पर्याप्त किलोमीटरेज न मिलने से आगरा मंडल के रनिंग स्टाफ में भारी आक्रोश
आईआरएलआरओ प्रतिनिधि मंडल ने सांसद रामशंकर कठेरिया को ज्ञापन सौंपा
सांसद ने उ.म.रे. के संबंधित अधिकारियों को दिया समस्या के समाधान का निर्देश
डीआरएम द्वारा लिखे गए पत्र का भी मुख्यालय ने संज्ञान लेना जरूरी नहीं समझा
आगरा : इंडियन रेलवे लोको रनिंगमेन आर्गेनाईजेशन (आईआरएलआरओ) के पदाधिकारियों के एक प्रतिनिधि मंडल ने आगरा के सांसद और एससी/एसटी आयोग के अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया को ज्ञापन देकर राजधानी/शताब्दी सहित अन्य सुपरफास्ट ट्रेनों का संचालन आगरा मंडल के रनिंग स्टाफ को दिलाने और मंडल के रनिंग स्टाफ के साथ हो रहे पक्षपात, भेदभाव दूर कराने की मांग की है. संगठन के मंडल सचिव बंशी बदन झा ने बुधवार, 30 जनवरी को श्री कठेरिया को उनके आवास में मिलकर ज्ञापन देते हुए कहा कि वर्ष 2003 में उत्तर मध्य रेलवे जोन की स्थापना होने के बाद से आगरा मंडल के रनिंग स्टाफ के साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा है.
गत दिनों मुंबई सीएसटी से हजरत निजामुद्दीन के बीच नई चली 22221/22 नई राजधानी एक्सप्रेस भी आगरा मंडल के रनिंग स्टाफ को न देकर झांसी मंडल को दे दिए जाने से आगरा मंडल के रनिंग स्टाफ में सख्त नाराजगी है. इसी के चलते आगरा मंडल के रनिंग स्टाफ ने मुंबई सीएसटी राजधानी को रोककर उसमें अपना स्टाफ चढ़ा दिया था. श्री झा ने ‘रेल समाचार’ से बात करते हुए कहा कि यह केवल रनिंगमेन की ही बात नहीं है, बल्कि यह आगरा के मान-सम्मान की भी बात है. उन्होंने बताया कि ज्ञापन लेकर सांसद रामशंकर कठेरिया ने तुरंत उत्तर मध्य रेलवे, इलाहबाद के संबंधित अधिकारियों से बात की और कहा समस्या का समाधान कर अविलंब उन्हें इसकी जानकारी दी जाए. उन्होंने बताया कि श्री कठेरिया ने स्पष्ट कहा कि यदि संतोषजनक कार्यवाही नहीं हुई, तो इस पर उच्च स्तर से आगे की कार्रवाई की जाएगी.
मंडल सचिव श्री झा ने आगरा मंडल के साथ किए जा रहे भेदभाव और उपेक्षा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मंडल से गुजरने वाली गतिमान एक्सप्रेस को छोड़कर 28 ट्रेनें कोटा एवं झांसी मंडल को दे दी गईं. इससे कोटा मंडल का किलोमीटरेज 2300 और झांसी मंडल का किलोमीटरेज 3600 है, जबकि आगरा मंडल का किलोमीटरेज करीब 1800 ही है. उन्होंने कहा कि स्थापना के 16 साल बीत जाने के बाद भी आगरा मंडल को पर्याप्त किलोमीटरेज नहीं मिल पाया है, जिससे यहां के रनिंग स्टाफ का कई प्रकार से भारी नुकसान हो रहा है. प्रतिनिधि मंडल में मंडल सचिव बंशी बदन झा, कोषाध्यक्ष आलोक द्विवेदी, सह-कोषाध्यक्ष सुरेश चंद कटारा, शाखा अध्यक्ष महेन्द्र तिवारी, शाखा सचिव राहुल चौरसिया और गौतम कुमार इत्यादि पदाधिकारीगण शामिल थे.
उल्लेखनीय है कि मंडल के रनिंग स्टाफ की नाराजगी और मंडल में अशांति फैलने की आशंकाओं के चलते डीआरएम रंजन यादव ने 21 जनवरी को जोन के प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक को पत्र लिखकर कहा है कि मुंबई सीएसटी-हजरत निजामुद्दीन राजधानी एक्सप्रेस के संचालन का आवंटन झांसी मंडल के रनिंग स्टाफ को कर दिए जाने से दोनों मान्यताप्राप्त संगठनों द्वारा भारी रोष व्यक्त किया जा रहा है. उन्होंने लिखा है कि दोनों मंडलों के बीच औद्योगिक विवाद पैदा न हो, इसलिए अर्जित किमी को आधार बनाकर ही किमी के बैलेंसिंग होने तक नई गाड़ियों का आवंटन कम किमी अर्जित करने वाले मंडल के क्रू को आवंटित किए जाने की प्रचलित प्रक्रिया अपनाई जाती रही है.
इस पत्र में डीआरएम ने आगरा मंडल के पड़ोसी दोनों मंडलों – झांसी एवं कोटा – द्वारा अर्जित किमी का पूरा विवरण भी दिया है. इसके अनुसार झांसी मंडल के क्रू द्वारा आगरा मंडल पर प्रतिदिन 8543.14 किमी एवं आगरा मंडल के क्रू द्वारा झांसी मंडल पर प्रतिदिन 4864.57 किमी मेल/एक्सप्रेस गाड़ियों का संचालन किया जा रहा है. अर्थात झांसी मंडल द्वारा आगरा मंडल पर प्रतिदिन लगभग 3600 किमी से अधिक किमी अर्जित किए जा रहे हैं. इसी प्रकार कोटा मंडल के क्रू द्वारा आगरा मंडल पर प्रतिदिन 3480.86 किमी एवं आगरा मंडल के क्रू द्वारा कोटा मंडल पर प्रतिदिन मात्र 93.14 किमी मेल/एक्सप्रेस गाड़ियों का संचालन किया जा रहा है. अर्थात कोटा मंडल द्वारा आगरा मंडल पर प्रतिदिन लगभग 2300 किमी से अधिक किमी अर्जित किए जा रहे हैं.
उन्होंने लिखा है कि झांसी एवं कोटा मंडलों के उपलब्ध अर्जित किमी विवरण के अनुसार नई गाड़ियों हेतु क्रू आवंटन के समय मंडलों के औद्योगिक संबंध खराब होते हैं तथा गाड़ियों का सुचारु संचालन भी प्रभावित होता है, जिससे समय-समय पर मंडल के मान्यताप्राप्त संगठनों द्वारा बैठकों में ऐसे मुद्दे बनाए जाते हैं. डीआरएम ने अपने पत्र में स्पष्ट लिखा है कि अर्जित किमी बैलेंस होने तक आगरा मंडल से गुजरने वाली सभी नई गाड़ियों का संचालन आगरा मंडल के क्रू को दिए जाने की व्यवस्था की जाए.
डीआरएम ने पत्र में यह भी लिखा है कि सभी संबंधित तथ्यों को ध्यान में रखकर यदि सभी संबंधित विभागों से विचार-विमर्श करके यदि नई गाड़ियों पर क्रू आवंटन का निर्णय लेने से समस्या का सरलता से समाधान किया जा सकता है. तथापि पीसीओएम एवं मुख्यालय द्वारा अब तक समस्या का कोई उचित समाधान नहीं किया गया है, जिससे आगरा मंडल का रनिंग स्टाफ आंदोलन करने पर उतारू है.