ट्रेन के टॉयलेट में गुप्त कैमरा लगाकर महिला यात्रियों का वीडियो बनाने वाला हाउसकीपिंग कर्मचारी गिरफ्तार

अहमदाबाद: चलती ट्रेनों में लिनन-हाउसकीपिंग आदि यात्री सेवाओं के निजीकरण के दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला ट्रेन के टॉयलेट में गुप्त कैमरा लगाकर महिला यात्रियों की वीडियो बनाने का सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने रेलवे हाउसकीपिंग के कर्मचारी जहीउद्दीन शेख को गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि आरोपी ने टॉयलेट में पावर बैंक की तरह दिखने वाला एक स्‍पाई कैमरा लगा रखा था, जिससे जुड़ा तार डस्‍टबिन के अंदर छुपाया गया था।

इस घटना ने रेलवे की यात्री सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न खड़ा कर दिया है। अहमदाबाद राजकीय रेलवे पुलिस ने एक हाउसकीपर को गिरफ्तार किया है, जो ट्रेन के टॉयलेट में स्‍पाई कैमरा लगाया करता था और महिलाओं की वीडियो बनाता था। यह मामला 16 मार्च को मुंबई से भगत की कोठी जाने वाली ट्रेन में तब सामने आया, जब ट्रेन के टॉयलेट से एक जासूसी कैमरा जप्त किया गया।

आरोपी हाउसकीपिंग कर्मचारी-जहीउद्दीन शेख

कैमरे की जांच के बाद एक आरोपी जहीउद्दीन शेख को गिरफ्तार किया गया। बताया जाता है कि वायुसेना का एक जवान टॉयलेट में गया, तो उसे वहां पर कैमरा लगा होने का संदेह हुआ। उसने पावर बैंक को खोज निकाला, तो उसमें कैमरा था। रेल अधिकारियों को इसकी जानकारी देने के बाद कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया गया।

बताते हैं कि आरोपी जहीउद्दीन मुंबई में रहता है और ट्रेनों में हाउसकीपर का काम करता है। अब बड़ा प्रश्न यह उठाया जा रहा है कि उसने अन्य कई ट्रेनों के टॉयलेट्स में भी ऐसे कैमरे लगाए होंगे। पुलिस के मुताबिक वह अलग-अलग ट्रेनों में काम करता था। पुलिस पता लगा रही है कि वह कैमरे के वीडियो को डाटा कहाँ स्टोर करता था। ट्रेन के टॉयलेट में स्‍पाई कैमरा मिलने और निजी कर्मचारियों की संलिप्तता से यात्रियों की सुरक्षा के प्रति गंभीर चिंता व्यक्त की जा रही है।

चलती ट्रेनों में यात्रियों के कीमती सामान की चोरी, महिला यात्रियों के साथ छेड़खानी, दुर्व्यवहार, मारपीट जैसी घटनाएँ अब आम हो गई हैं जो इन्हीं जैसे कुछ निजी कर्मचारियों द्वारा की जा रही हैं। जब इनके ठेकेदारों की कोई जवाबदेही तय नहीं की गई है और उन्हें केवल मामूली आर्थिक दंड देकर छोड़ दिया जाता है, तब ये सब तो होगा ही! मंत्री जी यह कहकर नहीं बच सकते कि जो जैसा करेगा वैसा भरेगा। उन्हें यात्रियों की सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध करना चाहिए, क्योंकि जब यह सेवाएं विभागीय तौर पर संचालित होती थीं तब शायद ही कभी ऐसी कोई घटना होती थी, क्योंकि तब विभागीय जवाबदेही तय थी।