डीरेका केंद्रीय चिकित्सालय में दवाओं के आभाव से रेलकर्मियों को परेशानी
सीएमएस के साथ डीएलडब्ल्यू मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने की चर्चा
वाराणसी : भारतीय रेलवे मजदूर संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अविनाश पाठक के नेतृत्व में डीएलडब्ल्यू मजदूर संघ के पदाधिकारी डीरेका के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीताम्बर प्रसाद से मिले और उनके साथ बीमार कर्मचारियों को पेश आ रही समस्याओं पर चर्चा की. इसके साथ ही उन्हें अपनी मांगों से संबंधित एक पत्र भी सौंपा.
डीएलडब्ल्यू मजदूर संघ ने इस पत्र में कहा है कि डीरेका केंद्रीय चिकित्सालय में पिछले कई माह से ओपीडी से जरुरी दवाएं नहीं मिल पा रही हैं, जिसके कारण बीमार कार्यरत एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अत्यधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पत्र में कहा गया है कि सामान्य दवाओं यथा बुखार, सुगर, बीपी इत्यादि की पूर्ति लोकल परचेज से करने का प्रयास किया जा रहा है. लोकल परचेज काउंटर पर भारी भीड़ हो रही है, जिससे यहां प्रतिदिन अराजकता का माहौल बन रहा है.
पदाधिकारियों का यह भी आरोप है कि डीरेका केंद्रीय चिकित्सालय द्वारा लोकल परचेज का सही उपयोग नहीं किया जा रहा है, जबकि इसकी लिमिट 20 हजार रुपये प्रति दिन है. अगर इस मद का उपयोग सही तरीके से किया जाए, तो समस्या कुछ कम हो सकती है. उनका कहना है कि डीरेका केंद्रीय चिकित्सालय में फिजीयोथेरेपिस्ट के दो स्थायी पद होने चाहिए, जबकि फिलहाल केवल एक ही स्थायी पद है. इसके अलावा डीरेका केंद्रीय चिकित्सालय में एक कार्डियोलॉजिस्ट चिकित्सक की स्थाई नियुक्ति किए जाने की आवश्यकता है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीताम्बर प्रसाद ने पदाधिकारियों को बताया कि 417 दवाओं को एनएसआर भेजा गया था, जिसमें 77 दवाओं का परचेज ऑर्डर हो चुका है. इनमें से 67 दवाओं की अर्जेंट आवश्यकता है. दवाओं की तुरंत उपलब्धता के लिए मार्केटिंग विभाग से अनुरोध किया जा रहा है, लेकिन स्थिति सुधरने में कम से कम 15 से 20 दिन लग जाएंगे. फिजियोथिरेपिस्ट का एक पद वर्कचार्ज के रूप में उपयोग किया जा रहा है. इसे स्थाई करने का प्रयास किया जाएगा.