November 14, 2022

अनुकंपा नियुक्ति मामलों में क्रूरता की हद पार

Central Railway Head Quarters, Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus, Mumbai.

वेलफेयर इंस्पेक्टर की आंख से देखने के कारण बदनाम है भारतीय रेल का कार्मिक विभाग!

भारतीय रेल का कार्मिक विभाग और इसके कार्मिक अधिकारी खासतौर पर अनुकंपा नियुक्ति के मामलों में अत्यधिक बदनाम हैं, क्योंकि वे वेलफेयर इंस्पेक्टर की आंख से देखते हैं, और अधिकांश वेलफेयर इंस्पेक्टर हद दर्जे तक भ्रष्ट और कदाचारी हैं!

मध्य रेलवे, भुसावल मंडल के अंतर्गत खंडवा सेक्शन के अनुकंपा नियुक्ति मामलों में हो रही है बड़ी क्रूरता और लूट, और जो कुछ भी देने में असमर्थ रहते हैं, उनके मामलों को बुरी तरह उलझा दिया जाता है।

एक ऐसे ही मामले में लगभग 2 वर्ष से डोंगरगांव के पॉइंट्समैन अशोक राधेश्याम की विधवा पत्नी ममता जब न्याय मांगने पहुंची तो वेलफेयर इंस्पेक्टर द्वारा पहले दो पत्नी होने का प्रपंच रचकर नियुक्ति नहीं दी गई।

इसके पश्चात जब उसने कोर्ट से सक्सेशन सर्टिफिकेट लाकर जमा कर दिया, तब से लगातार डीआरएम ऑफिस बुलाकर उसे यहां वहां दौड़ाया जा रहा है, लेकिन नियुक्ति नहीं दी जा रही है।

उसे न पेंशन दी गई है, न ही अब तक उसका फाइनल सेटलमेंट किया गया, क्योंकि किसी भी प्रकार का फायदा उस महिला ने संबंधित अधिकारियों को नहीं दिया।

ऐसे कुछ मामले मुंबई मंडल में भी देखने को मिले हैं। जहां कोरोनाकाल में अकाल काल कवलित हुए कर्मचारियों के उत्तराधिकारियों को वेलफेयर इंस्पेक्टर ने डरा-धमकाकर अन्यत्र नौकरी करने और बेरोजगार नहीं होने की बात जबरन लिखाकर अनुकंपा नियुक्ति से वंचित कर दिया। अब ऐसे कुछ मामले जीएम ऑफिस ग्रीवांस सेल में दर्ज हुए हैं।

भारतीय रेल का कार्मिक विभाग और इसके कार्मिक अधिकारी खासतौर पर अनुकंपा नियुक्ति के मामलों में अत्यधिक बदनाम हैं। इसका कारण यह है कि वे वेलफेयर इंस्पेक्टर की आंख से देखते हैं, और अधिकांश वेलफेयर इंस्पेक्टर हद दर्जे तक भ्रष्ट और कदाचारी हैं।

इसके परिणामस्वरूप एक तरफ कार्मिक विभाग और कार्मिक अधिकारी बदनाम हैं, तो दूसरी तरफ मृत कर्मचारियों के उत्तराधिकारियों को अकल्पित प्रताड़ना और शोषण से गुजरना पड़ता है।

रेल प्रशासन को इस मामले में अपनी छवि सुधारने और अपने कर्तव्य का पालन करते हुए काल के गाल में समा गए कर्मचारियों के उत्तराधिकारियों को न्याय देने की पारदर्शी व्यवस्था स्थापित करनी चाहिए। इसके साथ ही कोई भी वेलफेयर इंस्पेक्टर निर्धारित अवधि से अधिक समय तक एक सेक्शन में पदस्थापित न हो, यह भी सुनिश्चित किया जाए।

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