कहां गए एनआरसीएच द्वारा खरीदे गए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर?

Northern Railway Central hospital, New Delhi
भ्रष्टाचार और फेवर का एक बड़ा अड्डा “रेलवे स्वास्थ्य सेवा”
खबर है कि एनआरसीएच द्वारा हाल ही में बड़ी संख्या में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे गए थे। बताते हैं कि यह ऑक्सीजन कंसंट्रेटर काफी महंगी दरों पर भी खरीदे गए हैं।
यह ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एनआरसीएच में भर्ती कोविद पॉजिटिव मरीजों (रेलकर्मियों-अधिकारियों) को ऑक्सीजन सपोर्ट देने हेतु मंगाए गए हैं।
परंतु अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इनमें से ज्यादातर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर वरिष्ठ रेल अधिकारियों के आवासों में पहुंचा दिए गए हैं?
जानकारों का कहना है कि मरीजों के नाम पर सुविधाओं की बंदरबांट का यह कोई नया मामला नहीं है। ऐसा पहले भी होता रहा है।
सूत्रों का कहना है कि ज्यादातर जरूरी मेडिकल सुविधाओं का उपभोग सीनियर अधिकारियों द्वारा किया जाता है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार पिछले साल कोविद के शुरुआती दिनों में इसके लिए जब एचसीक्यूएस टैबलेट्स देने की सिफारिश की गई थी, तब भी थोक की थोक यह टैबलेट्स अधिकारियों के घरों में भेज दी गई थीं, मगर जब यह कहा गया कि डॉक्टरों की सलाह के बिना कोई मरीज यह टैबलेट्स नहीं ले, तब अधिकारियों ने यह सारी टैबलेट्स अस्पताल को लौटा दी थी।
उनका कहना है कि डॉक्टर इस प्रकार का फेवर करके वरिष्ठ अधिकारियों को एक तरह से रिश्वत देते हैं और फिर उनसे अपने लिए फेवर पाते हैं। यही वजह है कि जो डॉक्टर जहां ज्वाइन करता है, 35-40 साल की सर्विस के बाद वहीं से रिटायर होता है। इस तरह “रेलवे स्वास्थ्य सेवा” वर्षों से भ्रष्टाचार और फेवर (गिव एंड टेक) का एक बड़ा अड्डा बनी हुई है।
उनका कहना है कि जरूरत इस बात की है कि रेलमंत्री, सीआरबी सीईओ और जीएम स्तर पर प्रत्येक कोविद पॉजिटिव रेलकर्मी और अधिकारी से सीधे संवाद स्थापित किया जाए, तभी ऐसी अफरा-तफरी पर थोड़ी बहुत लगाम लग सकती है।
उन्होंने यह भी कहा कि इसके अलावा जरूरत इस बात की भी है कि डॉ रुष्मा टंडन को एनआरसीएच के प्रशासनिक पद से अविलंब हटाया जाए और सीईओ/रेलवे बोर्ड उन्हें अपना कथित संरक्षण देना फौरन बंद करें।
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प्रधानमंत्री @narendramodi ने अपने उद्बोधन कहा है कि मंत्रीगण अपने कार्यक्षेत्र में लोगों की मदद करें।
इसका एक निहितार्थ यह भी है कि #TADK को पूर्ववत बहाल कर रेल अधिकारियों को एक बड़ी राहत दी जा सकती है और #covid पर MR/CRB/GM/DRM सीधे पीड़ित रेलकर्मियों से संवाद कर उनकी मदद करें! pic.twitter.com/4dxEGrbJew— RAILWHISPERS (@Railwhispers) May 4, 2021