समस्याओं के बावजूद सेफ्टी से कोई समझौता नहीं किया जा सकता -डॉ.एम.राघवैया

रेलमंत्री के साथ जिन मुद्दों पर सहमति हुई है, उन पर तुरंत अमल सुनिश्चित किया जाए

सबकी संरक्षा सुनिश्चित करते रेलकर्मी अपनी सुरक्षा/संरक्षा का भी पर्याप्त ध्यान रखें

स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित किए बिना ह्यूमन फेल्योर कम करना मुश्किल

वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ द्वारा मुंबई में सेफ्टी सेमिनार का आयोजन

मुंबई : वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ (डब्ल्यूआरएमएस) द्वारा शुक्रवार, 3 मार्च को मुंबई सेंट्रल स्थित ‘रेल निकुंज’ सभागृह में एक सेफ्टी सेमिनार का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मध्य एवं पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक डी. के. शर्मा, एनएफआईआर के महामंत्री डॉ. एम. राघवैया, डब्ल्यूआरएमएस के अध्यक्ष शरीफ खान पठान, महामंत्री दादा जे. जी. माहुरकर, मंडल मंत्री अजय सिंह, सीआरएमएस के अध्यक्ष आर. पी. भटनागर, महामंत्री प्रवीण बाजपेई, एजीएम, सीएमई, सीपीओ, सीईई, डीआरएम/मुंबई सेंट्रल मुकुल जैन सहित पश्चिम रेलवे के सभी विभाग प्रमुख और डब्ल्यूआरएमएस के सभी मंडल एवं मुख्यालय पदाधिकारीगण उपस्थित थे. इस मौके पर रेलमंत्री सुरेश प्रभु का रिकार्डेड वक्तव्य और शुभकामना संदेश सुनाया गया.

इससे पहले महाप्रबंधक डी. के. शर्मा एवं डॉ. राघवैया ने दीप प्रज्वलित कर सेमिनार का शुभारम्भ किया. इस अवसर पर महाप्रबंधक श्री शर्मा ने अपना शुभकामना संदेश देते हुए कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में डब्ल्यूआरएमएस द्वारा सेफ्टी सेमिनार का आयोजन अत्यंत सम-सामयिक है. उन्होंने संरक्षा के संदर्भ में विभिन वर्गों के रेलकर्मियों को जागरूक करने के लिए डब्ल्यूआरएमएस की सराहना भी की. सीईई रतनलाल ने संरक्षा संबंधी विभिन्न बारीकियों का ध्यान रखते हुए संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपस्थित रेलकर्मियों को संरक्षा की शपथ भी दिलाई. सीपीओ संजय सूरी ने संरक्षा स्टाफ की कमी का उल्लेख करते हुए इसके समायोजन की बात कही. डीआरएम मुकुल जैन ने डब्ल्यूआरएमएस द्वारा संरक्षा सहित प्रशासन के साथ किए जा रहे सहयोग की सराहना की.

एनएफआईआर के महामंत्री डॉ. एम राघवैया ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय रेल का लगभग सारा सिस्टम ही डिफेक्टिव हो गया है, वर्किंग अनसेफ हो गई है, सेफ्टी ऑडिट क्या होता है, स्किल प्रोजेक्शन क्या है, ऐसी कई समस्याएं हैं, इस सबके बावजूद रेलवे एवं यात्री संरक्षा के संदर्भ में कभी कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सबकी सुरक्षा और संरक्षा को सुनिश्चित करते हुए रेलकर्मियों को सर्वप्रथम अपनी सुरक्षा और संरक्षा का भी पर्याप्त ध्यान रखना चाहिए.

उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड ने उनसे ह्यूमन एलीमेंट फेल्योर पर सलाह मांगी थी, जो कि उन्होंने दी है और उसमें उन्होंने रेलवे बोर्ड को बताया है कि स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित किए बिना ह्यूमन फेल्योर को कम कर पाना काफी मुश्किल है. उन्होंने बताया कि हमने रेलवे बोर्ड को पिट लाइन की गंदगी सहित वहां काम की अमानवीय स्थितियों आदि का विस्तृत उल्लेख करते हुए पर्याप्त मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित कराए जाने की बात कही है. उनका कहना था कि ट्रैकमैन से लेकर सबार्डिनेट इंजीनियर तक सभी असंतुष्ट हैं, इनकी संतुष्टि का स्तर और कंसल्टेशन को बढ़ाए बिना संरक्षा को सुनिश्चित नहीं किया जा सकता है. यह बात रेल प्रशासन को जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी समझ लेनी चाहिए.