April 7, 2019

पश्चिम रेलवे के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन के लिए बजाया बिगुल

‘पश्चिम रेलवे कर्मचारी पुरानी पेंशन संघर्ष समिति’ का किया गया गठन

अहमदाबाद : पश्चिम रेलवे के कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन की बहाली के लिए ‘पश्चिम रेलवे कर्मचारी पुरानी पेंशन सम्मेलन’ का आयोजन 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नडियाद के ब्लड बैंक हॉल, रेडक्रॉस सोसाइटी में किया गया. इस सम्मेलन में ‘फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे’ के राष्ट्रीय संयोजक अमरीक सिंह के अलावा ‘इंडियन रेलवे एम्प्लाइज फेडरेशन’ के राष्ट्रीय वित्त सचिव नरसिंह कुमार, उपाध्यक्ष उमेद सिंह विशेष रुप से उपस्थित थे.

इस सम्मेलन के आयोजन में ‘इंडियन रेलवे एसएंडटी मेंटेनर्स युनियन’ के राष्ट्रीय महासचिव आलोक चंद्र प्रकाश की मुख्य भूमिका रही. सभा का संचालन करते हुए आलोक चंद्र ने कहा कि नई पेंशन व्यवस्था पूरे समाज में कैंसर की तरह फैल रही है, जिसका असर कुछ और समय बीतने पर भयावह हो जाएगा. जब तीस-तीस साल तक कार्य करने के बाद हम रेल कर्मचारियों का शरीर वृद्धावस्था के दौर में पहुंचेगा और उस वक्त हमें सबसे ज्यादा सहारे की जरूरत महसूस होगी तब सरकार ने हमारे बुढ़ापे का सहारा ही छीन लिया है.

सम्मेलन को संबोधित करते हुए ‘फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे’ के राष्ट्रीय संयोजक अमरीक सिंह ने कहा कि आजाद भारत में भी दोहरा कानून लागू किया जा रहा है, जो देश के विकास में लगे हुए हैं, बांध बनाते हैं, ऊंची-ऊंची इमारतें बनाते हैं, फैक्ट्रियों में दिन-रात उत्पादन करते हैं, दिन-रात अपने जीवन को जोखिम में डालकर रेलवे का सुरक्षित संचालन करते हैं, उनके बुढ़ापे की सुरक्षा के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं. सरकार पैसे का बहाना बनाकर उनकी पेंशन छीन रही है, जबकि जो लोग आम जनता की कमाई पर चुनकर संसद में जनता के हितों की पहरेदारी करने का स्वांग भरते हैं, वे अपने लिए बेतहाशा खर्च करने के बावजूद अपने बुढ़ापे की सुरक्षा के लिए आजीवन पुरानी पेंशन भी ले रहे हैं, तब तो उनके लिए सरकार के खजाने पर कोई बोझ नहीं पड़ता.

उन्होंने आगे कहा कि एक तरफ सरकार कर्मचारियों को मंहगा बताकर उनकी पेंशन बंद कर चुकी है, वहीं दूसरी ओर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए देश के शिक्षित बेरोजगार नौजवानों को दिहाड़ीदार बनाकर उनका शोषण करके सरकार उनके जीवन को बदहाल बना रही है. सरकार को पूंजीपति मंहगा नहीं पड़ता, जिनके अरबों रुपयों का कर्ज एक झटके में माफ कर देश की जनता को छला जा रहा है. अमरीक सिंह ने कर्मचारियों का आह्वान करते हुए कहा कि एनपीएस की लड़ाई केवल कर्मचारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कर्मचारियों के परिवारों की भी लड़ाई है. हमें एकजुट होकर इस संघर्ष को मजबूती के साथ आगे बढ़ाना होगा.

इंडियन रेलवे एमप्लाइज फेडेरेशन के राष्ट्रीय वित्त सचिव नरसिंह कुमार ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश में तमाम समस्याओं कि जड़ सरकारों द्वारा संविधान प्रदत्त नागरिक हितों के लिए किए गए प्रावधानों को लागू न करना है. संविधान के भाग-4 में राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में राज्य के लोक कल्याण का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत देश के नागरिकों को समान, अनिवार्य एवं मुफ्त शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल, रोजगार यानि सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक सुरक्षा की व्यवस्था दी है, लेकिन सरकार ने एक तरफ कर्मचारियों की पेंशन छीनकर उनके बुढ़ापे का सहारा छीन लिया है, वहीं दूसरी ओर सरकारी उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपकर बेरोजगारों को दिहाड़ीदार बनाकर उनके शोषण के साथ ही बुढ़ापे में उन्हें बेसहारा किया जा रहा है.

इस अवसर पर इंडियन रेलवे एम्प्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय नेतृत्व में ‘पश्चिम रेलवे कर्मचारी पुरानी पेंशन संघर्ष समिति’ का गठन किया गया, जिसमें सर्वसम्मति से ओम प्रकाश को अध्यक्ष, अनिश तिवारी तथा श्यामसुंदर को उपाध्यक्ष, पंकज कुमार को कोषाध्यक्ष, आलोक चंद्र प्रकाश को महासचिव, मनोज कुमार राजाराम तथा धर्मेन्द्र प्रसाद को संयुक्त सचिव चुना गया. सम्मेलन को पश्चिम रेलवे के विभिन्न मंडलों से आए प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया, जिनमें मुख्य रुप से अनिश तिवारी, श्यामसुंदर, पंकज कुमार के अलावा डीएमडब्ल्यू, पटियाला से आए पदाधिकारी प्रदीप कुमार मीना तथा मेजर सिंह, आईआरईयू उ.प.रे. के अध्यक्ष उमेद सिंह ने भी संबोधित किया.


संकेत एवं दूरसंचार कर्मचारियों में भारी उत्साह, सफल हुई IRSTMU की मेहनत

रेलवे बोर्ड ने किया एसएंडटी कर्मचारियों की युनिफॉर्म के कलर कोड में परिवर्तन

भारतीय रेलवे संकेत एवं दूरसंचार अनुरक्षक संघ(आईआरएसटीएमयू) के महासचिव आलोक चंद्र प्रकाश द्वारा ‘रेल समाचार’ को भेजी गई एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि आईआरएसटीएमयू की प्रलंबित मांग को रेलवे बोर्ड ने मानते हुए संकेत एवं दूरसंचार विभाग के तकनीशियनों तथा सहायकों की युनिफॉर्म के कलर कोड में परिवर्तन करते हुए इसे डार्क ग्रे से स्काई ब्लू शर्ट तथा डार्क ब्लू पैंट कर दिया है. युनिफॉर्म के कलर में परिवर्तन की खबर से पूरे भारतीय रेलवे के संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई तथा नए बदले हुए युनिफॉर्म को पहनने के लिए कर्मचारियों में भारी उत्साह देखा जा रहा है.

संगठन के अध्यक्ष नवीन कुमार का कहना है कि संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों में रेलवे बोर्ड के इस फैसले से आत्म सम्मान की वृद्धि हुई है तथा कर्मचारी नई युनिफॉर्म को पहनकर गर्व महसूस कर रहे हैं. आईआरएसटीएमयू इस बदलाव के लिए रेलवे बोर्ड के प्रति अत्यंत कृतज्ञ है. संगठन के प्रवक्ता गगन घनघोर ने इसके लिए अखिल अग्रवाल, महानिदेशक, संकेत एवं दूरसंचार, रेलवे बोर्ड को कोटिशः धन्यवाद करते हुए उनकी रेलवे बोर्ड की समस्त टीम के प्रति आभार व्यक्त किया है.

राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजय शंकर ने बताया कि इस फैसले में हमारे अतिरिक्त सदस्य, संकेत एन. काशीनाथ, ईडी/संकेत अर्जुन सिंह तोमर, ईडी/टांसफॉर्मेशन राजेश गुप्ता तथा उनकी समस्त टीम का योगदान अतुलनीय है. संगठन के उपप्रमुख भुवनेश त्रिपाठी के अनुसार सभी मंडलों में इसे जल्द से जल्द लागू कराने के लिए आईआरएसटीएमयू पूरी तरह से प्रयासरत है तथा इसके प्रयासों से चक्रधरपुर, त्रिवेंद्रम, वडोदरा, अहमदाबाद, रतलाम, तिरुचिनापल्ली समेत समस्त उत्तर पश्चिम रेलवे में नए कलर कोड के युनिफॉर्म के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं.