विभागीय पदोन्नतियों के लिए केंद्रीकृत कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट का निर्णय, रेलवे बोर्ड द्वारा पारदर्शिता सुनिश्चित करने का प्रयास

नई दिल्ली: रेलवे बोर्ड द्वारा बुधवार, 5 मार्च 2025 को एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि सभी विभागीय पदोन्नति परीक्षाएँ अब रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) द्वारा केंद्रीयकृत कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) के माध्यम से कराई जाएंगी। सभी जोनल रेलवे एक परीक्षा कैलेंडर तैयार करेंगे और सभी परीक्षाएँ इसी कैलेंडर के आधार पर आयोजित की जाएंगी।
यह निर्णय रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) द्वारा हाल के वर्षों में निष्पक्ष, पारदर्शी और अत्यधिक सराही गई परीक्षाओं के सफल संचालन के लंबे अनुभव के आधार पर लिया गया है।
आरआरबी द्वारा बिना किसी शिकायत के पूरी पारदर्शिता के साथ परीक्षा संचालन कैसे संभव हुआ?
2015 से अब तक 7 करोड़ से अधिक उम्मीदवारों की कंप्यूटर आधारित परीक्षाएँ आयोजित की जा चुकी हैं, जिनमें कोई पेपर लीक, प्रतिरूपण (Impersonation), रिमोट लॉग-इन, या जासूसी उपकरणों (Spy Devices) के उपयोग की घटनाएँ सामने नहीं आईं।
यह कैसे संभव हुआ?
- परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी ओपन टेंडर प्रक्रिया द्वारा चयन
- QCBS मानदंड के तहत योग्य एजेंसियों का चयन
- ISO प्रमाणन, वित्तीय योग्यता, CERT-IN प्रमाणन, CMMI प्रमाणन अनिवार्य
- न्यूनतम पात्रता मानदंड–परीक्षा केंद्रों की संख्या, पूर्व अनुभव आदि
परीक्षा केंद्रों का ऑडिट-रेलवे टीम द्वारा
- उपलब्ध सुविधाओं की जाँच के लिए विशेष ऑडिटिंग चेकलिस्ट
- बाहरी शौचालयों की अनुमति नहीं
- 100% CCTV कवरेज, रिकॉर्डिंग परीक्षा शुरू होने से 2 घंटे पहले और 1 घंटे बाद तक जारी रहती है
- IP आधारित CCTV निगरानी, उच्च रिज़ॉल्यूशन एवं विश्वसनीय कनेक्टिविटी सुनिश्चित
- परीक्षा केंद्रों का चयन व्यावसायिक व आवासीय क्षेत्रों से दूर
- न्यूनतम 250 कंप्यूटर नोड्स क्षमता वाले केंद्रों को ही चयनित किया जाता है
- इन्फ्रास्ट्रक्चर – पावर बैकअप की अनिवार्यता
तकनीकी विशेषताएँ
- सर्वर: CPU गति 1.5 GHz या अधिक, RAM 4 GB या अधिक, स्क्रीन रिज़ॉल्यूशन 1024×768
- नोड्स (क्लाइंट मशीनें): RAM 2 GB या अधिक, बाकी सर्वर के समान
- USB, प्रॉक्सी एवं इंटरनेट अक्षम, लॉगिन के बाद कीबोर्ड निष्क्रिय
प्रोप्राइटरी ऑपरेटिंग सिस्टम
- सभी माउस व कीबोर्ड क्लिक का टाइम-स्टैम्प के साथ रिकॉर्ड रखा जाता है।
परीक्षा केंद्र आवंटन प्रक्रिया
- परीक्षा शहर की जानकारी परीक्षा से 10 दिन पहले दी जाती है
- परीक्षा केंद्र का नाम परीक्षा से 4 दिन पहले उपलब्ध कराया जाता है
- पूर्णतः स्वचालित, रैंडमाइज्ड कंप्यूटर जनित प्रक्रिया द्वारा परीक्षा केंद्र आवंटन
- परीक्षा केंद्र में प्रत्येक उम्मीदवार की लैब व कंप्यूटर नोड का भी स्वचालित रैंडम आवंटन
- परीक्षा आयोजित करने वाली टीम को उम्मीदवारों की जानकारी सिर्फ 2 घंटे पहले मिलती है
परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था
- हैंड-हेल्ड मेटल डिटेक्टर से गहन तलाशी
- बायोमेट्रिक उपस्थिति (LTI व डिजिटल), परीक्षा के बीच में व बायो ब्रेक के दौरान पुनः सत्यापन
- हस्तलेखन नमूना (Handwriting Sample) लिया जाता है
- आधार-आधारित प्रमाणीकरण
- N:N तुलना – शिफ्ट और विभिन्न परीक्षाओं में तुलना कर सॉल्वर गैंग की पहचान
प्रश्न पत्र की सुरक्षा
- 256-बिट एन्क्रिप्शन में अत्यधिक सुरक्षित प्रश्न पत्र
- अंतिम समय पर ही डिक्रिप्शन, जब उम्मीदवार लॉग-इन करता है
- प्रत्येक उम्मीदवार के लिए प्रश्नों और विकल्पों की क्रम-व्यवस्था अलग-अलग
- उम्मीदवार की प्रत्येक गतिविधि का विस्तृत लॉग रिकॉर्ड
तीन स्तर की निगरानी
- ECA टीम द्वारा निगरानी
- रेलवे अधिकारियों और पर्यवेक्षकों द्वारा निगरानी
- रेलवे सतर्कता टीम द्वारा आकस्मिक निरीक्षण
इसके अलावा पहली और दूसरी टीम को समय-समय पर केंद्रों और लैब्स में बदला जाता है। लगातार अनुचित साधनों का उपयोग करने वाले उम्मीदवारों की पहचान की जाती है।
पात्रता मापदंड और आवेदन की सुरक्षा
- जाति प्रमाण पत्र संख्या, मोबाइल नंबर, पहचान चिह्न, फोटो, हस्ताक्षर, जन्मतिथि और शैक्षणिक योग्यता का स्पष्ट विवरण अनिवार्य
- QR कोड युक्त आवेदन पत्र, जिससे फर्जी आवेदन का पता लगाया जा सके
- एडमिट कार्ड में बारकोड, जिससे उम्मीदवार की प्रामाणिकता सुनिश्चित हो
परीक्षा के बाद भी पारदर्शिता
- CBT परीक्षा में उम्मीदवार को उसकी उत्तर पुस्तिका और सही उत्तर कुंजी दिखाई जाती है।
- उम्मीदवारों को किसी भी प्रश्न अथवा उत्तर कुंजी पर आपत्ति दर्ज करने का अवसर दिया जाता है।
रेलवे बोर्ड का यह निर्णय पारदर्शी, निष्पक्ष एवं विश्वसनीय परीक्षा प्रणाली को और मजबूत करेगा तथा उम्मीदवारों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करेगा।