जीएम इंस्पेक्शन से ठीक पहले आनन-फानन में खड़े किए गए विद्युत पोल मामूली अंधड़ में हुए धराशाई

मामूली अंधड़ में जमींदोज हुए बिजली के आधारहीन खंभों का निरीक्षण करते सुपरवाइजर

जबलपुर मंडल, विद्युत विभाग की भ्रष्टाचारपूर्ण कार्य प्रणाली के तहत ठेकेदार ने सतनाटिकरिया और सतनारीवा खंड पर अमानक कार्य को अंजाम दिया

जबलपुर मंडल, पश्चिम मध्य रेलवे के विद्युत विभाग की भ्रष्टाचारपूर्ण कार्य प्रणाली के चलते बिजली के खंभे गाड़ने के काम में जबलपुर के चहेते ठेकेदार ने जमकर लीपापोती की। यही वजह है कि जिस काम को ठेकेदार ने 14 मार्च को पूरा किया, वह जगह-जगह उजागर होने लगा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कैमा रेलवे स्टेशन पर बिजली के ये आधा दर्जन खंभे एक मामूली आंधी में ढ़ह गए। ठेकेदार का यह अमानक कार्य जीएम निरीक्षण से ठीक पहले किया गया था।

पता चला है कि मानक के अनुरूप गड्ढ़े खोदकर सही तरीके से यह विद्युत पोल खड़े न किए जाने के कारण एक मामूली अंधड़ में ही धराशाई हो गए। जबलपुर मंडल बिजली विभाग के अधिकारियों की भ्रष्टाचारपूर्ण कार्य प्रणाली के कारण जबलपुर के ठेकेदार यासीन खान और उसके मैनेजर जावेद खान ने यह गुणवत्ताविहीन कार्य सतना-टिकरिया और सतना-रीवा रेलखंड पर पड़ने वाले सभी रेलवे स्टेशनों पर अंजाम दिया है।

पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक शैलेंद्र कुमार सिंह के निरीक्षण दौरे को सफल बनाने के लिए लाखों रुपए का बजट तैयारियों के नाम पर पानी की तरह बहाया गया। इसके लिए सतना-मानिकपुर और रीवा-सतना रेलखंड के सभी रेलवे स्टेशनों पर पूर्व तैयारी को लेकर काफी काम करवाया गया था। विद्युत संबंधी यह सभी कार्य दोनों रेलखंडों पर अधिकारियों ने अपने करीबी जबलपुर निवासी ठेकेदार को सौंपा था।

ठेकेदार ने जल्दबाजी और अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में घटिया निर्माण करवाया, जो अब अधिकारियों के गले की फांस बनता नजर आ रहा है। बिजली के यह खंभे गाड़ने के लिए निर्धारित मानक के अनुरुप गड्ढा खोदे बिना ही खड़े कर दिए गए, जिसके कारण मामूली सी आंधी में यह खंभे ढ़ह गए।

सतना से रीवा की तरफ जाने पर पहला रेलवे स्टेशन कैमा आता है। यहीं पर आंधी के कारण अभी हाल ही में लगाए गए आधा दर्जन बिजली के खंभे धराशाई हो गए। इसकी जानकारी मिलने पर कुछ सुपरवाइजर मौके पर पहुंचे। जितने भी नए खंभे दोनों रेलखंडों के रेलवे स्टेशनों पर खड़े किए गए थे, उनकी नींव ठेकेदार ने निर्धारित मानक के अनुरूप तैयार नहीं की थी, जिससे तेज हवा चलने से वह सब धराशाई हो गए। अब ठेकेदार का यह घटिया काम संबंधित अधिकारियों के लिए न सिर्फ एक मुसीबत बन गया है, बल्कि इससे यह भी साबित हो गया है कि रेलवे में भ्रष्टाचार चौतरफा व्याप्त है।

कुछ रेलकर्मियों का कहना है कि जिस समय ठेकेदार कैमा सहित अन्य रेलवे स्टेशनों पर बिना मानक आधार बनाए यह काम कर रहा था, यदि उसी दौरान जिम्मेदार अधिकारी ध्यान देते, तो शायद जीएम इंस्पेक्शन के महज डेढ़ महीने के अंदर इस तरह का नजारा उपस्थित नहीं होता। मौके पर पहुंची टीम ने देखा कि जिस स्थान पर खंभे गाड़े गए थे, वहां कोई मजबूत आधार नहीं बनाया गया था। यही कहानी सतना-रीवा और सतना-मानिकपुर रेलखंड के सभी रेलवे स्टेशनों पर देखने को मिली।

उल्लेखनीय है कि 14 मार्च 2020 को महाप्रबंधक का दौरा हुआ था। मात्र दो महीने के अंदर लाखों रुपए के काम की गुणवत्ता बेनकाब हो गई है। बिजली के खंभे गिरने की जानकारी मिलते ही डीआरएम/जबलपुर संजय विश्वास ने तत्काल सीनियर डीईई को मामले की जांच करने के लिए कहा। सीनियर डीईई ने अपने कुकर्मों को छिपाने के लिए एसएसई/सतना और एसएसई/रीवा को मोबाइल पर फटकार लगाकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली।

मिली जानकारी के अनुसार ठेकेदार की इसी तरह की कोताही कुछ समय पहले टिकरिया रेलवे स्टेशन पर भी सामने आई थी। यहां पर सोलर पैनल से पंप चलाने के लिए एक रेलवे आवास की छत पर सोलर प्लेटें लगाई गई थीं। जहां एक प्लेट को नट-बोल्ट से बिना उचित तरीके से कसे भगवान भरोसे छोड़ दिया गया था। तेज अंधड़ में वह सोलर प्लेट जमीन पर गिरकर चकनाचूर हो गई। इससे हजारों रुपए का नुकसान तो हुआ ही, बल्कि लोगों की जान का खतरा भी पैदा हो गया।