ट्रैकमैनों की बदतर हालत के लिए फेडरेशन जिम्मेदार हैं -प्रहलाद जोशी, सांसद

महाप्रबंधक, दक्षिण पश्चिम रेलवे ए. के. सिंह ने ट्रैकमैनों के साथ किया रक्तदान

आरकेटीए द्वारा हुबली में संरक्षा सेमिनार और रक्तदान शिविर का आयोजन

हुबली : रेलवे कर्मचारी ट्रैकमेंटेनर एसोसिएशन (आरकेटीए) द्वारा दक्षिण पश्चिम रेलवे के हुबली रेलवे स्टेशन पर स्थित शताब्दी भवन में रविवार, 9 दिसंबर को एक संरक्षा सेमिनार के साथ ही रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया. इस मौके पर बड़ी संख्या में उपस्थित ट्रैकमैनों को संबोधित करते हुए सेमिनार के मुख्य अतिथि एवं स्थानीय सांसद प्रहलाद जोशी ने कहा कि ट्रैकमैनों की बदतर हालत के लिए रेलवे के मान्यताप्राप्त फेडरेशन जिम्मेदार हैं, शायद यही कहना उचित होगा. सांसद जोशी ने कहा कि वे स्वयं गैंगमेन में ड्यूटी कर चुके हैं, इसलिए इसकी परेशानी और दर्द को भली-भांति समझते हैं.

उन्होंने कहा कि रेलवे के दोनों मान्यताप्राप्त फेडरेशनों ने कभी भी ट्रैकमैन की दुर्दशा को और उसकी वस्तुस्थिति को समझने की जरूरत ही महसूस नहीं की. जोशी ने कहा कि आज ट्रैकमैन आरकेटीए के बैनर तले पूरे भारत में एकजुट हो चुका है और अब इस संगठन के माध्यम से सभी जरूरतों और मांगों को प्राप्त किया जा सकता है. हम भारत सरकार से यह मांग करते हैं कि रेलवे के आधार स्तंभ ट्रैकमैन को उनके अधिकार को अविलंब प्रदान करे, ताकि रेलवे की सेफ्टी के साथ कोई खिलवाड़ न हो सके. आज पूरी भारतीय रेल ट्रैकमैन के भरोसे ही एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाती है, परंतु छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर ट्रैकमैन अपने अधिकारियों के दरबार में रोज हाजिरी लगाते रहते हैं, जिससे वे काफी मानसिक तनाव में रहते हैं, जो कि मानवीयता के खिलाफ है.

सांसद जोशी ने बताया कि ट्रैकमैन की मांगों को मुख्य प्राथमिकता के आधार पर रेलवे बोर्ड को देना चाहिए, जिसमें एलडीसीई ओपन-टू-ऑल या अन्य विभागीय परीक्षा के माध्यम से ट्रैकमैनों को प्रमोशन मिलना चाहिए. उन्होंने आरकेटीए के राष्ट्रीय महामंत्री जी. गणेश्वर राव से दिल्ली आकर उन्हें विस्तार से सभी सभी मांगों का प्रारूप देने को कहा, ताकि रेलमंत्री के साथ मीटिंग करके उनसे ट्रैकमैनों की मांगों पर चर्चा की जा सके.

इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि दक्षिण पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अजय कुमार सिंह ने कहा कि यह अत्यंत खुशी की बात है कि आज ट्रैकमैन स्वयं सेफ्टी सेमिनार और रक्तदान शिविर जैसे महत्वपूर्ण आयोजन कर रहा है, जो कि रेलवे के लिए बहुत अच्छी बात है. महाप्रबंधक ए. के. सिंह ने कहा कि रेलवे के सुरक्षित संचालन में ट्रैकमैनों की अहम भूमिका है. उन्होंने कहा कि ट्रैकमैन के योगदान के बिना रेलवे ट्रैक की सेफ्टी की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. महाप्रबंधक ने यह भी कहा कि रेल प्रशासन ट्रैकमैनों के हित में सारी जरूरी व्यवस्थाएं रहा है और आगे भी ट्रैकमैनों के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.

इस अवसर पर आरकेटीए के राष्ट्रीय महामंत्री जी. गणेश्वर राव ने कहा कि ट्रैकमैन अब किसी फेडरेशन का मोहताज नहीं रह गया है कि अपनी मांगों के लिए वह उनके पास जाकर गिड़गिड़ाए, बल्कि ट्रैकमैन अब आरकेटीए के मंच से अपनी बातों को रखने में पूरी तरह सक्षम है. राव ने कहा कि रेलवे बोर्ड से तो हमारे हित में पत्र जारी हो जाता है, मगर यूनियनों के दबाव में स्थानीय अधिकारी उसे दबाकर रखते हैं, जिससे हमें समय पर हमारी उचित सुविधा नहीं मिल पाती है. जैसे कि इंटर रेलवे ट्रांसफर का पत्र रेलवे बोर्ड ने जारी कर दिया है, परंतु स्थानीय अधिकारी उसे लागू ही नहीं कर रहे हैं.

उन्होंने रेलवे बोर्ड से मांग करते हुए कहा कि ट्रैकमैन के अधिकारों को यथाशीघ्र दिया जाना चाहिए, ताकि हम पूरा मन लगाकर अपनी ड्यूटी कर सकें. राव ने कहा कि सिर्फ इंजीनियरिंग विभाग में ही ऐसा नियम क्यों है कि हमें अंतिम समय तक ट्रैकमैन बनकर ही ड्यूटी करनी पड़ती है, जबकि अन्य विभागों में ग्रुप-डी सीनियर टेक्निशियन बन जाते हैं. उन्होंने कहा कि अभी हमारे की-मेन और नाईट पेट्रोलिंगमेन को रेलवे बोर्ड द्वारा जीपीएस सिस्टम दिया जा रहा है, जो रेलवे ट्रैक की सेफ्टी से संबंधित है, परंतु कई जोन के जेई, एसएसई इसे ट्रैकमैन को प्रताड़ित करने के एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने लगे हैं.

राव का कहना है कि जेई, एसएसई इंचार्ज का तर्क है कि अब वे स्वयं घर बैठे यह देख सकते हैं कि इस समय की-मेन या पेट्रोलिंगमेन कहां पहुंचा, क्या कर रहा है, इसमें यदि थोड़ी भी देर होगी, तो वे बड़े अधिकारियों के पास मैसेज भेज देंगे. राव ने इस मामले पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि पहले से ही हमारे ट्रैकमैन मानसिक रूप से परेशान हैं और अगर इस प्रकार से हमें मिनट-मिनट की देरी पर परेशान किया जाएगा, तो हमारा ड्यूटी करना मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने कहा कि ये जीपीएस सभी विभागों में और सभी अधिकारियों को दिया जाना चाहिए, ताकि रेलवे बोर्ड या जोनल मुख्यालय से सभी की मॉनिटरिंग की जा सके.

राव ने कहा कि मान्यताप्राप्त संगठनों के आगामी चुनाव में आरकेटीए अहम भूमिका अदा करेगा. कार्यक्रम को आरकेटीए के राष्ट्रीय संस्थापक अध्यक्ष वी. रवि ने संबोधित करते हुए कहा कि रेलवे बोर्ड भी अब आरकेटीए की बातों और मांगों पर गौर करने लगा है, जो ट्रेकमेन और रेलवे दोनों के हित में है. उन्होंने रेलवे के भ्रष्टाचार पर कहा कि रेलवे बोर्ड यदि ट्रैकमैनों के साथ सहयोग करे, तो हम इस विषय पर जागरूकता आंदोलन चलाएंगे. उनका यह भी कहना था कि ट्रैकमैनों के सहयोग से रेलवे में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सकता है, जो कि आज समय की मांग भी है. उन्होंने आगे कहा कि भ्रष्टाचार का घुन रेलवे को अंदर से दीमक की तरह की तरह चाट रहा है, यदि इस बारे में जल्दी ही कोई चेतना पैदा नहीं की गई, तो रेलवे को बचा पाना काफी मुश्किल हो जाएगा.

कार्यक्रम को आरकेटीए के जोनल महामंत्री, दक्षिण पूर्व रेलवे एन. एन. चटर्जी, जोनल सेक्रेटरी/द.प.रे. एस. महेश, जोनल ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी नीतीश कुमार, जोनल फिनांस सेक्रेटरी आर. प्रदीप, डिवीजन कोआर्डिनेटर/हुबली जी. दयानन्द, डिवीजन कोआर्डिनेटर/बंगलौर प्रभु कुमार ए. एस., डिवीजन अध्यक्ष/बंगलौर रामैया, डिवीजन अध्यक्ष/हुबली धन्य कुमार, सैयद आफीज, बसप्पा, वेंकटेश, फकीरप्पा, देवराज नायक सहित अन्य पदाधिकारियों ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर बंगलौर, हुबली और मैसूर डिवीजन के ट्रैकमैन बड़ी संख्या में उपस्थित थे. इससे पहले महाप्रबंधक ए. के. सिंह ने आरकेटीए द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में ट्रैकमैनों के साथ रक्तदान किया तथा स्टेशन परिसर में प्रभात फेरी निकालकर आरकेटीए के नेक उद्देश्यों का संदेश दिया गया.