March 31, 2020

यात्री ट्रेनें नहीं चल रही हैं, ऐसे मार्जिन में केबल मेगरिंग कराने पर अधिकारियों का जोर

Cable megaring on railway crossing gate by S&T Department of Ahmedabad Division, Western Railway

केबल मेगरिंग करने का नया फरमान, रिले रूम के वायरस ग्रस्त होने पर कैसे बचेगी रेलकर्मियों की जान !

अब तक एसएंडटी कर्मचारियों को इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारियों के साथ रेल बदलने, ट्रैक मशीन से पैकिंग करने के कार्य में लगाया गया था परंतु अब एक और नया फरमान जारी कर दिया गया है। इस नए आदेश में केबल मेगरिंग कराने के निर्देश दिये गये हैं।

जब कर्मचारियों का कहना है कि समस्या काम करने की नहीं, बल्कि काम करने की जगह को लेकर है, क्योंकि केबल मेगरिंग कराने के लिए रिले रूम जिस पर दो लाॅक होते हैं, जिनकी एक चाभी एसएंडटी विभाग के पास तथा दूसरी चाभी स्टेशन मास्टर के पास होती है।

स्टेशन मास्टर चाभी तभी देते हैं, जब एसएंडटी विभाग का जेई या एसएसई स्तर का निरीक्षक चाभी मांगने के लिए कंट्रोल से पीएन लेता है और स्टेशन मास्टर को कंट्रोल चाभी देने के लिए अनुमति देता है।

यानि रिले रूम पूरी तरह से बंद और सुरक्षित होता है। अतः रिले रूम को खोले बगैर केबल मेगरिंग करना संभव नहीं है।

जबकि रिले रूम के अंदर सिग्नल की सारी सर्किट तथा हजारों-लाखों की संख्या में सिग्नलिंग तारों का गुच्छा सिग्नलिंग उपकरणों को चलाने के लिए लगा होता है।

अब प्रश्न यह है कि क्या एक बंद और सुरक्षित कमरे को इस कोविद-19 महामारी के समय खोलकर उसे भी असुरक्षित नहीं किया जा रहा है और क्या इस प्रकार के रिले रूम को सैनेटाइज किया जाना संभव है जहाँ हजारों-लाखों की संख्या में सिगनलिंग तारों का गुच्छा तथा सिगनलिंग सिस्टम मौजूद हो?

एसएंडटी कर्मियों का आग्रह है कि आखिर अधिकारियों को कर्मचारियों की सुध क्यों नहीं हो रही है? उनका कहना है कि जब प्रधानमंत्री खुद देश के हर नागरिक को ‘घर पर रहिये और केवल घर पर रहिये’ के लिए निवेदन कर रहे हैं, तो क्या हमारे अधिकारी अपने मातहत कर्मचारियों को ‘घर पर रहिये और केवल घर पर रहिये’ के लिए प्रेरित नहीं कर सकते हैं?

उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में चेयरमैन, रेलवे बोर्ड ने भी सभी अधिकारियों को केवल मालगाड़ियों के लिए आवश्यक स्टाफ को ही ड्यूटी पर लगाने का निर्देश दिया है, वह भी रोटेशन में। परंतु ब्रांच अधिकारियों, खासतौर पर एसएंडटी तथा इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों को ट्रेनें कम चल रही हैं, तो काम करने के लिए अच्छा मार्जिन दिख रहा है, इसीलिए वह सामान्य दिनों से भी ज्यादा काम करवा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि कहने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा रहा है, परंतु इंजीनियरिंग तथा एसएंडटी विभाग का प्रत्येक काम रिस्क एवं हार्डशिप के बिना संभव ही नहीं है, ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग तो मात्र एक छलावा है। ऐसी परिस्थितियों में कई रेलकर्मी कोरोना महामारी के चपेट में आ रहे हैं, जिसका एक बेहतरीन उदाहरण पश्चिम रेलवे के मुंबई सेंट्रल मंडल के नंदुरबार सेक्शन में आ चुका है, जहां संदिग्ध मामले पाए जाने पर तीन ट्रैकमैनों को होम क्वारंटाइन किया गया है।

उन्होंने कहा कि जो लोको पायलट ट्रेन चलाते हैं, उनको भी ब्रेथ एनालाईजर टेस्ट तथा बायोमैट्रिक उपकरणों से छुट दी गई है, परंतु कुछ लाॅबियों में यह अभी मान्य नहीं किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि उनके पास मंडल कार्यालय से अभी तक कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। अब जबकि अभी हाल ही में पालनपुर में एक लोको पायलट को कोरोना से संक्रमित पाया गया था, तब भी रेल प्रशासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। 

सवाल यह है कि आखिर इस वैश्विक कोरोना महामारी से इन रेल कर्मचारियों को कौन बचाएगा और इसके लिए जिम्मेदार किसे ठहराया जाएगा?

“हम बचेंगे, तो देश बचेगा”

एसएंडटी कर्मचारियों के एक व्हाट्सऐप ग्रुप में डाला गया मैसेज भी कानाफूसी.कॉम को प्राप्त हुआ है। इसमें कहा गया था कि – “जबकि भारत सरकार एवं देश के प्रधानमंत्री खुद बार-बार सभी नागरिकों से ‘घर में ही रहें और केवल घर में ही रहें’ की अपील कर रहे हैं, ऐसी स्थिति में घर से बाहर निकलना मौत के मुँह में जाने के बराबर ही नहीं, बल्कि पूरे भारत को मौत के मुँह डालने के बराबर माना जा रहा है। ऐसी विकट परिस्थिति में हम रेल कर्मचारियों के ऊपर विशेष जिम्मेदारियां आ जाती हैं। परंतु हमारी जिम्मेदारियों की आड़ में हमारा शोषण किया जाना उचित नहीं है। हम कर्मचारी भी आप अधिकारियों के परिवार के एक सदस्य की तरह ही हैं और हमसे काम लेना आपकी जवाबदारी है, परंतु इसे किसी भी अधिकारी को अपने इगो पर नहीं लेना चाहिए। और जहां तक संभव हो, हम सभी को एक-दूसरे की भावनाओं को तथा समस्याओं को इससे भी ज्यादा हमारे घर से बाहर निकलने के डर को महसूस करना चाहिए। अगर बात केवल हम कर्मचारियों की होती, तो कोई बात नहीं थी, परंतु यह महामारी हमारे परिवार को ही नहीं, पूरे देश को महामारी के दलदल में डाल रही है। हमारी एक गलती न जाने किस-किस को लील जाए। आज किसी भी प्रकार किसी से हुई एक छोटी सी गलती भी बहुत बड़ी गलती बन सकती है। अतः आप सभी से हाथ जोड़ कर नम्र निवेदन है कि आप सभी के हाथों में हमारी ही नहीं, बल्कि हमारे पूरे परिवार के साथ-साथ हमारे समाज की जिंदगियां भी हैं। मेरे इस अनुरोध पर आप सभी एक बार पुनर्विचार करें तथा शिफ्ट ड्यूटी में कार्यरत कर्मचारियों के दर्द को समझने की कोशिश करें, जब गाड़ियां चल नहीं रही हैं, तो शिफ्ट ड्यूटी में कर्मचारियों की संख्या कम की जानी चाहिए, उन्हें अल्टर्नेट दिन में बुलाया जाना चाहिए तथा जनरल ड्यूटी में भी किसी भी प्रकार का नया काम नहीं किया जाना चाहिए। जहां तक संभव हो, हमें इस वक्त केवल और केवल इमरजेंसी कार्यों का संपादन ही करना चाहिए। इस महामारी से बचेंगे, तो बहुत सारे काम कर लेंगे। हम बचेंगे तो देश बचेगा।”

Lifted Lc 67  both the booms air

Replaced point no 13A and 11B today at KKLR yard

A boom 90, 90 89

B boom  90,94 96

Planned special work on Barabhum Station – spot vedio

https://youtu.be/dp2Kk_gsNYg

New and special works are going on in Godiwada section, Vijayawada division, South Central Railway

https://twitter.com/irstmu/status/1244405020109361152?s=08