April 7, 2019

संकेत एवं दूरसंचार अनुरक्षकों को भी दिया जाए रिस्क एंड हार्ड ड्यूटी एलाउंस

संकेत एवं दूरसंचार कर्मियों की सबसे बड़ी समस्या है ड्यूटी रोस्टर का न होना

भारतीय रेलवे संकेत एवं दूरसंचार अनुरक्षक संघ ने सीआरबी को ज्ञापन सौंपा

चक्रधरपुर : भारतीय रेलवे संकेत एवं दूरसंचार अनुरक्षक संघ (आईआरएसटीएमयू) का एक प्रतिनिधि मंडल राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन कुमार के नेतृत्व में 2 सितंबर को चक्रधरपुर के दौरे पर आए रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी से मुलाकात कर संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों की समस्याओं से उन्हें अवगत कराया। इस अवसर पर राष्ट्रीय प्रवक्ता गगन घनघोर ने संकेत एवं दूरसंचार विभाग की समस्याओं को गंभीरतापूर्वक लेते हुए इसके समाधान के लिए अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड (सीआरबी) को एक ज्ञापन सौंपा। नवीन कुमार ने बताया की मूलभूत से संकेत एवं दूरसंचार विभाग की सबसे बड़ी समस्या ड्यूटी रोस्टर के मुताबिक काम नहीं होना है। यार्ड स्टिक 2010 में बनी, परन्तु उसे आज तक लागू नहीं किए जाने की वजह से संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों को नींद में काम करने के लिए विवश होना पड़ रहा है, जिससे रेलवे तथा रेल यात्रियों की संरक्षा तथा सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है।

नवीन का कहना है कि संकेत एवं दूरसंचार विभाग के जो कर्मचारी पूरे दिन मेहनत कर संकेत एवं दूरसंचार उपकरणों का अनुरक्षण तथा फेलियर अटेंड करते हैं, उन्हीं कर्मचारियों को रात में भी फेलियर अटेंड करने के लिए बुलाया जाता है, जिससे वह निंद्रा अवस्था में कार्य करते हैं और इस वजह से कर्मचारी से कोई भारी गलती होने की संभावना लगातार बनी रहती है। अतः संकेत एवं दूरसंचार विभाग के महत्व को समझते हुए तुरंत प्रभाव से नाइट ड्यूटी गैंग की व्यवस्था प्रत्येक स्टेशन पर की जानी चाहिए।

सीआरबी को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि प्रत्येक वर्ष संकेत एवं दूरसंचार विभाग में दो दर्जन से भी अधिक कर्मचारी दुर्घटना के शिकार होकर अपनी जान गवाँ देते हैं। इसके बावजूद संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों को रिस्क एंड हार्ड ड्यूटी एलाउंस से वंचित किया जा रहा है, जबकि संकेत एवं दूरसंचार विभाग के उपकरण ज्यादातर घने जंगलों में, ऊंची पहाड़ियों पर, नदी के किनारे, रेलवे ब्रिज के किनारे स्थापित होते हैं और उस सिग्नल तक पहुंचकर संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों को उसका अनुरक्षण तथा फेलियर अटेंड करना पड़ता है। इस दौरान संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिनमें कई बार जंगली जानवरों तक से मुलाकात करनी होती है तथा रेलवे ट्रैक के ऊपर चलकर जाना होता है।

यहां तक की रेलवे ट्रैक के ऊपर संकेत एवं दूरसंचार विभाग के उपकरण भी लगे होते हैं, जिससे गाड़ी की वास्तविक स्थिति का अंदाजा लगाया जाता है कि गाड़ी वास्तव में कहां है? इस कार्य में कई बार संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारी रनओवर होकर अपनी जान गवाँ देते हैं। बावजूद इसके संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों को कोई रिस्क अलाउंस नहीं दिया जाता है, यह घोर अन्याय है।

संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने के लिए भी बताया गया है। संकेत एवं दूरसंचार विभाग के हेल्परों की स्थिति में सुधार लाने के लिए एलडीसी परीक्षा हर साल ली जाए, ज्ञापन में इस विषय पर विशेष जोर दिया गया है। संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय को उजागर करने पर रेल प्रशासन सहमा हुआ है।

इस मौक़े पर चक्रधरपुर मंडल में काफी संख्या में संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारी पंहुचे हुए थे। अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारी सीआरबी श्री लोहानी से काफी उम्मीद लगाए हुए हैं। प्रतिनिधि मंडल में मंडल अध्यक्ष रंजीत कुमार, मंडल सचिव मनोज आनंद, मंडल उपाध्यक्ष अभिषेक सिंह, मंडल उपसचिव एन सी आचार्य, टाटानगर ब्रांच सचिव लालबहादुर सिंह, टाटानगर ब्रांच अध्यक्ष सुधीर कुमार, विजित, रामलगन, अभिमनयू, अरूण, अमित, सत्यनारायण, मुन्ना, गणेश करूआ आदि पदाधिकारीगण शामिल थे। मंडल अध्यक्ष रंजीत कुमार ने सभी साथियों को अपना कीमती समय देने के लिए धन्यवाद दिया।