रेल मंत्रालय है, या पाकिस्तान?
रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) की अंदरूनी राजनीति बहुत गजब की है। यहां वह ताकतवर नहीं है, जो सीआरबी की कुर्सी पर विराजमान है, बल्कि वह ज्यादा ताकतवर होता है, जो रेल भवन के कमरा नंबर 529 में बैठा है।
इस पर भी अगर सीआरबी निकम्मा, ना-लायक और अकर्मण्य हो – जो कि वर्तमान में हैं – तो फिर कहना ही क्या!
जिस प्रकार पाकिस्तानी प्रधानमंत्री एक कठपुतली है, और असली सत्ता सेनाप्रमुख जावेद बाजवा के हाथ में है, उसी प्रकार चेयरमैन सीईओ रेलवे बोर्ड (सीसीआरबी) सुनीत शर्मा मात्र एक रबर स्टैंप हैं और भारतीय रेल की असली सत्ता पीईडी/विजिलेंस के पास है।
शायद यही वजह है कि चालू वित्तीय वर्ष की सीक्रेट लिस्ट आज तक फाइनल नहीं हुई और अंततः उसे इस साल के लिए पूरी तरह से स्थगित कर दिया गया है। इसमें पीईडी विजिलेंस को सीआरबी का भी पूरा सहयोग मिला है, इसीलिए तो वह उन्हें ज्यादातर समय अपने चैंबर में ही बैठाए रखते हैं।
As per reliable sources, "Despite 2 SF-5 recommended against a SAG officer by one of the Zonal #SDGM & further recommendation of putting him in Agreed List 2021, PED/Vig is planning to drop both the cases & also not putting him in the List'21 after dealing?"@PMOIndia @CVCIndia pic.twitter.com/kW0MbuNwi1
— RAILWHISPERS (@Railwhispers) September 5, 2021
कौन और कब जीएम बनेगा, किसे फँसाकर रोका जाएगा, किस पर अनुग्रह होगा, किस ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा, किसे ठेका मिलेगा, यह सब रेल भवन के कमरा नंबर 529 में तय होता है।
और यह सर्वज्ञात है कि इस कमरा नंबर 529 में #PEDVigilance रमेश कुमार झा साहेब बैठते हैं। ऐसा लगता है कि यह कुर्सी सीवीसी, डीओपीटी और पीएमओ ने उनके नाम कर दी है, क्योंकि तमाम शिकायतों-नियमों के बावजूद निर्धारित कार्यकाल का कोई नियम-कानून उन पर लागू नहीं हो रहा है।
नकली एनकाउंटर में हत्या केवल पुलिस ही नहीं करती!@RailMinIndia के exCRB #VKYadav और PEDVig #RKJha ने #VandeBharat की पूरी टीम के कैरियर की हत्या की और #PMModi के सपनों को जमींदोज किया!
— RAILWHISPERS (@Railwhispers) October 9, 2021
लेकिन जबतक असली अपराधी सजा नहीं पाते न्याय पूरा नहीं होगा।
क्या MR @AshwiniVaishnaw ऐसा करेंगे? pic.twitter.com/x9rgx3SGOx
यहां तक कि सीवीसी में इनके विरुद्ध लिखित शिकायत दर्ज है। यह बात अलग है कि तमाम प्रयासों के बाद ही सीवीसी में भी इनके विरुद्ध उक्त शिकायत दर्ज हुई है, वरना वहां भी भ्रष्टों को फेवर करने वाले जोड़-तोड़बाजों की कोई कमी नहीं है।
उल्लेखनीय है कि हर साल जनवरी में प्रत्येक सरकारी अधिकारी और कर्मचारी को अपनी अर्जित संपत्ति का ब्यौरा घोषित करके सरकार के पास जमा कराना पड़ता है। यह नियम है और इस नियम का पालन नहीं करने पर कड़े दंड का प्रावधान भी है।
परंतु रमेश कुमार झा जैसे महान खिलाड़ियों पर ऐसा कोई नियम-कानून लागू नहीं होता, क्योंकि इन्हें सत्ता और शासन दोनों प्रतिष्ठानों को एक साथ साधने में महारत हासिल होती है। सब जानते हैं कि यह ‘महारत’ पैसे की बदौलत हासिल होती है, जो कि ऐसे लोगों के पास इफरात में आता है।
उल्लेखनीय है कि रमेश कुमार झा उर्फ आर. के. झा ने हाल ही में अपनी संपत्ति का जो तीन साल का ब्यौरा जमा कराया है, वह न केवल गलत है, बल्कि सरकार की आंखों में धूल झोंकने वाला है।
जानकारों का कहना है कि “इसमें उन्होंने कई महंगी संपत्तियों का उल्लेख नहीं किया है, जबकि उनके पास कई अन्य संपत्तियां बेनामी हैं। यदि इस बात पर भरोसा न हो, तो सरकार इनकी और इनके परिवार सहित नाते-रिश्तेदारों की सभी संपत्तियों का जमीनी सत्यापन करवाए!”
As per @DoPTGoI O.M. No. 372/8/99-AVD-III, dtd.18.1.2001,
— RAILWHISPERS (@Railwhispers) September 28, 2021
Clearly stated that NO #CVO TO BE APPOINTED FROM THEIR ORGANISATION but more than 20yrs has passed since the system is running the same.
Implementation of above O.M. should be immediate to control #corruption in #Railways. pic.twitter.com/4TItaJk6EU
उनका कहना है कि जोड़-तोड़, उगाही और भ्रष्टाचार के तमाम विवादों में लगातार विवादित चल रहे आर. के. झा में ऐसी क्या खासियत है, या फिर सीआरबी की कोई नब्ज दबी है, अथवा उनमें ऐसे कौन से सुर्खाब के पंख लगे हैं कि रेलमंत्री, सीवीसी, डीओपीटी और पीएमओ इत्यादि निर्धारित समय-सीमा और नियम-कानून को दरकिनार कर कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी उन्हें पीईडी/विजिलेंस के पद से हटाने से हिचक रहे हैं? क्रमशः
जैसे पाकिस्तानी PM एक कठपुतली है, असली सत्ता बाजवा के पास है, उसी प्रकार @RailMinIndia में #CRB सुनीत शर्मा मात्र एक रबर स्टैंप हैं
— RAILWHISPERS (@Railwhispers) October 15, 2021
कौन,कब GM बनेगा,किसे फँसाकर रोकना है,किसपर अनुग्रह होगा,किस ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करना है,किसे ठेका मिलेगा,ये सब रेलभवन के रूम नं.529 में तय होता है pic.twitter.com/a7YikO0nmS
#RailBhawan #RailMinIndia #Vigilance #CVCIndia #PMOIndia #IndianRailways