दो हजार रुपए का ‘डोनेशन’ नहीं देने पर यूनियन वालों ने कर्मचारी को पीटा

गार्डन रॉक वर्कशॉप में सदर्न रेलवे मजदूर यूनियन का एक और मफिया कारनामा

मान्यता समाप्त किए जाने की आसन्न आशंका, यूनियन पदाधिकारियों का दिल्ली में डेरा

यूनियन को प्राप्त है उसके सबसे बड़े समर्थक डीआरएम अतुल कुमार अग्रवाल का वरदहस्त

डीआरएम/त्रिची अतुल कुमार अग्रवाल का समस्त खर्च उठाते हैं त्रिची मंडल के कुछ कांट्रेक्टर

यदि अभी कड़ा कदम नहीं उठाया गया तो रेल प्रशासन के सिर पर यूनियन करेगी नंगा नाच

तिरुचिरापल्ली : दक्षिण रेलवे में सदर्न रेलवे मजदूर यूनियन (एसआरएमयू) की दादागीरी और माफियागीरी दोनों एक साथ जारी हैं. इसी महीने 5 अक्टूबर को यूनियन के पदाधिकारियों ने तिरुचिरापल्ली (त्रिची) मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक (सीनियर डीसीएम) अरुण थॉमस के साथ उनके चैम्बर में अंदर से दरवाजा बंद करके गाली-गलौज और बदसलूकी की थी और अब त्रिची मंडल के गार्डन रॉक रेलवे वर्कशॉप, डीजल के एक हिंदीभाषी कर्मचारी को दो हजार रुपए बतौर ‘डोनेशन’ न देने के लिए पीट दिया है. यह घटना शुक्रवार, 14 अक्टूबर की है.

प्राप्त जानकरी के अनुसार एसआरएमयू की गार्डन रॉक रेलवे वर्कशॉप डीजल यूनिट के पदाधिकारियों ने 14 अक्टूबर को वर्कशॉप के एक तकनीशियन/ग्रेड-3/डीजल/इले. संदीप कुमार विश्वास (टिकट नं.6013/एचईआरएस) को सुबह करीब 10.45 बजे एचईआरएस शॉप के ठीक बगल में स्थित यूनियन कार्यालय में बुलाया और 2,000 रुपए देने को कहा. विश्वास द्वारा पूछे जाने पर कि यह दो हजार रुपए किसलिए मांगे जा रहे हैं, तो उन्हें वहां उपस्थित चार-पांच पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि यह दीवाली का ‘डोनेशन’ है. जैसा कि विश्वास द्वारा पुलिस एवं संबंधित अधिकारियों को की गई लिखित शिकायत में कहा गया है, उसके अनुसार विश्वास ने कहा कि उसे बोनस नहीं मिला है और उसकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह यूनियन को दो हजार रुपए का डोनेशन दे सके. शिकायत के अनुसार जैसे ही विश्वास ने अपनी उक्त मजबूरी बताई, वैसे ही वहां उपस्थित सभी यूनियन पदाधिकारियों ने यूनियन कार्यालय का दरवाजा अंदर से बंद करके पहले उसके साथ गाली-गलौज की, और बाद में विरोध करने पर उसकी जमकर पिटाई भी कर दी तथा किसी प्रकार की शिकायत करने पर जान से मार देने की धमकी भी दी.

तकनीशियन संदीप कुमार विश्वास द्वारा की गई लिखित शिकायत के अनुसार किसी तरह उनसे अपना पिंड बचाकर वह यूनियन कार्यालय से बाहर आए और अपने साथ की गई मारपीट के बारे में शॉप के अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों को बताया. शिकायत में उन्होंने लिखा है कि यूनियन पदाधिकारियों ने उसकी आर्थिक असमर्थता को नहीं समझा और यूनियन कार्यालय का दरवाजा अंदर से बंद करके उसे पीटा तथा जान से मरने की धमकी दी. उन्होंने शिकायत में बालू (टिकट नंबर 2810), रामचंद्र (टिकट नंबर 4196) और राजा नामक यूनियन पदाधिकारियों का नाम भी लिखा है, जो कि अन्य कुछ पदाधिकारियों के साथ उसे पीटने में शामिल थे.

डिप्टी सीएमई/डी/पीओएच, गार्डन रॉक वर्कशॉप, पोन्मलाई के नाम दी गई शिकायत में उन्होंने रेल प्रशासन से मांग की गई कि घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए उन्हें न्याय दिया जाए और संबंधित यूनियन पदाधिकारियों के विरुद्ध उचित विभागीय दंडात्मक कार्रवाई भी की जाए. शिकायत की प्रतियां रेलमंत्री, चेयरमैन, रेलवे बोर्ड, जीएम/द.रे., ओबीसी एसोसिएशन, एससी/एसटी एसोसिएशन, डीआरईयू, एसआरईएस, एसआई/आरपीएफ/जीओसी, थाना प्रभारी, पोन्मलाई, गार्डन रॉक इत्यादि को भी भेजी गई हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार विश्वास की शिकायत पर वर्कशॉप मैनेजर/डीजल (डब्ल्यूएम/डी) वाम्सिकांत मामले की जांच कर रहे हैं और एक-दो दिन में वह अपनी रिपोर्ट सीडब्ल्यूएम को सौंप देंगे.

उल्लेखनीय है लगभग चार महीने पहले अरियालुर के एक गैंगमैन को भी यूनियन के लोगों ने बुरी पीटा था, जिसे कई दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ा था. जबकि करीब तीन हप्ते पहले कुम्भकोणम के एक स्टेशन मास्टर को भी एसआरएमयू के पदाधिकारियों ने बुरी तरह पीटा था. ज्ञातव्य है कि त्रिची मंडल कार्यालय परिसर में वाणिज्य विभाग और सीनियर डीसीएम को रावण दर्शाते हुए यूनियन द्वारा अनधिकृत रूप से लगाई गई होर्डिंग, बैनर, पोस्टर्स आदि के लिए सीनियर डीपीओ/त्रिची ने यूनियन पर रेलवे की अधिकृत विज्ञापन दरों के अनुसार 91,854 रुपए की पेनाल्टी लगाई है.

बताते हैं कि यूनियन ने अब तक इस पेनाल्टी नहीं चुकाई है, क्योंकि उसे यूनियन के सबसे बड़े समर्थक डीआरएम अतुल कुमार अग्रवाल का वरदहस्त प्राप्त है, जिसके कारण मंडल का कोई अधिकारी यूनियन के खिलाफ कुछ करने की हिम्मत नहीं कर पा रहा है. कर्मचारियों का यह भी कहना है कि सीनियर डीईएन/कोआर्डिनेशन वेंकटेश्वर राव, जो कि यूनियन के पदाधिकारी होने के नाते तीन एसएसई को अपने साथ रखकर यूनियन को लाभ पहुंचा रहे हैं, ने डीआरएम की शह पर अपने मातहत उन चार कर्मचारियों का निलंबन वापस ले लिया है, जिन्होंने सीनियर डीसीएम अरुण थॉमस के साथ 5 अक्टूबर को उनके चैम्बर में घुसकर बदसलूकी की थी. हालांकि अन्य ब्रांच अफसरों ने अब तक अपने मातहत कर्मचारियों का निलंबन वापस नहीं लिया है. ज्ञातव्य है कि सीनियर डीसीएम के साथ बदसलूकी करने वाले चार वाणिज्य कर्मचारियों सहित कुल 11 कर्मचारियों को निलंबित किया गया था. डीआरएम अग्रवाल एवं सीनियर डीईएन/कोआर्डिनेशन राव की कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार के बारे में भी बहुत चर्चा हो रही है, इसके अन्य विस्तृत तथ्यों का इंतजार है.

पता चला है कि 17 अक्टूबर को चेन्नई में हुई सदर्न रेलवे ऑफिसर्स एसोसिएशन (एसआरओए) की एक विशेष बैठक में सभी उपस्थित अधिकारियों ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करके महाप्रबंधक/द.रे. से एसआरएमयू की मान्यता खत्म करने का अनुरोध किया है. इसके अलावा अन्य आठ प्रस्तावों सहित यूनियन पदाधिकारियों से बातचीत के लिए भी पांच प्रस्ताव/सुझाव देकर जीएम से उन्हें लागू करने की मांग की गई है. विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार यूनियन की मान्यता समाप्त किए जाने की आसन्न आशंका को देखते हुए एसआरएमयू के कुछ पदाधिकारी पहले ही दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं, और अब उनकी सहायता के लिए उनके सबसे बड़े समर्थक डीआरएम/त्रिची अतुल कुमार अग्रवाल भी एक हप्ते की छुट्टी लेकर आज यानि गुरुवार, 20 अक्टूबर को दिल्ली पहुंच रहे हैं.

सूत्रों का यह भी कहना है कि डीआरएम की फ्लाइट टिकटों का बंदोबस्त यूनियन अथवा कुछ कॉन्ट्रैक्टर्स द्वारा किया जाता है, जबकि दो कॉन्ट्रैक्टर्स ने डीआरएम को एक-एक आलीशान गाड़ियां भेंट की हैं, जिन्हें उन्होंने दिल्ली पहुंचा दिया है, जहां उन्हें पांच लाख की पेनाल्टी भरने के साथ ही रेलवे आवास खाली करने का नोटिस मिला हुआ है. बताते हैं कि एक अन्य कांट्रेक्टर ने डीआरएम के लिए एक निजी सहायक का बंदोबस्त अपने खर्च पर किया हुआ है. विस्तृत जानकारी का इंतजार है. इसके अलावा कर्मचारियों का यह भी कहना है कि यदि प्रशासन ने अभी यूनियन के विरुद्ध कोई उचित कदम नहीं उठाया, तो यह निश्चित है कि दक्षिण रेलवे में हिंदीभाषी कर्मचारियों और अखिल भारतीय रेल सेवा के अधिकारियों का काम करना मुश्किल हो जाएगा और यूनियन रेल प्रशासन के सिर पर चढ़कर नंगा नाच करेगी.