उत्तर मध्य रेलवे द्वारा ‘प्रोजेक्ट सक्षम’ की शुरुआत

65 हजार कर्मचारियों को एक वर्ष में दिया जाएगा प्रशिक्षण

इलाहाबाद ब्यूरो : नए वर्ष 2018 में उत्तर मध्य रेलवे द्वारा ‘प्रोजेक्ट सक्षम’ के अंतर्गत अपने सभी 65 हजार रेलकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस योजना को उत्तर मध्य रेलवे में मंगलवार, 9 जनवरी को महाप्रबंधक एम. सी. चौहान द्वारा औपचारिक रूप से शुरू किया गया. भारतीय रेल में कुल 13 लाख कर्मचारी हैं, जिसमें से 65 हजार उत्तर मध्य रेलवे मे कार्यरत हैं.

इस योजना के तहत उ.म.रे. के 65 हजार कर्मचारियों में से प्रत्येक को जनवरी से सितंबर 2018 तक की अवधि में कम से कम 5 दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस संबंध में महाप्रबंधक श्री चौहान ने बताया कि इसके तहत कर्मचारियों के लिए सभी संबंधित एवं प्रासंगिक पहलुओं को कवर किया जाएगा, जिसमें स्किल डेवलपमेंट, ज्ञान वृद्धि एवं व्यक्तित्व विकास इत्यादि शामिल रहेगा. उन्होंने कहा कि हमने ट्रेनिंग मॉड्यूल पहले ही बना लिया है और उसे रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया है. इसमें ट्रेनिंग समयबद्ध होगी और सभी स्तरों पर प्रशिक्षित स्टाफ होने से ग्राहकों को बेहतर सेवा मिलने की उम्मीद है.

यह पूरी योजना कार्मिक विभाग, उ.म.रे. द्वारा लागू की जाएगी. प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी निशा तिवारी, जिनको उ.म.रे. में प्रोजेक्ट सक्षम को लागू करने की पूरी जिम्मेदारी दी गई है, ने बताया कि यह एक अभूतपूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो कि अपने स्कोप और पहुंच के मामले में उ.म.रे. के इतिहास में अनूठा और अद्वितीय है. उन्होंने इस योजना की मुख्य विशेषता पर चर्चा करते हुए कहा कि इसके मॉड्यूलों को विभिन्न कर्मचारियों की कार्यशैली की आवश्यकताओं के अनुसार 50 से अधिक वर्गों में बांटा गया है, जिससे उ.म.रे. के सभी रेलकर्मी लाभांवित होंगे. उन्होंने कहा कि सभी वर्गों के कर्मचारियों को ऑन जॉब ट्रेनिंग एवं क्लास रूम ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी, ताकि पाठ्यक्रम की थ्योरी एवं प्रैक्टिकल को बेहतर तरीके से लिंक किया जा सकेगा.

महाप्रबंधक श्री चौहान ने बताया कि प्रोजेक्ट सक्षम में प्रशिक्षकों के रूप में अधिकांशत: उ.म.रे. की आंतरिक योग्यता का ही उपयोग किया जाएगा. तथापि इस योजना के तहत प्रशिक्षण के स्तर को उठाने के लिए व्यवहारिक एवं तकनीकी प्रशिक्षण के लिए बाहरी विशेषज्ञ भी आमंत्रित किए जाएंगे. साथ ही इसके तहत प्रशिक्षित किए गए कर्मियों का अधिक उत्साहवर्धन होगा और उ.म.रे. की समग्र कार्य-स्थिति में सुधार परिलक्षित होगा. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारा हर स्तर का स्टाफ भारतीय रेल का ब्रांड एंबेसडर हो. उत्तर मध्य रेलवे के स्टाफ द्वारा प्रोजेक्ट सक्षम की शुरुआत का स्वागत किया जा रहा है और इसमें सहभागिता के लिए स्व-इच्छा भी व्यक्त की जा रही है.


उ.म.रे. के सभी स्‍टेशनों/कारखानों में एनर्जी एफिशियंट एलईडी लाइट्स का प्रावधान

इलाहाबाद : महाप्रबंधक एम. सी. चौहान के नेतृत्‍व में उत्‍तर मध्‍य रेलवे के सभी स्‍टेशनों, कारखानों, लोकोशेडों इत्‍यादि में एनर्जी एफिशियंट एलईडी लाइट्स का प्रावधान किया जा रहा है. इसी क्रम में उ.म.रे. द्वारा 12 जनवरी को एनर्जी एफिशियंसी सर्विसेज लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए गए हैं. उत्‍तर मध्‍य रेलवे मुख्‍यालय में महाप्रबंधक श्री चौहान के साथ उत्‍तर मध्‍य रेलवे के सभी मंडलों एवं कारखानों तथा एनर्जी एफिशियंसी सर्विसेज लिमिटेड के बीच ‘एस्को मॉडल’ के तहत समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर के समय कंपनी सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे.

एनर्जी एफिशियंसी सर्विसेज लिमिटेड भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के अधीन एक संयुक्‍त उद्यम कंपनी है, जो भारत में एनर्जी एफिशियंसी परियोजनाओं को लागू करती है. इस मॉडल के तहत एनर्जी एफिशियंसी सर्विसेज लिमिटेड उत्‍तर मध्‍य रेलवे के ‘ए-1’ श्रेणी के 6 एवं ‘ए’ श्रेणी के 14 स्‍टेशनों की वर्तमान लाइटों, पंखों एवं एसी इत्यादि को अधिक ऊर्जा एफिशियंट उपकरणों से प्रतिस्‍थापित करेगी. इससे विद्युत ऊर्जा खपत में कमी आएगी.

प्रतिस्थापित किए जा रहे सभी उपकरणों की लागत एनर्जी एफिशियंसी सर्विसेज लिमिटेड द्वारा वहन की जाएगी और इससे होने वाली ऊर्जा बचत को उ.म.रे. एवं एनर्जी एफिशियंसी सर्विसेज द्वारा आगामी पांच वर्षों तक शेयर किया जाएगा. इसके तहत लगाए गए उपकरणों जैसे लाइटों, पंखों एवं एसी की वारंटी पांच वर्षों की होगी. इस दौरान इनका अनुरक्षण भी एनर्जी एफिशियंसी सर्विसेज द्वारा ही किया जाएगा. इसके बाद यह उ.म.रे. को हस्तांतरित हो जाएंगे. इस परियोजना से प्रतिवर्ष लगभग 4.13 मिलियन यूनिट (2.77 करोड़ रु.) बिजली की बचत होगी. इससे प्रतिवर्ष 2973 टन कार्बन डाईऑक्‍साइड उत्‍सर्जन में कमी से कार्बन फुटप्रिंट घटने की संभावना है.


‘रेलवे में वेल्डिंग गुणवत्ता’ विषय पर सेमिनार का आयोजन

झांसी : सुपरवाइजर्स प्रशिक्षण केंद्र, झांसी में ‘रेलवे में वेल्डिंग गुणवत्ता’ विषय पर सोमवार, 8 जनवरी को एक सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार के मुख्य अतिथि सुपरवाइजर्स प्रशिक्षण केंद्र के प्राचार्य करुणेश श्रीवास्तव थे. सेमिनार में विशिष्ट अतिथि के रूप में झांसी कारखाने के सहायक प्रबंधक प्रताप कुमार भी उपस्थित थे. कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि तथा अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया.

इसके पश्चात आरआरडब्ल्यूआई/सीआरडब्ल्यूएस, भोपाल के मुख्य अनुदेशक देवेंद्र मलिक ने वेल्डिंग क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम पर और आरआरडब्ल्यूआई/सीआरडब्ल्यूएस, भोपाल के मुख्य अनुदेशक डी. के. सिंह ने जीएमएडब्ल्यू वेल्डिंग पर तथा आईआरडब्ल्यूआरआई, डीएलडब्ल्यू, वाराणसी के मुख्य अनुदेशक आर. आर. मिश्रा ने स्टेनलेस स्टील वेल्डिंग पर अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए.

मुख्य अतिथि करुणेश श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय रेल में वेल्डिंग की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में अनेक प्रयासों के बावजूद भी त्रुटिपूर्ण वेल्डिंग के कारण रेल दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं. हमें इस पर गम्भीरतापूर्वक विचार कर रेलवे में आधुनिक वेल्डिंग तकनीकों को लागू कर वेल्डिंग की गुणवत्ता और बेहतर बनानी होगी, जिससे रेलों का सुरक्षित परिचालन हो सके.

सेमिनार में उत्तर मध्य रेलवे के इलाहाबाद, आगरा, झांसी मंडल तथा वैगन मरम्मत कारखाना, झांसी एवं कोच मरम्मत कारखाना, झांसी के 90 वरिष्ठ पर्यवेक्षकों ने भाग लिया. कार्यक्रम का संचालन नवीन शुक्ला, वरिष्ठ अनुदेशक ने किया तथा डी. एन. वर्मा, मुख्य अनुदेशक ने सभी उपस्थितों के प्रति आभार व्यक्त किया.