पूर्वोत्तर रेलवे ने शुरू कर दिया कोरोना अवार्ड वितरण
अभी कोविद-19 मुहिम खत्म नहीं हुई, न ही ऐसे कोई लक्षण फिलहाल नजर आ रहे हैं, पर रेलवे में शुरू हो गया पुरस्कार बांटना
जहां एक तरफ कोरोनावायरस की महामारी से देश को और इसके 135 करोड़ देशवासियों को बचाने की जी-तोड़ कोशिश प्रधानमंत्री सहित पूरी भारत सरकार और सभी राज्य सरकारें कर रही हैं, जनता भी लॉकडाउन में सरकार के साथ भरपूर सहयोग कर रही है, वहीं कुछ अति होशियार सरकारी अधिकारी अपनी होशियारी दिखाते हुए प्रधानमंत्री से भी दस कदम आगे निकल जाना चाहते हैं।
अभी कोरोनावायरस से संक्रमित तमाम मामले सामने आ रहे हैं। इससे संक्रमित लोगों की संख्या घटने के बजाय बढ़ती ही जा रही है। इस महामारी को नियंत्रित करने की अथक कोशिशों के बावजूद इसके मामलों में कमी आने के कोई लक्षण फिलहाल कहीं से नजर नहीं आ रहे हैं।
इसके बावजूद लुक ऑफ्टर जीएम, पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा इसके लिए तीनों मंडल रेल प्रबंधकों सहित सभी विभाग प्रमुखों और कोविद-सेल्स को पुरस्कृत कर दिया गया। जीएम द्वारा इसके पुरस्कार स्वरूप 35 लाख रुपए बांटे गए हैं। जब अभी तक महामारी पर नियंत्रण की कोई घोषणा सरकार की तरफ से नहीं की गई है और का अभी कोविद19 मुहिम खत्म हुई ही नहीं है, तब पुरस्कार देने की बात न सिर्फ समझ से परे है, बल्कि यह जल्दबाजी भी है।
इस संदर्भ में पूछे जाने पर पूर्वोत्तर रेलवे के लुक ऑफ्टर जीएम एल. सी. त्रिवेदी का कहना था कि “अभी सिर्फ फंड अलॉट किए गए हैं। यह ग्रूप अवार्ड हैं। जरूरत पड़ने पर ऑन द स्पॉट अवार्ड के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे। बहुत से रेल कर्मचारी विभिन्न विभागों के पहले ही अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं और इनाम के हकदार हैं।”
नेक काम के लिए पुरस्कार अवश्य दिए जाने चाहिए, इसके लिए अच्छा काम करने वाले लोगों को पुरस्कृत और प्रोत्साहित भी किया जाना चाहिए मगर मुहिम की सफलता और इसकी अंतिम सरकारी घोषणा के बाद, यही परंपरा भी रही है।
अब जीएम द्वारा भले ही अपने बचाव में “अभी सिर्फ फंड कलॉट करने और जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल किए जाने” की सफाई दी गई है, परंतु वक्त की नजाकत को देखते हुए उनका यह कदम कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है। जहां तक जानकारी है, ऐसा कोई अनावश्यक निर्णय, वह भी समय से पहले, अन्य किसी जोनल जीएम द्वारा अब तक नहीं लिया गया है!