August 23, 2019

सेक्रेटरी/जीएम/एमसीएफ आर. पी. शर्मा का असामयिक निधन

मॉडर्न कोच फैक्ट्री, रायबरेली के समस्त अधिकार/कर्मचारी शोक-संतप्त

क्रूर प्रशासनिक व्यवस्था ने ले ली एक और ईमानदार अधिकारी की बलि

रायबरेली : महाप्रबंधक, मॉडर्न कोच फैक्ट्री (एमसीएफ), रायबरेली के सेक्रेटरी आर. पी. शर्मा (55) का जालंधर स्थित एक अस्पताल में गुरूवार, 22 अगस्त को लगभग चार बजे हृदयरोग से संबंधित इलाज के दौरान अचानक हुए हृदयाघात से निधन हो गया. उनके असामयिक निधन से एमसीएफ के सभी शोक-संतप्त अधिकारी और कर्मचारी अवाक रह गए हैं. उन्हें श्री शर्मा के निधन की खबर पर भरोसा कर पाना अत्यंत मुश्किल हो रहा है. उन्हें इस खबर पर विश्वास ही नहीं हो पा रहा है.

हंसमुख और मिलनसार स्व. श्री शर्मा मूलतः पंजाब के निवासी और आरसीएफ, कपुरथला के कर्मचारी थे. विभागीय परीक्षा पास करके ग्रुप ‘बी’ में पदोन्नत होकर ग्रुप ‘ए’ अधिकारी बने. ‘रेलसमाचार’ को बखूबी याद है कि संपूर्ण भारतीय रेल में सर्वप्रथम ग्रुप ‘ए’ (एडहाक जेएजी) पाने वाले दो ग्रुप ‘बी’ अधिकारियों में से एक आर. पी. शर्मा थे. इसके अलावा कई पुरस्कारों सहित महाप्रबंधक का सेक्रेटरी बनने का सम्मान पाने वाले ग्रुप ‘बी’ अधिकारियों में से श्री शर्मा ही शायद पहले अधिकारी रहे हैं.

विभागीय तिकड़मबाजी अथवा अन्य निहित कारणों से श्री शर्मा का तबादला आरसीएफ से एमसीएफ में किया गया था. उनका पूरा परिवार जालंधर में ही रह रहा था. इसके लिए अक्सर उन्हें वहां जाना पड़ता था. वह आरसीएफ में लौटने हेतु लगातार अपने तबादले के लिए प्रयासरत थे, क्योंकि दो जगह पारिवारिक खर्च के चलते उनकी आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं थी. ईमानदारी और कर्तव्यपरायणता तथा पारिवारिक संस्कारों के चलते वह अन्य किसी माध्यम से अपने खर्चों की पूर्ति करने में भी असमर्थ थे.

रेलवे में हजारों अधिकारी और कर्मचारी बीसों साल से एक ही जगह पदस्थ और कार्यरत हैं. बार-बार इस बात की चर्चा होती है कि निर्धारित अवधि से ज्यादा एक जगह पर कार्मिकों की नियुक्ति कदाचार और भ्रष्ट आचरण का सबब बनती है. परंतु हर बार थोड़ी-बहुत हलचल के बाद सब ठंडा पड़ जाता है और नतीजा हमेशा ढ़ाक के तीन पात ही होता है. परिणामस्वरूप रेलवे में भ्रष्टाचार का शिष्टाचार सतत जारी है. ऐसे में स्व. आर. पी. शर्मा जैसे नितांत ईमानदार, परिश्रमी और कर्तव्यपरायण अधिकारी एवं कर्मचारी हमेशा प्रशासनिक क्रूरता का शिकार बनते हैं.

बहरहाल यह क्रूर व्यवस्था इसी तरह आगे भी चलती रहेगी, क्योंकि व्यवस्था के कर्णधार गूंगे-बहरे हो चुके हैं. ईश्वर से प्रार्थना है कि स्व. श्री शर्मा की पवित्र आत्मा को शांति दे, और उनके शोकाकुल परिवार को यह दारुण दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करे.