छपरा आरपीएफ थाने में हुआ दुराचार, इंचार्ज सहित छह आरपीएफ कर्मी निलंबित

छपरा आरपीएफ थाने में हुआ दुराचार, इंचार्ज सहित छह आरपीएफ कर्मी निलंबित

गोरखपुर ब्यूरो : पूर्वोत्तर रेलवे, वाराणसी मंडल के अंतर्गत छपरा रेलवे स्टेशन पर स्थित आरपीएफ पोस्ट में एक 17 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार की जघन्य घटना होने का पता चला है. यह घटना सोमवार, 29 अक्टूबर की बताई जा रही है. हालांकि इस जघन्य घटना को छिपाने का दुष्टतापूर्ण प्रयास किया गया. परंतु शुक्रवार, 2 नवंबर को ‘रेल समाचार’ को इसकी सूचना अपने विश्वसनीय सूत्रों से मिल ही गई. इस मामले की खबर ‘रेल समाचार’ को लगने की भनक लगते ही आनन-फानन में छपरा आरपीएफ थाने के इंचार्ज सहित कुल छह आरपीएफ कर्मियों को निलंबित किया गया है.

बताते हैं कि घर से भागकर आई 17 वर्षीय एक लड़की को महिला आरपीएफ कांस्टेबल ने 29 अक्टूबर की रात को छपरा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर संदिग्ध अवस्था में भटकते देखकर आरपीएफ थाने में लाकर ड्यूटी पर उपस्थित स्टाफ को सुपुर्द किया था. परंतु उसे किसी महिला आरक्षक की देखरेख में नहीं रखा गया. इसी दरम्यान उसके साथ रात को किसी आरपीएफ कांस्टेबल ने जबरन बलात्कार किया. बलात्कार की पोल तब खुली, जब लड़की को दूसरे दिन बाल सुधार गृह में भेजा गया. वहां उसने अपने साथ हुई इस जघन्य घटना की जानकारी संबंधित लोगों को दी.

इसके बाद पूर्वोत्तर रेलवे आरपीएफ स्टाफ में हड़कंप मच गया. तथापि ‘रेल समाचार’ को खबर मिलने तक इसके आरोपियों की पहचान करके उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी. मगर संदिग्ध आरोपी कांस्टेबल सहित ड्यूटी पर उपस्थित एक महिला कांस्टेबल एवं गैर-जिम्मेदारी के आरोप में आरपीएफ इंचार्ज सहित एक एएसआई और चार अन्य आरपीएफ कर्मियों को शुक्रवार, 2 नवंबर को निलंबित किया गया है. इसकी पुष्टि पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय यादव ने भी की है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार वाराणसी मंडल के डीएससी द्वारा उक्त बलात्कार के संदिग्ध आरोपी कांस्टेबल अशोक कुमार सिंह, लड़की को प्लेटफार्म से लाकर एएसआई बीरेंद्र पांडेय को सुपुर्द करने वाली महिला कांस्टेबल रश्मि कश्यप, डायरी राइटर शिवाजी यादव और ऑन ड्यूटी कांस्टेबल ओ. एस. सिंह को निलंबित किया गया है. इसके अलावा डीएससी ने लापरवाही एवं गैर-जिम्मेदारी बरतने के आरोप में छपरा आरपीएफ पोस्ट इंचार्ज शाहनवाज हुसैन तथा गैर-कानूनी रूप से उक्त लड़की को अपनी कस्टडी में लेने के लिए एएसआई बीरेंद्र पांडेय को भी निलंबित कर दिया है.

आरपीएफ पोस्ट पर बलात्कार की अब तक की शायद यह पहली घटना है. कहते हैं बॉस का जैसा आचरण होगा, वैसा ही उसके स्टाफ का भी होगा. पूर्वोत्तर रेलवे आरपीएफ के सुपर बॉस की गतिविधियां हमेशा संदिग्ध रही हैं. उन्हें यहीं पदोन्नत करने का विरोध भी हुआ था, परंतु तत्कालीन आरपीएफ प्रशासन ने तब इस विरोध पर कोई कान देना जरूरी नहीं समझा था, और अब उनकी बादशाहत में इतना जघन्य अपराध हुआ है, जिससे आरपीएफ को हमेशा के लिए शर्मशार करने और कभी न मिटने वाला एक गहरा धब्बा लग गया है. छपरा आरपीएफ पोस्ट इंचार्ज को उनका बहुत करीबी बताया जाता है, जिनकी भूमिका इस मामले में भारी संदेह के घेरे में हैं.