आरपीएफ/आरपीएसएफ स्टाफ को मिला रिस्ट्रक्चरिंग का लाभ
लम्बे इंतजार के बाद नसीब हुई आरपीएफ स्टाफ को थोड़ी खुशी
मुंबई : डीजी/आरपीएफ द्वारा रेलवे सुरक्षा बल(आरपीएफ) स्टाफ को रिस्ट्रक्चरिंग का लाभ दिए जाने संबंधी आदेश सोमवार, 27 मार्च को जारी किए जाने से आरपीएफ स्टाफ में भारी खुशी का माहौल व्याप्त हो गया है. ज्ञातव्य है कि इस आदेश की प्रतीक्षा आरपीएफ स्टाफ को काफी लम्बे समय से थी. गत सप्ताह पहले रेलमंत्री और बाद में मेंबर स्टाफ द्वारा तत्संबंधी फाइल क्लियर कर दिए जाने से आरपीएफ स्टाफ को बड़ी बेसब्री से इस आदेश का इंतजार था.
हालांकि यह स्टाफ रिस्ट्रक्चरिंग वर्ष 2013 से प्रतीक्षित थी और न्याय के हित में इसे तभी से लागू किया जाना चाहिए था. मगर इसे 1 अप्रैल 2017 से लागू किया गया है, जिससे आरपीएफ/आरपीएसएफ स्टाफ को थोड़ी निराशा भी हुई है. तथापि, कुछ न मिलने से कुछ मिल जाने पर ही खुशी मना रहा आरपीएफ स्टाफ पिछले करीब पंद्रह वर्षों से रेल प्रशासन की आरपीएफ के प्रति असहिष्णुता का आदी होकर प्रचुर संतोषी होना सीख गया है.
रेलवे बोर्ड द्वारा जारी आदेश (पत्र सं. पीसी-3/2016/सीआरसी/2, दि. 27.03.2017) में कहा गया है कि यह रिस्ट्रक्चरिंग 1 अप्रैल 2017 को उपलब्ध ग्रुप ‘सी’ आरपीएफ/आरपीएसएफ स्टाफ पर ही लागू होगी और इसका लाभ भी 1 अप्रैल 2017 से ही मिलेगा. यह आदेश स्थाई/नियमित कैडर पर लागू किया जाएगा. इसमें वर्कचार्ज पोस्टें शामिल नहीं हैं और न ही यह सरप्लस एवं सुपरनुमेरेरी पोस्ट्स पर लागू किया जाएगा. अस्थाई मगर कम से कम तीन से ऑपरेशन में चल रहो पोस्टों को भी इस आदेश के अनुसार नए प्रतिशत-मान में शामिल किया जाएगा. परंतु यह तभी होगा, जब ऐसी पोस्टों के बारे में यह प्रमाणित किया जाए कि यह नियमित गतिविधियों के लिए आवश्यक हैं और इन्हें बिना किसी एडहाक के भविष्य में भी जारी रखा जाना है.
आदेश के अनुसार आरपीएफ में इंस्पेक्टर 2.75% से बढ़कर 3%, सब-इंस्पेक्टर 4.50 से बढ़कर 6%, असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर 7.75 से बढ़कर 10%, हेड कांस्टेबल 34 से घटकर 31% और कांस्टेबल 51 से घटकर 50% होंगे. इसी प्रकार आरपीएसएफ में इंस्पेक्टर एवं सब-इंस्पेक्टर का प्रतिशत समान रखा गया है. जबकि असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर 7.75 से बढ़कर 9%, हेड कांस्टेबल 27.50 से घटकर 25% और कांस्टेबल 57.50 से घटकर 57% होंगे.
ज्ञातव्य है कि भारतीय रेल में आरपीएफ के स्वीकृत स्टाफ की कुल संख्या 76,414 है. इसके मुताबिक वर्तमान रिस्ट्रक्चरिंग में दिए गए कैडर प्रतिशत के आधार पर अब पूरी आरपीएफ में इंस्पेक्टर्स की कुल संख्या 2292 हो जाएगी. जबकि सब-इंस्पेक्टर्स की कुल संख्या 4585, असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर्स की कुल संख्या 7641 और हेड कांस्टेबल्स की कुल संख्या 23,689 तथा कांस्टेबल्स की कुल संख्या 38,207 होगी. इससे आरपीएफ में रिक्त पदों के भी भर जाने की पूरी संभावना है.
उल्लेखनीय है कि आरपीएफ/आरपीएसएफ को पिछली रिस्ट्रक्चरिंग का लाभ वर्ष 2004 में मिला था. इस हिसाब से वर्तमान रिस्ट्रक्चरिंग का लाभ उसे कम से कम वर्ष 2014 से मिलना चाहिए था. जैसा कि अन्य सभी रेल कर्मचारियों को प्रत्येक दस वर्ष में मिलता है. इस प्रकार आरपीएफ/आरपीएसएफ के साथ यह एक तरह से अन्याय हो रहा है. इसके अलावा कैडरवाइज जो प्रतिशत दिया गया है, उसमें भी कुछ कमी और विसंगति नजर आ रही है. फिलहाल इस पर कोई टिप्पणी करने के बजाय ऑल इंडिया आरपीएफ एसोसिएशन का कहना है कि अभी तो रेलमंत्री की मेहरबानी से रिस्ट्रक्चरिंग का ऑर्डर जारी हुआ है. अब इसका व्यापक अध्ययन करने के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकेगा.
अब जरुरत इस बात की है कि सभी जोनल आरपीएफ संगठनों को इस रिस्ट्रक्चरिंग आदेश पर गहन विचार-विमर्श करते हुए इसकी पूरी गहराई से मीमांसा करनी चाहिए. इस पर जोनल कार्यकारिणी की बैठक करके इसकी विसंगतियों पर प्रस्ताव पारित कर केंद्रीय कार्यकारिणी को भेजकर पूरा दबाव बनाया जाना चाहिए, जिससे रेलमंत्री के समक्ष विचारपूर्ण ज्ञापन प्रस्तुत करके उन विसंगतियों को दूर कराया जा सके. इसके लिए सभी जोनल संगठनों को केंद्रीय संगठन के साथ अपनी भरपूर एकजुटता का प्रदर्शन करना होगा.