और सीआरबी सीईओ या तो हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं, या फिर सोशल मीडिया पर भारतीय रेल की निरर्थक उपलब्धियां गिना रहे हैं। लगभग चार महीने का समय गुजर गया है, जोनल महाप्रबंधक के पद नहीं भरे जा रहे हैं। पूरा बोर्ड खाली पड़ा है, एक जो फाइनेंस मेंबर है, उसका कोई मतलब नहीं है, तथापि बोर्ड मेंबर्स और जोनल जीएम्स के पद नहीं भरे जा रहे हैं।
परिणामस्वरूप पूरी रेल व्यवस्था न सिर्फ दिशाहीन हो गई है, बल्कि नेतृत्वविहीन भी है, क्योंकि जो अधिकारी जीएम में पोस्टिंग की राह देख रहे हैं, उनका कार्यकाल लगातार कम होता जा रहा है। इसीलिए वे हतोत्साहित हैं, किंकर्तव्यविमूढ़ होकर बैठे हैं। कोई निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। और जो जीएम हैं भी, तो उन पर दो-दो जोनल रेलों का कार्यभार होने से वे किसी भी पद के साथ न्याय नहीं कर पा रहे हैं। अतः पूरी रेल व्यवस्था चरमरा गई है।
As per information, Covid Positive cases in Agra
1. SrDME O&F 2. SrDSTE Sig. 3. SrDFM and family 4. DPO and family 5. DOM and family 6. ADME O&F 7. CMS madam 8. Sr dste works family 9. SrDCM madam 10. DyCSTE/C 11. DCM 12. SrDEN 1 family 13. DEE TRD 14. DyCEE 15. SrDEE Op 16. DSTE Agra 17. Dy CE 18. AEN-1 Mathura 19. AEN DHO 20. ADEE Mathura 21. AEN/C Agra 22. DPO/Agra has passed away
विनय न मानत जलधि जड़ गए चार महीने बीति!
4 महीनों में #GM/#BoardMembers की पोस्टिंग नहीं हो सकी
नेतृत्वविहीन/हेडलेस हो गई है #भारतीयरेल!
कोई नहीं बचा है भा.रे. का गार्जियन या माई-बाप
चौतरफा मची हुई है त्राहि-त्राहि, कोरोना संक्रमित रेलकर्मियों को नहीं मिल रही रेल अस्पतालों में जगह pic.twitter.com/NrpTpFyoxt— RAILWHISPERS (@Railwhispers) April 19, 2021