पूर्वोत्तर रेलवे: आईआरईपीएस पोर्टल के माध्यम से विभिन्न वाणिज्यिक अर्निंग असेट्स की ई-नीलामी
“इस नई व्यवस्था से रेलयात्रियों को बेहतर एवं अनवरत सुविधा प्राप्त हो सकेगी। इसके साथ ही सुविधा प्रदाताओं को भी पारदर्शी व्यवस्था उपलब्ध होगी!” -अशोक कुमार मिश्र, महाप्रबंधक, पूर्वोत्तर रेलवे
गोरखपुर ब्यूरो: पूर्वोत्तर रेलवे पर वाणिज्य विभाग द्वारा पार्सल, पार्किंग, विज्ञापन, एसी प्रतीक्षालय, एटीएम तथा पे एंड यूज प्रसाधन आदि जैसे अर्निंग एसेट्स की ई-नीलामी इंडियन रेलवेज ई-प्रक्योरमेंट सिस्टम (आईआरईपीएस) पोर्टल के माध्यम से प्रारम्भ की गई है।
लखनऊ मंडल द्वारा अब तक 10 पार्किंग एवं 7 वीपीयू/एसएलआर के लगभग ₹33.13 करोड़ का कार्य ई-ऑक्शन के माध्यम से दिया गया है। इसी प्रकार वाराणसी मंडल द्वारा 5 वीपीयू एवं एक पार्किंग के लगभग ₹20.41 करोड़ का कार्य ई-ऑक्शन द्वारा दिया गया है।
तदनुसार इज्जतनगर मंडल द्वारा कुल 54 एसेट्स, जिनमें वीपीयू, विज्ञापन, वातानुकूलित प्रतीक्षालय, एटीएम तथा पार्किंग आदि सम्मिलित हैं, के ई-ऑक्शन का कार्य प्रगति पर है।
उक्त तीनों मंडलों में अन्य स्थलों के अर्निंग एसेट्स का ई-नीलामी की प्रक्रिया के तहत ही एजेन्सी निर्धारित की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे ने ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम (आईआरईपीएस) के माध्यम से वाणिज्यिक आय और गैर-किराया राजस्व अनुबंधों को इलेक्ट्रॉनिक नीलामी के दायरे में लाने के लिए कदम उठाए हैं। विदित हो कि डिजिटल इंडिया एवं डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के क्रम में भारतीय रेल द्वारा यह ई-नीलामी पोर्टल लॉंच किया गया है।
आईआरईपीएस के लाभ-
• आईआरईपीएस पोर्टल के माध्यम वाणिज्यिक आय एवं गैर-किराया राजस्व अनुबंधों की इलेक्ट्रॉनिक नीलामी कर रेल राजस्व एवं स्टार्टअप में वृद्धि होगी।
• इस पोर्टल के माध्यम से भारत में कहीं भी स्थित बोलीदाता केवल एक बार पंजीकरण कर भारतीय रेलवे की किसी भी फील्ड यूनिट की नीलामी में भाग ले सकते हैं।
• नई व्यवस्था के अन्तर्गत कोई भी इच्छुक व्यक्ति व्यावसायिक अथवा कम्पनी इस ई-ऑक्शन में प्रतिभाग कर सकता है। प्रक्रिया को बेहद सरल एवं तीव्र बनाया गया है।
• असफल प्रतिभागियों का सिक्योरिटी डिपाजिट ऑन लाइन माध्यम से तुरन्त ही वापस हो जाएगा।
ऽ आई.आर.ई.पी.एस. द्वारा ई-आक्शन की प्रक्रिया रेल प्रशासन एवं यात्रियों दोनों के लिये लाभप्रद है।
• ई-ऑक्शन से प्रतिर्स्पधात्मक वातावरण विकसित होने के फलस्वरूप रेल प्रशासन को उचित रेल राजस्व प्राप्त हो रहा है। एकाधिकार का वर्चस्व खत्म होने से यात्रियों की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी होगी।
• ऑनलाइन होने के कारण यह प्रणाली अत्यंत पारदर्शी है तथा इससे कार्यकुशलता में भी वृद्धि हो रही है। ई-ऑक्शन की पूरी प्रक्रिया मात्र 12 दिनों में पूरी हो जाती है, जबकि पहले इस कार्य में महीनों का समय लगता था।
पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्र के अनुसार, “इस नई व्यवस्था से यात्रियों को बेहतर एवं अनवरत सुविधा प्राप्त हो सकेगी। इसके साथ ही सुविधा प्रदाताओं को भी पारदर्शी व्यवस्था उपलब्ध होगी।”