यात्रियों को सुखद/आरामदेह यात्रा सुलभ कराने हेतु कृत-संकल्प भा. रे.
भारतीय रेल के ‘ए-1’ एवं ‘ए’ श्रेणी के स्टेशनों पर ई-कैटरिंग व्यवस्था
दस स्टेाशनों पर किया गया नौ स्वयं सहायता समूहों का एम्पैनल्मेंट
सभी कैटरिंग स्टालों पर पीओएस मशीनें रखनी अनिवार्य की जाएंगी
नई दिल्ली : भारतीय रेल अपने सम्मानित यात्रियों को सुखद रेल यात्रा का अनुभव प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है. इसके लिए पिछले दो वर्षों से विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं. इसके तहत स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं में सुधार के साथ ही रेल सेवाओं में भी लगातार वृद्धि की जा रही है. भारतीय रेल के सभी स्टेशनों एवं रेलगाड़ियों में खानापान की व्यवस्था को सुचारु एवं सुदृढ़ करने के उद्देश्य से अन्य कई महत्वपूर्ण प्रयास भी किए जा रहे हैं.
खानपान की गुणवत्ता एवं उपलब्धता सुधारने के लिए भारतीय रेल द्वारा किए जा रहे प्रयासों के तहत बड़े स्टेशनों पर आधुनिक बेस किचन बनाए गए हैं, जिनमें गुणवत्तायुक्त भोजन तैयार कर गाड़ियों में उपलब्ध कराया जा रहा है. बड़े स्टेशनों पर फूड प्लाजा/फास्ट फूड यूनिट खोले गए हैं. इसके अलावा गाड़ियों में ई-कैटरिंग के माध्यम से भी भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.
ई-कैटरिंग द्वारा रेडी-टू-इट खाना और स्थानीय रुचि का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. ई-कैटरिंग की व्यगवस्था को भारतीय रेल के 357 ‘ए-1’ एवं ‘ए’ श्रेणी के स्टेशनों पर लागू कर दिया गया है. अच्छी गुणवत्ता और विविधता के साथ सुरुचिपूर्ण भोजन की उपलब्धता हेतु बड़े फूड चेन से अनुबंध किया जा रहा है, ताकि यात्रियों की रुचि का भोजन उन्हें उनकी बर्थ पर उपलब्ध कराया जा सके.
इसके तहत भोजन में स्थानीय स्वाद को शामिल करने के उद्देश्य से भारतीय रेल के 10 स्टेशनों पर 9 स्वयं सहायता समूहों को आईआरसीटीसी द्वारा एम्पैनल किया गया है. इसके माध्यम से विजयवाड़ा, मैसूर, एर्णाकूलम, सागर, सावंतवाणी, विशाखापट्टनम, टूनी, आद्रा, अंकापल्ली आदि स्टेशनों पर ठहराव वाली गाड़ियों के यात्री इन स्वयं सहायता समूहों से ई-कैटरिंग के माध्यम से भोजन प्राप्त कर सकते हैं. यह व्यावस्था धीरे-धीरे अन्य स्थानों-स्टेशनों पर भी प्रसारित की जाएगी.
कैटरिंग की व्यवस्था को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से नई कैटरिंग पॉलिसी को समयबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है. इसके तहत प्रबंधन एवं जांच की व्यवस्था को और चौकस किया गया है. भारतीय रेल के केंद्रीयकृत कैटरिंग सेवा मॉनिटरिंग प्रकोष्ठ के टोल फ्री नंबर 1800-111-321 पर प्रतिदिन औसतन 250 से 300 यात्रियों की शिकायतें आती हैं, जिनका त्वरित समाधान किया जाता है.
इसके साथ ही पिछले एक वर्ष में गलती करने वाले कैटरिंग कॉन्ट्रैक्टर्स से 2108 मामलों में लगभग 1.8 करोड़ रुपए का जुर्माना भी वसूला गया है. इसके अतिरिक्त ट्वीटर एवं 138 (हेल्प-लाइन) के माध्यम से भी प्राप्त होने वाली शिकायतों को तत्काल अटेंड किया जा रहा है. नई कैटरिंग पॉलिसी के तहत सभी कैटरिंग स्टालों को पीओएस मशीनें रखने के लिए निर्देशित किया गया है, ताकि भुगतानों को कैशलेस करने में सहायता मिल सके और यात्रियों को अतिरिक्त सुविधा मिले.
भारतीय रेल अपने सम्मानित उपभोक्ताओं का रेल परिसर और गाड़ियों एवं स्टेशनों पर सुखद और आरामदेह यात्रा सुलभ कराने हेतु विश्व स्तरीय आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु कृत-संकल्प है.