झांसी-कानपुर खंड का दोहरीकरण दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य -संदीप माथुर
बीना-धौलपुर खंड पर तीसरी लाइन तथा महोबा- खजुराहो खंड के विद्युतीकरण, झांसी-कानपूर खंड का दोहरीकरण कार्य पूरा दिसंबर 2020 तक तथा झांसी-कानपूर खंड पर नंदखास-परौना खंड, भुआ-उरई-ससौकी तथा, चौरांह-पुखराया-मलासा का कार्य मार्च 2021 तक पूरा हो जाएगा
झांसी : मंडल रेल प्रबंधक, झांसी मंडल, उत्तर मध्य रेलवे, संदीप माथुर द्वारा वेबेक्स के माध्यम से बुधवार, 9 सितंबर को ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई। कांफ्रेंस में मंडल रेल प्रबंधक ने अगस्त माह की उपलब्धियां, नई परियोजनाओं एवं प्रगतिशील कार्यों की जानकारी पॉवर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से दी।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में पत्रकारों ने ऑनलाइन अपनी उपस्थिति दर्ज की तथा विभिन्न मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा की। डीआरएम माथुर ने बताया कि मंडल में अब दो अपर मंडल रेल प्रबंधक (एडीआरएम) हो गए हैं, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर तथा ऑपरेशन संबंधी कार्यों की और बेहतर मोनिटरिंग हो सकेगी।
उन्होंने झांसी-कानपुर खंड पर दोहरीकरण, बीना-धौलपुर खंड पर तीसरी लाइन तथा महोबा- खजुराहो खंड के विद्युतीकरण के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि झांसी-कानपूर खंड का दोहरीकरण कार्य पूरा करने का लक्ष्य दिसंबर 2020 रखा गया है। मार्च 2021 तक झांसी-कानपूर खंड पर नंदखास-परौना खंड, भुआ-उरई-ससौकी तथा, चौरांह-पुखराया-मलासा का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा यह कार्य तेजी से किया जा रहा है। इस खंड पर चिरगांव और नंदखास स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। गढ़मऊ, पारीछा, मोठ स्टेशन पर इसी वर्ष दिसंबर तक फुट ओवर ब्रिज का काम भी पूरा कर लिया जाएगा। इसी खंड में अन्य 4 स्टेशनों पर भी मार्च 2021 तक फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा किए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने बताया इटावा-ग्वालियर खंड के विद्युतीकरण का कार्य भी मार्च-21 तक पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने आगे बताया कि मंडल द्वारा रानीपुर रोड तथा रोरा पर नवीनतम तक्नीकी युक्त इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का अधिकतर कार्य लॉकडाउन अवधि में ही पूरा कर लिया गया था, जिसको अंतिम रूप जुलाई-अगस्त में दिया गया। उन्होंने बताया कि झांसी-प्रयागराज खंड में केवल मऊरानीपुर ही एक मात्र स्टेशन रह गया है, जिसमें वर्तमान में मैकेनिकल इंटरलॉकिंग प्रणाली पर कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने बताया, अक्टूबर में मऊरानीपुर स्टेशन को भी इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग युक्त कर दिया जाएगा। इसके बाद पूरे झांसी-प्रयागराज खंड पर बिना किसी रुकावट के सभी गाड़ियां 110 किमी की गति से संचालित की जा सकेंगी।
इसके अतिरिक्त डीआरएम माथुर ने बताया कि मंडल द्वारा झांसी-बीना खंड पर तीसरी लाइन की पहली इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के संस्थापन का कार्य बिजौली स्टेशन पर पूरा कर लिया गया है। तत्पश्चात खजराहा एवं अक्टूबर तक बबीना स्टेशन पर तीसरी लाइन की इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का कार्य पूरा किया जाएगा।
नवंबर-दिसंबर में सीआरएस के अनुमोदन के बाद झांसी-बबीना 25 किमी खंड पर तीसरी लाइन प्रारंभ होने की संभावना है, जिससे रेल संचालन और सुगम हो सकेगा। उन्होंने कहा कि बबीना से ललितपुर के बीच दो बड़े पुलों पर कार्य चल रहा है। इनके पूरा होते ही झांसी-ललितपुर खंड पर तीसरी लाइन संबंधी मूल कार्य लगभग पूरा हो जाएगा।
डीआरएम माथुर ने बताया कि मालगाड़ियों की औसत गति को दोगुना कर दिया गया है। इसके साथ ही मिशन रफ्तार के अंतर्गत मंडल के बीना-झांसी-धौलपुर खंड पर अब 130 किमी की अधिकतम गति से ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 12 सितंबर से पूर्व में संचालित ट्रेनों के अतिरिक्त 40 जोड़ी ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। जिनमें से 5 जोड़ी अतिरिक्त विशेष गाड़ियां झांसी मंडल से गुजरेंगी/प्रारंभ होंगी।
सभी रेलगाड़ियां पूर्णत: आरक्षित ट्रेन होंगी। जो की निम्न है :
1. 01107 ग्वालियर-मडुवाडीह बुन्देलखंड एक्स.
2. 01108 मडुवाडीह-ग्वालियर बुन्देलखंड एक्स.
3. 01841 खजुराहो-कुरूक्षेत्र एक्सप्रेस
4. 01842 कुरूक्षेत्र-खजुराहो एक्सप्रेस
5. 02591 गोरखपुर-यशवंतपुर एक्सप्रेस
6. 02592 यशवंतपुर-गोरखपुर एक्सप्रेस
7. 02627 बंगलुरु-नई दिल्ली एक्सप्रेस
8. 02628 नई दिल्ली-बंगलुरु एक्सप्रेस
9. 02615 चेन्नई-नई दिल्ली एक्सप्रेस
10. 02616 नई दिल्ली-चेन्नई एक्सप्रेस
इसके अतिरिक्त 3 सितम्बर से 4 जोड़ी परीक्षा स्पेशल ट्रेनें झांसी-इटावा, झांसी-लखनऊ, कानपूर-चित्रकूट (वाया बांदा) तथा कानपूर-चित्रकूट (वाया फतेहपुर, मानिकपुर) भी संचालित की जा रही हैं।
मंडल रेल प्रबंधक ने बताया कि भारतीय रेल माल लदान को वर्ष 2024 तक दोगुना करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर काम कर रही है। यह लक्ष्य प्राप्त करने के लिए भारतीय रेल गैर थोक वस्तुओं के परिवहन में बड़े पैमाने पर प्रवेश करने के साथ-साथ कोयला, पीओएल, स्टील, सीमेंट, लौह अयस्क, खाद्यान्न, उर्वरक जैसी पारंपरिक वस्तुओं की ढुलाई में अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाने के लिए प्रयास हो रहा है।
उन्होंने कहा कि नॉन बल्क या गैर थोक सामग्रियों की ढुलाई मुख्यतः सड़क मार्ग से होती है और इस वृहद क्षेत्र में रेलवे के लिए बड़ा अवसर है, जिसे एक उपयुक्त व्यवसायिक मॉडल को अपनाकर अपने पक्ष में किया जा सकता है। मंडल के विभिन्न स्थानों से बलास्ट की लोडिंग की जाती है। इसके लिए सड़क परिवहन का बहुतायत उपयोग किया जाता है। इसको रेलवे से करने हेतु मंडल निरंतर प्रयासरत है। रेल के माध्यम से इन वस्तुओं का परिवहन न केवल सस्ता होगा, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी होगा।
उन्होंने बताया कि अगस्त में ही मंडल के रायरू माल गोदाम से बंगलादेश के लिए 2 रेक लोड किए गए हैं, जिससे मंडल को 1.8 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है। मंडल द्वारा किए जा रहे विशेष प्रयासों से कोविड के दौरान आई लदान में कमी को पूर्ण किया जा रहा है तथा पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर प्रदर्शन हेतु मंडल आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि माल गोदामों के विकास हेतु प्रथम चरण में रायरू, दतिया तथा भीमसेन माल गोदाम को चिन्हित किया गया है। इन माल गोदामों में उजाले का स्तर बढ़ाने, पीने के पानी की उचित व्यवस्था तथा साज-सज्जापूर्ण मर्चेंट रूम की व्यवस्था की जा रही है। इसके अतिरिक्त टीकमगढ़ स्टेशन को लदान हेतू खोले जाने पर भी विचार किया जा रहा है।
प्रेस वार्ता में अपर मंडल रेल प्रबंधक अमित सेंगर तथा वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक नवीन दीक्षित उपस्थित रहे। सीनियर डीसीएम नवीन दीक्षित ने इस ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस का संचालन किया।