कई बाधाओं के बावजूद भारतीय रेल ने वर्ष 2016-17 में अच्छी प्रगति दर्ज की

भा. रे. ने पूर्वोत्तर राज्यों की राजधानियों को बड़ी लाइन से जोड़ने का निर्धारित किया लक्ष्य

बड़ी लाइन की कमिशनिंग 19 किमी. से बढ़ाकर 25 किमी. प्रतिदिन करने का लक्ष्य निर्धारित

2015-16 में 2828 किमी. की अपेक्षा 2016-17 में 3000 किमी. कमीशन हुई बड़ी लाइन

वर्ष 2015-16 के 93,795 करोड़ से बढ़कर 2016-17 में 1.21 लाख करोड़ हुआ निवेश

नई दिल्ली : भारतीय रेल के लिए वित्तीय वर्ष 2016-17 अत्यंत चुनौतीपूर्ण रहा. माल ढुलाई के क्षेत्र में मांग में कमी, सड़क मार्ग में बेहतर निवेश के कारण मिल रही चुनौतियां, आयात एवं निर्यात में कमी, सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के लागू होने के फलस्वरूप कर्मचारियों को उनके एरियर एवं वेतन का भुगतान, व्यय में बढ़ोत्तरी एवं यात्री यातायात में आशातीत वृद्दि न होना इसका प्रमुख कारण रहे हैं. इसके बावजूद भारतीय रेल ने वर्ष के दौरान अच्छी प्रगति दर्ज की है. निवेश के मामलों में भारतीय रेल में जहां वर्ष 2015-16 में 93795 करोड़ रुपए खर्च किए गए, वहीं वर्ष 2016-17 में यह राशि बढ़कर 1.21 लाख करोड़ रुपए रही है.

पिछले दो वर्षों में बड़ी लाइन की कमिशनिंग में अप्रत्याशित वृद्धि हुई. वर्ष 2014-15 में 1983 किमी., वर्ष 2015-16 में 2828 किमी. एवं वर्ष 2016-17 में लगभग 3000 किमी. बड़ी लाइन कमीशन की गई है.

पूर्वोत्तर राज्यों के सुदूरवर्ती क्षेत्रों को भी रेल नेटवर्क द्वारा जोड़ने में भारतीय रेल ने उत्कृष्ट कार्य किया है. जहां वर्ष 2009-14 में केवल 110 किमी. प्रतिवर्ष बड़ी लाइनें इस क्षेत्र में कमिशनिंग की गई, वहीं वर्ष 2014-15 में 450 किमी. एवं वर्ष 2015-16 में 545 किमी. नई बड़ी लाइन की कमिशनिंग की हुई है. वर्ष 2020 तक भारतीय रेल ने समस्त पूर्वोत्तर के राज्यों की राजधानियों को बड़ी लाइन से जोड़ने हेतु लक्ष्य निर्धारित किया है.

क्षमता संवर्द्धन के क्षेत्र में रेल लाइनों का विद्युतीकरण बहुत महत्वपूर्ण है. जहां वर्ष 2009-2014 के मध्य प्रतिवर्ष औसतन 1184 किमी. रेल लाइन विद्युतीकृत की गई, वहीं यह आंकड़ा वर्ष 2015-16 में 1730 किमी. एवं 2016-17 में लगभग 2000 किमी. रहा है.

आज बड़ी लाइन की कमिशनिंग के क्षेत्र में राज्यों के साथ सहभागिता के आधार पर रेल लाइनों के विस्तार के क्षेत्र में है महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं. इसकी मदद से बड़ी लाइन की कमिशनिंग 19 किमी. प्रतिदिन से बढ़ाकर 25 किमी. प्रतिदिन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

यहां यह देखने वाली बात है कि रेल मंत्रालय द्वारा जारी उपरोक्त तमाम आंकड़ों और लक्ष्यों के साथ वर्ष 2016-17 में भारतीय रेल द्वारा की गई कमाई एवं अन्य आय-व्यय का व्यौरा नहीं दिया गया है. इसके साथ ही इस दौरान भारतीय रेल पर कुल कितने यात्रियों ने यात्रा की अथवा कुल कितने यात्रियों की घटत-बढ़त हुई, इस बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है.

यही स्थिति माल ढुलाई के मामले में भी है. मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में आलोच्य वर्ष के दौरान माल ढुलाई में आई कमी या इसमें हुई वृद्धि के आंकड़े भी नहीं दिए गए हैं. इसमें केवल अपनी छवि को लोकलुभावन बनाए रखने वाले लक्ष्यों की बातें ही कही गई हैं. इससे देश की जनता को दिग्भ्रमित किए जाने या भुलावे में रखने का प्रयास ही ज्यादा नजर आता है.