April 7, 2019

पूर्वोत्तर रेलवे ने लक्ष्य से पहले समाप्त किए सभी मानवरहित फाटक

महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल के मार्गदर्शन में सफल रहा भागीरथी प्रयास

गोरखपुर ब्यूरो : रेलवे बोर्ड के निर्देश पर पूर्वोत्तर रेलवे ने अपने कार्यक्षेत्र में अनारक्षित समपारों, जो कि पिछले वर्षों में रेल दुर्घटनाओं के कारण का बने थे, को 30 सितंबर 2018 तक समाप्त करने का भागीरथ कार्य महाप्रबंधक, पूर्वोत्तर रेलवे राजीव अग्रवाल के मार्गदर्शन में लक्ष्य से एक दिन पहले पूरा कर लिया. इस हेतु मुख्यालय एवं मंडल स्तर पर व्यापक कार्य योजनाएं बनाई गईं, जिससे इस बड़े कार्य को इतनी कम समय-सीमा में पूर्ण किया जा सके. तीनों मंडलों- इज्जतनगर, लखनऊ एवं वाराणसी परिक्षेत्र में स्थित अनारक्षित समपारों को समाप्त करने का बीड़ा उठाया गया.

इस दिशा में आवश्यक कदम उठाते हुए गेटमैनों की भर्ती, समपारों को रक्षित करने के लिए सामग्री का क्रय इत्यादि का प्रबंध किया गया. इसके लिए रेलवे ने बड़े पैमाने पर भूतपर्व सैनिकों की भर्ती की. ज्ञातव्य है कि 1 अप्रैल, 2014 को पूर्वोत्तर रेलवे पर 1104 बिना चैकीदार वाले एवं 1254 चौकीदारयुक्त समपार फाटक थे. यह संख्या 1 अप्रैल, 2018 को 633 बिना चैकीदार और 1341 चौकीदारयुक्त फाटक रहे गए थे.

चालू वित्तीय वर्ष में कुल मानवरहित 633 रेलवे फाटकों, जिनमें 458 बड़ी लाइन और शेष छोटी लाइन के फाटक थे, को समाप्त करने का दुरूह कार्य रेलवे ने प्रारम्भ किया. अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जी-तोड़ मेहनत के फलस्वरूप लक्ष्य से एक दिन पहले ही इस कार्य को पूरा कर लिया. इस कार्य को 30 सितंबर 2018 तक पूरा करने हेतु रेलवे बोर्ड ने कुशीनगर में बिना चौकीदार वाले फाटक पर हुई हृदय विदारक दुर्घटना के पश्चात निर्देशित किया था. पूर्वोत्तर रेलवे ने इसमें सफलता पाई है और आशा है कि इसके बाद रेलवे फाटकों पर दुर्घटना इतिहास का विषय हो जाएगी.