मुंबई मंडल के टिकट चेकिंग स्टाफ की सतर्कता से नाबालिग लड़की बची
गुजरात के आनंद शहर से अपहृत नाबालिग को अपहर्ताओं के चंगुल से मुक्त कराकर जीआरपी को सौंपा
मुंबई : मुंबई मंडल, मध्य रेलवे के नेरूल स्टेशन पर कार्यरत टिकिट चेकिंग स्टॉफ आसाराम मीना, जूनियर टीसी, को बुधवार, 14 अगस्त को प्लेटफार्म पर टिकट चेक करते समय प्रथम श्रेणी डिब्बे से उतरते हुए तीन यात्री मिले, जिनका टिकट सेकंड क्लास था. उन्हें प्रथम श्रेणी का जुर्माना भरने के लिए कहा, तो उन्होंने असमर्थता जताई. तब उन यात्रियों को टीसी ऑफिस लाया गया. हेड टीसी आनंद सिंह ने उन यात्रियों से पूछताछ की.
उन्होंने देखा कि उनमें से एक 15 साल की 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा थी. उसकी बातचीत उन्हें बात संदेहजनक लगी. तब आनंद सिंह ने उस लड़की के पिता से फोन पर बात की. पता चला कि उक्त लड़की का दो दिन पहले गुजरात के आनंद शहर से अपहरण हुआ है और उसके परिवार द्वारा पुलिस में इसकी एफआईआर संख्या 135/19, भादवि की धारा 363 और पोस्को अधिनियम की धारा 18 के तहत दर्ज कराई गई है.
तत्पश्चात हेड टीसी आनंद सिंह ने घटना की गंभीरता को समझते हुए तुरंत मुंबई जीआरपी के कमिश्नर को इस तथ्य से अवगत कराया और उपरोक्त घटना की जानकारी कमर्शियल कंट्रोल को भी दे दी. आगे की करवाई हेतु उक्त नाबालिग लड़की को जीआरपी वाशी में कार्यरत एएसआई पाटिल और महिला सिपाही श्रीमती शिंदे को सुपुर्द कर दिया गया.
इस सराहनीय कार्यवाई में एच. के. औलाख, सुनील कुरणे और आनंद पावले इत्यादि टिकट चेकिंग स्टाफ द्वारा महत्वपूर्ण योगदान दिया गया. इस तरह टिकट जांच कर्मचारियों की सतर्कता से 15 साल की घर से भगाई गई एक लड़की को उनके अपहरणकर्ताओं से बचाया गया.