एसएंडटी कर्मियों की समस्याओं को रेलमंत्री तक पहुंचाएंगे सांसद देवू सिंह चौहान
संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों की प्रारंभिक योग्यता बढ़ाए जाने की मांग
एचओईआर उल्लंघन: अवमानना मामला दायर करने की तैयारी में आईआरएसटीएमयू
आईआरएसटीएमयू का राष्ट्रीय वार्षिक अधिवेशन एवं राष्ट्रीय संरक्षा सम्मलेन संपन्न
वड़ोदरा : भारतीय रेलवे संकेत एवं दूरसंचार अनुरक्षक संघ (आईआरएसटीएमयू) द्वारा हाल ही में पश्चिम रेलवे के वड़ोदरा मंडल के नडियाद में राष्ट्रीय वार्षिक अधिवेशन एवं राष्ट्रीय संरक्षा सम्मलेन का सफल आयोजन किया गया. सम्मलेन को मुख्य अतिथि खेड़ा जिला के सांसद देवू सिंह चौहान तथा संकेत एवं दूरसंचार प्रशिक्षण केंद्र, साबरमती के प्रचार्य नितिन चक्रवर्ती, फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे के संयोजक अमरीक सिंह, उमेद सिंह, भरत राज सहित कपुरथला, राजकोट, इलाहाबाद, लखनऊ, कोटा, मालदा, चक्रधरपुर, रतलाम, अजमेर, जयपुर, बीकानेर, जोधपुर, मुंबई, वड़ोदरा, अहमदाबाद इत्यादि मंडलों के अलावा पूरी भारतीय रेल से आए प्रतिनिधियों ने सभा को संबोधित किया.
संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कार्यों और इससे जुड़ी समस्याओं का एक विजुअल डेमो भी सांसद देवू सिंह चौहान एवं सभा में उपस्थित सभी गणमान्यों के समक्ष दर्शाया गया. विजुअल डेमो में संकेत एवं दूरसंचार विभाग की दृष्टी से संरक्षा-सुरक्षा के मायनों को प्रस्तुत किया गया. संघ के महामंत्री आलोक चंद्रप्रकाश ने सांसद को ज्ञापन देकर उन्हें विभागीय समस्याओं से अवगत कराया. सांसद देवू सिंह चौहान ने एसएंडटी स्टाफ की सभी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए सभी समस्याओं को रेलमंत्री एवं प्रधानमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया.
संकेत एवं दूरसंचार प्रशिक्षण केंद्र, साबरमती के प्रचार्य नितिन चक्रवर्ती ने कई मुद्दों पर चर्चा करते हुए साबरमती प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षुओं को संरक्षा एवं सुरक्षा के अलावा विभिन्न प्रकार के नए एवं विशिष्ट उपकरणों के प्रशिक्षण दिए जाने की जानकारी दी तथा प्रशिक्षण केंद्र को और प्रैक्टिकल आधारित बनाने के लिए मूलभूत सुविधाएं बढ़ाए जाने पर जोर दिया.
‘फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे’ के संयोजक अमरीक सिंह ने रेल कर्मचारियों की संरक्षा एवं सुरक्षा का हवाला देते हुए उनके बुढ़ापे को संरक्षित करते हुए नई पेंशन नीति को तुरंत प्रभाव से खत्म कर पुरानी पेंशन नीति को लागू करने की मांग रखी. उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार नई पेंशन नीति पूरी सामाजिक व्यवस्था को खोखला बना रही है.
संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन कुमार द्वारा जानकारी दी गई कि कैट की प्रिंसिपल बेंच, नई दिल्ली में भारतीय रेलवे संकेत एवं दूरसंचार अनुरक्षक संघ द्वारा संकेत एवं दूरसंचार विभाग में एचओईआर नियमों के जबरदस्त उल्लंघन के खिलाफ मामला दायर किया गया था. उन्होंने बताया कि कैट ने रेल प्रशासन को संकेत एवं दूरसंचार विभाग में एचओईआर नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए दो माह की अवधि दी थी, परंतु यह अवधि पूरी हो जाने के बाद भी अभी तक रेल प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. अतः संघ द्वारा शीघ्र ही कैट के आदेशों की अवमानना का मामला दर्ज करने का निर्णय लेने पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने सभी सदस्यों से इसमें सहयोग करने की अपील की.
संघ के उप-प्रमुख महबूब संधी ने वड़ोदरा मंडल के संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों की सामूहिक शिकायत पर मंडल रेल प्रबंधक द्वारा जारी पत्र सं. ई/सिग्नल/224/07/01, दि. 04.11.2015 की चर्चा की, जिसमें खुद मंडल रेल प्रबंधक ने ‘ए’ रूट के सभी स्टेशनों पर संकेत विभाग के कर्मचारियों की शिफ्ट ड्यूटी करने का अनुमोदन जोनल कार्यालय को भेजने की बात कही थी. परंतु अब तक इस दिशा में भी कोई ठोस कदम प्रशासन द्वारा नहीं उठाया गया है, बल्कि जहां शिफ्ट ड्यूटी चल रही थी, उसे भी समाप्त कर दिया गया है. प्रस्तुत संदर्भ में सांसद देवू सिंह चौहान ने पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक से बात करने का आश्वासन दिया.
संघ के उप-प्रमुख भुवनेश त्रिपाठी ने बताया कि मौजूदा कैडर के अनुसार ईएसएम के 20% पद रिक्त हैं. यानि एक ईएसएम को 1.25 गुना अर्थात् 25% अधिक काम करना पड़ रहा है. यार्ड स्टिक के अनुसार यह आंकड़े रेल प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाते हैं. इसके अनुसार एक ईएसएम को चार से भी ज्यादा ईएसएम का काम अकेले करना पड़ रहा है. इसके बावजूद संकेत एवं दूरसंचार कर्मियों को कोई अतिरिक्त भत्ता नहीं दिया जा रहा है, बल्कि वर्तमान भत्तों में कटौती की जा रही है. संकेत एवं दूरसंचार विभाग में कर्मचारियों की संख्या बढ़ने के बजाय कम हो रही है और संकेत एवं दूरसंचार उपकरणों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
संघ के सहायक सचिव लोकेश ने बताया कि समय की मांग के अनुरूप संकेत एवं दूरसंचार उपकरणों का तो नवीनीकरण किया जा रहा है, परंतु संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों की प्रारंभिक योग्यता में कमी की जा रही है, जिससे संकेत एवं दूरसंचार विभाग में निपुण कर्मियों का अभाव बढ़ रहा है. अतः ईएसएम की प्रारंभिक योग्यता को तुरंत प्रभाव से बढ़ाते हुए स्नातक (विज्ञान) और सहायकों की प्रारंभिक योग्यता को 12वीं (विज्ञान) किया जाना चाहिए. सम्मेलन में विभिन्न मंडलों से आए प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे तथा संघ को सुचारु रूप से चलाने के लिए कई सुझाव दिए.