635 रेलवे स्टेशनों के ‘विकास’ हेतु निजी क्षेत्र से ‘अभिनव विचार आमंत्रित’
रेलवे ने निजी कंपनियों को दिया स्टेशनों के ‘पुनर्विकास’ का खुला निमंत्रण
इलाहाबाद ब्यूरो : भारतीय रेलवे में 635 स्टेशनों के विकास के लिए ‘अभिनव विचार आमंत्रित’ करने हेतु एक प्रतियोगिता ‘सृजन’ (संयुक्त कदम के जरिए स्टेशन कायाकल्प पहल) का शुभारंभ माईगव पोर्टल पर किया गया है. इसके अंतर्गत लोगो प्रतियोगिता के विजेता और टैगलाइन के विजेता को भी 75-75 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा. प्रविष्टियां प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 26 मार्च, 2018 है. आईआरएसडीसी ने स्टेशन विकास में इच्छुक कंपनियों और प्रोफेशनलों के लिए स्टेशनों के पुनर्विकास हेतु अवधारणा और मास्टर प्लान विकसित करने के लिए खुला निमंत्रण दिया है.
भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम लिमिटेड (आईआरएसडीसी) ने देश भर में लगभग 600 प्रमुख रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की दिशा में काम शुरू किया है. इस व्यापक अभियान के तहत सभी हितधारकों यथा रेल यात्रियों, शहरी नियोजकों, वास्तुकारों और अभियंताओं की सहायता एवं भागीदारी अत्यंत आवश्यक है.
हितधारकों के साथ सलाह-मशविरा करने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे में 635 स्टेशनों के विकास के लिए अभिनव विचारों को 26 मार्च, 2018 आमंत्रित किया गया है. प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रमाण पत्र दिए जाएंगे और सुयोग्य विचारों को संबंधित डिजाइनों में अंतर्निहित किया जाएगा.
आईआरएसडीसी ने पैनल बनाने का एक दौर पूरा कर लिया है और 11 कंपनियों को ए, बी, सी श्रेणियों में सूचीबद्ध किया गया है. हालांकि, सभी स्टेशनों पर एक साथ काम शुरू करने के लिए और ज्यादा वास्तु फर्मों की आवश्यकता है. इसे ध्यान में रखते हुए सूचीबद्धता के लिए अनुरोध का दूसरा दौर पहले ही शुरू कर दिया गया है, जो एक निरंतर जारी रहने वाली प्रक्रिया है. इसके अलावा, स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए अवधारणा एवं मास्टर प्लान विकसित करने हेतु सभी प्रोफेशनलों के लिए एक खुला निमंत्रण वेबसाइट https://www.irsdc.com/images/Invitation%20Concept%20Plan%20120218.pdf पर दिया गया है.
स्टेशनों के लिए अपनी अभिरुचि प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 9 मार्च, 2018 है. मार्च, 2018 में जल्द ही एक ‘वास्तुकार-संवाद’ आयोजित करने की योजना भी बनाई गई है, जिसमें रेलमंत्री पीयूष गोयल भी इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए संबंधित रणनीति पर वास्तुकारों के साथ संवाद करेंगे.
तीन स्टेशनों यथा ग्वालियर, नागपुर और बेप्पनहल्ली के लिए अंतरराष्ट्रीय डिजाइन प्रतियोगिता का पहला दौर पूरा हो चुका है. दूसरा चरण 31 मार्च, 2018 तक पूरा हो जाएगा. इसके बाद इन स्टेशनों के लिए इंजीनियरिंग खरीद अनुबंध (ईपीसी) निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी. पांच स्टेशनों यथा चंडीगढ़, आनंदविहार (दिल्ली), सिकंदराबाद, बेंगलुरू और पुणे के लिए निजी पक्षों के जरिए एकीकृत स्टेशन प्रबंधन हेतु निविदाएं आमंत्रित की गई हैं. इन अनुबंधों के जरिए निजी पक्षों के माध्यम से स्टेशनों का एकीकृत प्रबंधन किया जाएगा. चंडीगढ़, आनंदविहार, बिजवासन और सूरत स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए मार्च, 2018 तक निविदाएं आमंत्रित किए जाने की आशा है.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले रेल प्रशासन द्वारा 720 रेलवे स्टेशनों के लिए भी ऐसा खुला आमंत्रण निजी क्षेत्र की कंपनियों को दिया गया था. परंतु उस समय एक तो किसी कंपनी ने इसमें रुचि नहीं दर्शाई थी, दूसरे जिसने भी इसमें रुचि दिखाई थी, उसका प्रस्ताव रेलवे द्वारा प्रस्तावित राशि से बहुत कम था. इस वजह से रेल प्रशासन की उक्त योजना तब कामयाब नहीं हो पाई थी. अब पुनः रेल प्रशासन ने निजी क्षेत्र को आकर्षित करने का नया आमंत्रण दिया है, परंतु इस बार फिलहाल स्टेशन वार कोई अनुमानित राशि का खुलासा रेल प्रशासन ने नहीं किया है. बहरहाल, किसी न किसी तरह भारतीय रेल के प्रमुख रेलवे स्टेशनों को ‘बेचने’ अथवा बेशकीमती रेल संपत्तियों को लंबी अवधि के लिए लीज पर देने या ‘मुर्दाघर’ बनाए जाने की रणनीति पर काम किया जा रहा है, जो कि भारतीय रेल के हित में नहीं होगा.