माल लोडिंग से दिसंबर, 2020 में हुई रेलवे को पर्याप्त आय
रेलवे ने माल लोडिंग से दिसंबर, 2020 में ₹11788.11 करोड़ की आय अर्जित की है
दिसंबर, 2019 में भारतीय रेल ने इस मद में ₹11030.37 करोड़ का राजस्व अर्जित किया था
मार्च, 2020 से कोरोना संकट के कारण रेलवे द्वारा सीमित संख्या में यात्री गाड़ियों का परिचालन किया जा रहा है। कुछ गलत नीतियों और कुछ कोरोना के कारण रेलवे को राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
इस नुकसान की भरपाई करने और राज्यों तक आवश्यक सामग्री पहुंचाने के लिए रेलवे ने विशेष मालगाड़ियों का संचालन किया। इसके अलावा समयबद्ध (टाइम टेबल्ड) मालगाड़ियां चलाकर फ्रेट लोडिंग में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई है।
रेलवे ने दिसंबर, 2019 की अपेक्षा दिसंबर, 2020 में 8.54% अधिक गुड्स और आवश्यक सामग्री की लोडिंग किया है।
दिसंबर, 2020 में रेलवे ने 118.13 मिलियन टन सामग्री का लदान किया, जबकि दिसंबर, 2019 में 108.84 मिलियन टन माल गंतव्य तक पहुंचाया गया था।
इस अवधि में सिर्फ माल लोडिंग ही नहीं बढ़ी, बल्कि रेलवे की आय भी 6.87% अधिक हुई है।
रेलवे ने माल लोडिंग से दिसंबर, 2020 में ₹11788.11 करोड़ की आय अर्जित की है, जबकि दिसंबर, 2019 में ₹11030.37 करोड़ का राजस्व अर्जित किया था। अर्थात पिछले साल की समान अवधि की अपेक्षा दिसंबर, 2020 में रेलवे ने ₹757.74 करोड़ अधिक की आय अर्जित की है।
दिसंबर, 2020 में रेलवे द्वारा की गई कुल118.13 मिलियन टन लोडिंग में से 50.67 मिलियन टन कोयला, 15.31 मिलियन टन लौह अयस्क, 6.13 मिलियन टन अनाज, 5.23 मिलियन टन उर्वरक, 4.3 मिलियन टन खनिज तेल और 7.46 मिलियन टन सीमेंट की ढ़ुलाई शामिल है।
फ्रेट अर्निंग बढ़ाने के लिए रेलवे ने माल ढुलाई रेट में भी छूट दी। फ्रेट लोडिंग बढ़ाने के लिए व्यापारियों, कारोबारियों, उद्योगों और किसानों को रेलवे ने भारी छूट दी है।
इसके अलावा फ्रेट लोडिंग आय बढ़ाने के लिए रेलवे द्वारा शीघ्र ही जीरो बेस्ड टाइम टेबल जारी किया जाने वाला है।
इसके साथ ही विभिन्न गुड्स को सुरक्षित और तेजी से गंतव्य तक पहुंचाने के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण कार्य भी तेज गति से पूरा किया जा रहा है.
यहीं नहीं किसानों की फसलों को बाज़ारों तक पहुंचाने के लिए अब तक सौ से अधिक किसान रेलगाड़ियां चलाई जा चुकी हैं।
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