August 15, 2019

अनारक्षित टिकटों की कालाबाजारी करते टिकट बुकिंग क्लर्क को पकड़ा गया

कम दूरी का अनारक्षित टिकट निकालकर उस पर बनाता था लंबी दूरी का टिकट

काशीपुर : पूर्वोत्तर रेलवे के उत्तराखंड स्थित काशीपुर रेलवे स्टेशन पर तैनात प्रवर वाणिज्य लिपिक प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को अनारक्षित टिकटों में किए जा रहे फर्जीवाड़े की मुखबिर की सूचना पर योजनाबद्ध तरीके से सोमवार, 12 गस्त को पकड़ा गया. डेकॉय के माध्यम से उपरोक्त लिपिक द्वारा तैयार किए गए एक फर्जी अनारक्षित मिसमैच टिकट को बरामद कर अग्रिम साक्ष्य एकत्र करते हुए उपरोक्त वाणिज्य लिपिक को रेल संपत्ति-रेलवे अनारक्षित टिकट के बेईमानीपूर्वक दुर्विनियोग के जुर्म धारा 3-आरपी/यूपी ऐक्ट 1966, संशोधित अधिनियम 2012 के तहत गिरफ्तार कर रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट काशीपुर को अग्रिम कार्रवाई हेतु सुपुर्द किया गया.

अपराध का तरीका: अभियुक्त को रंगेहाथ गिरफ्तार करने के लिए पूर्व में किए गए होमवर्क तथा अभियुक्त से पूछताछ के बाद अपराध का जो तरीका सामने आया, वह निम्न प्रकार है- अभियुक्त अपनी ड्यूटी के दौरान सर्वप्रथम 10 रुपये के एक अनारक्षित टिकट को सिस्टम में फीड कर जारी करने के दौरान प्रिंटर को बंद करके ब्लैंक टिकट निकाल लेता था. इसके अगले नंबर पर लंबी दूरी की कोई कमांड देकर उसी टिकट पर लंबी दूरी का विवरण प्रिंट कर लेता था. जिस पर 10 रुपये का ब्लैंक टिकट बनाया गया था.

किंतु इस प्रक्रिया में स्लैश नंबर, टिकट नंबर से अलग होने के कारण टिकट मिसमैच हो जाता था. फिर भी अभियुक्त द्वारा आने वाले यात्रियों को उसको बेचकर लंबी दूरी वाले टिकट को तुरंत अगले नंबर पर एनआई (नॉन-इश्यूड) कर दिया जाता था, जिससे लंबी दूरी का किराया सिस्टम में वापस आ जाता था तथा उपरोक्त प्रकार से बने फर्जी टिकट को बेचकर उसका पूरा (10 रु. छोड़कर) किराया अभियुक्त अपने पास रख लेता था और रेलवे के टिकट की एनआई की प्रक्रिया भी सही तरीके से पूर्ण हो जाती थी.

इस प्रकार उसको पकड़ना अत्यंत मुश्किल था. रेल कर्मचारी होने के कारण कोई उस पर इस तरह के कृत्य का शक भी नहीं करता था और वह अपनी लगभग प्रत्येक ड्यूटी में इस तरह का एक टिकट अवश्य तैयार करके बेचता था. निजी धन उद्घोषणा पंजिका में 12 अगस्त को अभियुक्त द्वारा उसके पास 400 रुपये होने की घोषणा स्वयं के हस्तलेख में की गई थी, जबकि उसकी ड्यूटी समाप्त होने के बाद गिरफ्तारी के दौरान अभियुक्त की जामा-तलाशी से उसके पास से रुपया 1240 रुपये बरामद हुए. कार्रवाई के दौरान वाणिज्य अधीक्षक, काशीपुर के माध्यम से एनआई पंजिका, टिकट रोल हस्तांतरण पंजिका, निजी धनराशि की घोषणा पंजिका के साथ-साथ एनआई किए गए मूल टिकटों को भी जप्त किया गया.

उपरोक्त रिकॉर्ड के अवलोकन से यह भी स्पष्ट हुआ कि अभियुक्त द्वारा लंबे समय से यह कार्य किया जा रहा था और इस तरह वह रेल राजस्व को भारी हानि पहुंचा चुका है. उपरोक्त वाणिज्य लिपिक को मुख्य वाणिज्य निरीक्षक द्वारा रेलवे स्टेशन गंजडुंडवारा से रेलवे आरक्षित टिकटों की कालाबाजारी के जुर्म में वर्ष 2016 में भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. जांच टीम में निरीक्षक मयंक चौधरी, उनि श्रीकृष्ण जोशी, सउनि फिरु सिंह राणा, कांस्टेबल ज्ञान सिंह, अशोक कुमार, हेमंत कुमार भारती, प्रमोद कुमार को आदि शामिल थे.