पूर्वोत्तर रेलवे: लेखा विभाग की अपेंडिक्स-2 परीक्षा में खुली नकल

विजिलेंस की औचक छापेमारी- तीन अधिकारियों को मेजर चार्जशीट

परीक्षक ड्यूटी न होने पर भी परीक्षा स्थल पर क्या कर रहा था एफएए/एडमिन?

परीक्षकों ने विजिलेंस से निर्द्वंद होकर नकलचियों को दी थी नकल करने की गारंटी

विजय शंकर श्रीवास्तव, ब्यूरो प्रमुख

गोरखपुर : पूर्वोत्तर रेलवे के लेखा विभाग द्वारा 6, 7, 8 दिसंबर 2017 को ली गई अपेंडिक्स-2 की विभागीय परीक्षा विवादों के घेरे में आ गई है. प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले दिन यानि 6 दिसंबर को हुई परीक्षा में जमकर नकल हुई थी. इससे दूसरे दिन होने वाली परीक्षा में भी कुछ खास कैंडिडेट पूरी तैयारी के साथ गए थे, लेकिन इसी बीच अपने स्रोतों से मिली विश्वसनीय जानकारी के आधार पर विजिलेंस ने परीक्षा स्थल पर अचानक धाड़ मारी, तो वहां की स्थिति देखकर विजिलेंस अधिकारी दांग रह गए. बताते हैं कि सतर्कता टीम का नेतृत्व डिप्टी सीवीओ इंद्र प्रकाश कर रहे थे.

सतर्कता टीम द्वारा अचानक की गई छापेमारी को देखकर परीक्षा स्थल ‘सिस्टम ट्रेनिंग स्कूल’ में भगदड़ मच गई. वहां धड़ल्ले से नकल चल रही थी. सतर्कता टीम को देखकर नकलचियों ने अपनी कॉपी-किताबें और पुर्जियां इधर-उधर फेंकना और भागना शुरू कर दिया. इसी दरम्यान सतर्कता टीम ने कई नकलचियों को रंगेहाथ भी पकड़ा और उनके द्वारा फेंकी गई समस्त नकल सामग्री को भी इकठ्ठा कर लिया. इसके बाद डिप्टी सीवीओ इंद्र प्रकाश ने सिस्टम ट्रेनिंग स्कूल के प्रिंसिपल इदरीश अली से भी पूछताछ की, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से इस समस्त गतिविधि को रोक पाने के प्रति अपनी असमर्थता जताई. इस पर सतर्कता अधिकारी ने 6 तारीख की सभी सीसीटीवी फुटेज मांगी, प्रिंसिपल ने उन्हें उपलब्ध करा दी, जिससे नकल का पूरा कला चिट्ठा खुल गया.

इस परीक्षा के पर्यवेक्षकों में सीनियर एएफए/बीजी/एक्सपेंडिचर जयप्रकाश, एएफए अशोक कुमार की ड्यूटी लगाई गई थी. इसके अलावा परीक्षा स्थल पर एएफए/एडमिन एन. एन. पांडेय को भी धरा गया और जब उनसे वहां उनकी उपस्थिति का कारण पूछा गया तो वह इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. सूत्रों का कहना है कि इस परीक्षा में नकल के लिए एन. एन. पांडेय के ही माध्यम से जमकर धन उगाही हुई है, जिसकी पुष्टि भी इस बात होती है कि जब पांडेय की ड्यूटी परीक्षा स्थल पर नहीं थी, तो वह वहां पर क्या कर रहे थे? सूत्रों का कहना है कि जयप्रकाश और एन. एन. पांडेय चूंकि पूर्व सीवीआई रहे चुके हैं, उन्होंने परीक्षा में शामिल हुए उन लोगों, जिनसे मजबूत उगाही की गई थी, को इस बात की गारंटी दी थी कि विजिलेंस वाले वहां नहीं आएंगे, इसलिए निर्द्वंद होकर नकल करो.

उल्लेखनीय है कि अब यह नकल कराने वालों द्वारा इस पूरी घटना के पीछे यह हवा फैलाई जा रही है कि सिस्टम ट्रेनिंग स्कूल के प्रिंसिपल इदरीश अली जब गोरखपुर वर्कशॉप में कार्यरत थे, तब उनके खिलाफ तत्कालीन विजिलेंस इंस्पेक्टर जयप्रकाश और एन. एन. पांडेय ने एक झूठा केस बनाया था, जिसका बदला इदरीश अली ने विजिलेंस को सूचित करके लिया है. हालांकि सूत्रों का कहना है कि इदरीश अली ने इस बात से स्पस्ट इंकार किया है. सूत्रों ने नकल की इस पूरी योजना का मास्टर माइंड विजिलेंस में होने की बदौलत अधिकारी बने एन. एन. पांडेय को बताया है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार इसके पहले इस परीक्षा में शामिल रहे लोगों ने जब ग्रुप ‘डी’ से ग्रुप ‘सी’ में पदोन्नति की परीक्षा दी थी, तब भी उनका परीक्षा परिणाम विवादित रहा था. तब उस परीक्षा की कापियां अर्चना सिंह ने जांची थी और बड़े पैमाने पर अंकों की हेराफेरी हुई थी. तब भी यही एन. एन. पांडेय ने अपना जाल बिछाकर वसूली की थी. इस मामले में भी कई अधिकारियों को चार्जशीट दी गई थी, मगर अर्चना सिंह को केवल वार्निंग देकर कथित ‘मर्सी ग्राउंड’ पर छोड़ दिया गया था.

प्राप्त ताजा जानकारी के अनुसार तीनों अधिकारियों – जयप्रकाश, एन. एन. पांडेय और अशोक कुमार – को विजिलेंस की सिफारिश पर वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी (एफए एंड सीएओ) ने मेजर पेनाल्टी चार्जशीट (एसएफ-5) थमा दी है. इसके अलावा दो कर्मचारियों – शिवशंकर और राजीव जायसवाल को तीन साल के लिए इस परीक्षा से बहिष्कृत किए जाने की भी करने की संस्तुति की गई है.