उत्तर मध्य रेलवे द्वारा 7.7 मेगा वाट सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना
उ.म.रे. ने किया ‘ईईएसएल’ के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
302 स्टेशनों पर एलईडी और 341 समपारों पर सौर ऊर्जा पैनल स्थापित
इलाहाबाद ब्यूरो : उत्तर मध्य रेलवे द्वारा अपने रेलवे स्टेशनों, मंडल कार्यालयों एवं सूबेदारगंज स्थित जोनल मुख्यालय में सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जा रही है. महाप्रबंधक, उत्तर मध्य रेलवे एम. सी. चौहान के मार्ग दर्शन में चालू वित्तीय वर्ष में उत्तर मध्य रेलवे ने 28 फरवरी 2018 तक 7.7 मेगावाट पीक प्रोडक्शन की क्षमता वाले सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की है. नव स्वीकृत 10 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के कार्य में से 6.5 मेगावाट क्षमता के संयंत्रों की स्थापना की जा चुकी है तथा चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक इस आंकड़े को 11.12 मेगावाट तक ले जाने की तैयारी है.
महाप्रबंधक श्री चौहान ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में हुई उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर बात करते हुए कहा कि ‘हमारे प्रतिष्ठानों तथा कार्यालयों की छतों के प्रयोग से सौर ऊर्जा प्राप्त करने की पर्याप्त संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि सूर्य की किरणें पृथ्वी की सतह पर प्रतिवर्ग मीटर लगभग एक हजार वाट की ऊर्जा उत्पन्न करती हैं, जिसे आसानी से बिजली के उत्पादन के लिए प्रयोग किया जा सकता है और हम इस क्षमता का पूरा लाभ उठा रहे हैं.’
श्री चौहान ने कहा कि एक मेगावाट पीक प्रोडक्शन की क्षमता वाले सौर संयंत्र की स्थापना से औसतन प्रतिदिन 3700 यूनिट बिजली पैदा की जा सकती है. इस प्रकार उत्तर मध्य रेलवे में पहले से स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्रों के माध्यम से 28,490 यूनिट बिजली का उत्पादन प्रतिदिन किया जा रहा है. यदि इस आंकड़े को 365 से गुणा कर दिया जाए, तो बचत के आंकड़े भारी भरकम हो जाते हैं. यानी 1,03,98,850 (एक करोड़ तीन लाख अटठानबे हजार आठ सौ पचास) यूनिट प्रतिवर्ष. यदि हम पैसों की बचत की दृष्टि से देखें तो इस प्रणाली से उत्पन्न बिजली से सालाना बिजली बिल में 6 करोड़ रूपये की बचत होती है और सकारात्मक पर्यावर्णीय संदर्भ में यदि हम देखा जाए, तो प्रतिवर्ष 5562 टन कार्बनडाई आक्साइड गैस के उत्सर्जन में कमी आती है.