लोकतंत्र और अपनी भाषा
अंग्रेजी एलीटों के गाल पर मंडाविया का झन्नाटेदार तमाचा
अंग्रेजी के गुलामों शर्म करो! नए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया के महात्मा गांधी के लिए “नेशन ऑफ द फादर” बोलने पर कुछ अंग्रेजी के गुलाम मजाक उड़ा रहे हैं। नाच रहे हैं। विशेषकर गंगा घाटी के!
याद करो, कामराज सिर्फ तमिल जानते थे और आजादी के बाद भारत की राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे असरदार प्रेसिडेंट रहे। उन्हें अंग्रेजी नहीं आती थी, लेकिन गरीबों का दर्द वह ज्यादा और बहुत अच्छी तरह से समझते थे।
राज नारायण, मुलायम सिंह, लालू यादव, राबड़ी देवी.. ऐसे न जाने कितने लोकतंत्र के प्रहरी इसी परंपरा के हैं। और नरेंद्र मोदी भी!
मनसुख का मजाक उड़ाना इन सब का अपमान है। अरविंद केजरीवाल भी अपनी भाषा के बूते रोज इन अंग्रेजी एलीटों की नाक पर मुक्का मारते दिखाई पड़ते हैं।
महात्मा गांधी होते तो उनकी आत्मा भी मनसुख मंडाविया के लिए खिल उठती।
पहली बार अंग्रेजी “एलिट” फड़फड़ाता फिर रहा है, लेकिन लोकतंत्र और जन-भाषाएं ऐसे ही लोग बचाएंगे!
“जन-ज्वार” चैनल के साथ 12 जुलाई को उपरोक्त विषय पर प्रेमपाल शर्मा की बेबाक बातचीत
#प्रेमपाल_शर्मा, दिल्ली, 10 जुलाई, 2021
संपर्क: 99713 99046