कटरा स्टेशन पर अवैध वेंडिंग; श्रीमाता वैष्णो देवी स्टेशन की सुरक्षा में सेंध

अनधिकृत वेंडर्स से होने वाली अवैध कमाई एएससी के आदेशों पर भी भारी

वेंडिंग के काले-कारोबार में खुद शामिल है अवैध वेंडिंग रोकने का आदेश देने वाला एएससी

एएससी ने पहले दिए थे अवैध वेंडिंग बंद करने के आदेश, बाद में धोए बहती गंगा में हाथ

सीनि.डीएससी का कमाऊ इंस्पेक्टर प्राइवेट कांट्रैक्टर की यूनिफार्म में चलवा रहा अवैध वैंडिंग

अमित जेतली, ब्यूरो प्रमुख, पंजाब

भारतीय रेल में फैला भ्रष्टाचार सिस्टम पर किस कदर हावी होता जा रहा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किसी स्टेशन पर चल रहे गैरकानूनी कार्य को बंद करवाने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) सहायक सुरक्षा आयुक्त (एएससी) स्तर के अधिकारी ने संबंधित आरपीएफ इंस्पेक्टर को आदेश जारी कर अपने आदेशों की प्रतिलिपी वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त (सीनियर डीएससी) को भेजी, मगर इन आदेशों के तीन महीने पश्चात भी वह गैरकानूनी कार्य ज्यों का त्यों जारी रहा, क्योंकि इससे मिलने वाला ‘सुविधा शुल्क’ अथवा ‘अवैध कमाई’ इन अधिकारियों पर भारी पड़ गई और आदेश जारी करने वाले एएससी ने अपने आदेशों पर अमल करवाने के बजाय सीनियर डीएससी की तरह ही बहती गंगा में हाथ धोना ज्यादा बेहतर समझा.

यह मामला श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन, कटरा पर चल रही अवैध वेंडिंग का है. श्री माता वैष्णो देवी स्टेशन कटरा सुरक्षा की दृष्टि से अति संवेदनशील स्टेशनों की श्रेणी में आता है. मगर, इस स्टेशन की सुरक्षा चाक-चौबंद रखने का दम भरने वाले सीनियर डीएससी, फिरोजपुर तथा एएससी, जम्मू यहां पर अवैध वेंडिंग का काला कारोबार करने की खुली छूट देकर खुद ही स्टेशन की सुरक्षा में सेंध लगवा रहे हैं.

यहां से ऊपरी कमाई करने के चक्कर में लाखों यात्रियों की सुरक्षा से समझौता कर प्राइवेट कैटरिंग कांट्रैक्टर की यूनिफार्म में अवैध वेंडिंग करवाई जा रही है. यूनिफार्म पहने होने की वजह से रेलवे के संबंधित अधिकारी इन अनधिकृत वेंडरों की पहचान नहीं कर पाते, जिसके चलते यह स्टेशन अवैध वेंडिंग का गढ़ बनता जा रहा है.

विश्वसनीय सूत्रों से ‘रेलवे समाचार’ को मिली जानकारी के अनुसार इस गौरखधंधे को पूरे योजनाबद्ध तरीके से चलवाने वाला कटरा स्टेशन का आरपीएफ इंस्पेक्टर अनधिकृत वेंडरों से होने वाली ऊपरी कमाई का एक बड़ा हिस्सा इन अधिकारियों तक पहुंचा रहा है, जिसके चलते उक्त अधिकारी इस धंधे को किसी भी कीमत पर बंद नहीं होने देना चाहते. हालांकि सितंबर महीने में मामला संज्ञान में आने पर एएससी, जम्मू की ओर से आरपीएफ इंस्पेक्टर कटरा को पहले अवैध वेंडिंग बंद करवाने के आदेश जारी किए गए थे, मगर बाद में इन आदेशों को दबा दिया गया और तगड़ी सेटिंग के बलबूते पर यह गौरखधंधा बदस्तूर जारी रहा.

इस संबंध में पीएमओ, रेलमंत्री, रेल मंत्रालय, सीआरबी, डीजी/आरपीएफ, जीएम/उ.रे. तथा आरपीएफ/उ.रे. के ट्वीटर हैंडल पर 4 दिसंबर 2017 को सबूत समेत टवीट् होने पर सीनियर डीएससी, फिरोजपुर से फीडबैक मांगा गया. मगर, इसमें भी सीनियर डीएससी ने अपनी कुटिल चाल चली और अपने उच्च अधिकारियों को वास्तविक स्थिति से अवगत कराने या सच स्वीकार करने के बजाय ‘रेफर्ड फॉर स्पीडी इन्क्वारी’ का आश्वासन देकर मामले को दरकिनार कर दिया. उन्होंने खानापूर्ति करने के लिए मामले की जांच बहती गंगा में हाथ धोने वाले अपने ही मातहत एएससी, जम्मू, जिसने पहले यह अवैध वेंडिंग रोकने के लिए लिखा था, को सौंपकर पीएमओ, रेलमंत्री तथा पूरे रेल प्रशासन को गच्चा दे दिया.

इसके बाद एएससी, जम्मू ने मामले को दबाने की कोशिशें शुरू कीं और अगली सुबह बठिंडा-जम्मू एक्सप्रेस में फिरोजपुर से जम्मू पहुंचे और वहां से तथाकथित ‘स्पीड इन्क्वारी’ के आदेश लेकर कटरा पहुंच गए. कटरा स्टेशन पर वह जांच के नाम पर मात्र यह पता लगाते रहे कि उनके विभागीय आदेश की कॉपी लीक होकर बाहर कैसे पहुंची और प्लेटफार्म पर चल रहे अनधिकृत वेंडरों की वीडियोग्राफी कब, कैसे और किसने की, जिससे उसे बलि का बकरा बनाया जा सके.

इसके अलावा उन्होंने अपनी मर्जी तथा सुविधा के मुताबिक प्राइवेट कांट्रैक्टर के कर्मचारियों तथा आरपीएफ कर्मियों के बयान रिकार्ड किए. यह सब करते समय इस तमाम रैकेट में शामिल रहे एएससी महोदय शायद यह भूल गए कि वह अपने पिछले आदेशों में कटरा स्टेशन पर हो रही अवैध वेंडिंग और संबंधित आरपीएफ इंस्पेक्टर की मिलीभगत को खुद स्वीकार करके पूरे मामले को पहले ही प्रमाणित कर चुके हैं और उनके तथा सीनियर डीएससी की छत्रछाया में चल रहे इस समस्त अवैध एवं काले कारोबार की वीडियो फुटेज तथा अन्य सबूतों से ऊपरी कमाई के पूरे गौरखधंधे का पहले ही भंडाफोड़ हो चुका है.