केंद्र सरकार की नीयत में खोट नजर आ रही है -शिवगोपाल मिश्रा, GS/AIRF

सरकारी नीतियों के विरोध में एआईआरएफ से संलग्न संगठनों का पूरे देश में प्रदर्शन

आवास भत्ते में किसी प्रकार की कटौती को सरकारी कर्मचारी कभी बर्दास्त नहीं करेंगे

नई दिल्ली : ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन(एआईआरएफ) के आह्वान पर केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों और झूठे आश्वासनों पर रेल संगठनों ने विरोध जाताना शुरू कर दिया है. सातवें वेतन आयोग द्वारा सिफारिश किए गए भत्तों पर बनी कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने में अनावश्यक विलंब एवं रेलकर्मियों के आवास भत्ते में कटौती के खिलाफ पूरी भारतीय रेल में सभी जोनल एवं मंडल कार्यालयों, कारखानों और स्टेशनों पर एआईआरएफ के महामंत्री कॉम. शिवगोपाल मिश्रा के नेतृत्व में मंगलवार, 13 जून को हजारों रेल कर्मचारियों की उपस्थिति में जोरदार धरना-प्रदर्शन किया गया.

एआईआरएफ द्वारा ‘रेलवे समाचार’ को भेजी गई एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि पुनर्विचार के नाम पर सरकार द्वारा रोज नई-नई कमेटियां बनाई जा रही हैं तथा सरकार द्वारा रोज एक नया शगूफा छोड़ा जा रहा है. विज्ञप्ति में कॉम. मिश्रा ने कहा है कि भत्तों को संशोधित करने के नाम पर सिर्फ कमेटियां बनाई गई हैं, जिन्होंने नकारात्मक रिपोर्ट ही दी हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने डेढ़ वर्ष से सरकारी कर्मचारियों के सभी भत्तों को रोककर रखा गया है. रेलकर्मियों सहित सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के प्रति यह घोर अन्याय है.

धरना-प्रदर्शन के दौरान एआईआरएफ से संलग्न सभी जोनल संगठनों के नेताओं ने केंद्र सरकार की जमकर आलोचना करते हुए कहा कि सातवें वेतन आयोग पर बनी कमेटियों की रिपोर्ट को लागू न करके रेलकर्मियों के साथ सरकार भयानक अन्याय कर रही है, जिसे रेल कर्मचारी अब कतई बर्दास्त करने के मूड में नहीं हैं. इस अवसर पर उन्होंने यूनियन के इतिहास और उपलब्धियों पर भी विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियां मजदूर विरोधी हैं. केंद्र सरकार रेल के टुकड़े-टुकड़े करके इसे प्राइवेट हाथों में बेच रही है, जिसे रेल कर्मचारी कभी सहन नहीं करेगा और इसका आखिरी दम तक विरोध करेगा.

एआईआरएफ के महामंत्री कॉम. शिवगोपाल मिश्रा ने सातवें वेतन आयोग पर बनी कमेटियों की रिपोर्टों को बिना देरी किए शीघ्र लागू करने की मांग की है. कॉम. मिश्रा ने कहा कि रेलकर्मी एवं अन्य केंद्रीय सरकारी कर्मचारी, आवास भत्ते में 30%, 20% और 10% की दर में किसी प्रकार की कटौती को किसी भी स्थिति में बर्दास्त नहीं करेंगे. उन्होंने रेल कर्मचारियों से अपील करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की नीयत में भारी खोट नजर आ रही है, इसलिए अपने जायज हक पाने के लिए सभी रेलकर्मियों से एकजुट और लामबद्ध होकर संघर्ष के लिए तैयार रहना चाहिए.

इससे पहले 9 जून को कॉम. मिश्रा ने सभी जोनल रेलों के जोनल एवं मंडल मंत्रियों को एक पत्र लिखकर 13 जून को पूरी भारतीय रेल में धरना-प्रदर्शन करने को कहा था. इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों तथा कर्मचारी पक्ष के साथ बनी सहमति के बावजूद भत्तों पर बनी कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने में अनावश्यक विलम्ब के खिलाफ 13 जून को सभी मंडलों एवं मुख्यालयों और कारखानों में धरना-प्रदर्शन का आयोजन करके सरकारी नीतियों के खिलाफ विरोध प्रकट किया जाना चाहिए.