पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा “क्षेत्रीय रेलवे हिन्दी नाटक प्रतियोगिता-2024” का आयोजन
गोरखपुर ब्यूरो: पूर्वोत्तर रेलवे राजभाषा विभाग के तत्त्वावधान में 22 अगस्त, 2024 को रेलवे प्रेक्षागृह, गोरखपुर में “क्षेत्रीय रेलवे हिन्दी नाटक प्रतियोगिता-2024” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ महाप्रबंधक सुश्री सौम्या माथुर ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर अपर महाप्रबंधक डी.के.सिंह, सभी विभाग प्रमुख एवं वरिष्ठ रेल अधिकारी उपस्थित थे।
प्रतियोगिता में पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय, यांत्रिक कारखाना, गोरखपुर की नाट्य टीम ने हड़ताल एवं बंदी पर आधारित नाटक “बन्द”, लखनऊ मण्डल की नाट्य टीम ने महाभारत के कर्ण के जीवन पर आधारित “रश्मिरथी”, वाराणसी मंडल की नाट्य टीम ने बड़े भाई एवं छोटे भाई के प्रेम पर आधारित नाटक “बड़े भाई साहब” तथा इज्जतनगर मंडल की नाट्य टीम ने पर्यावरण पर आधारित “अस्तित्व का सवाल” नाटक का मंचन किया। इस नाट्य प्रतियोगिता में वाराणसी मंडल की टीम ने प्रथम, लखनऊ मंडल की टीम ने द्वितीय, मुख्यालय यांत्रिक कारखाना की टीम ने तृतीय तथा इज्जतनगर मंडल की टीम ने चतुर्थ स्थान प्राप्त किया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महाप्रबंधक सुश्री सौम्या माथुर ने कहा कि हिन्दी नाट्य प्रतियोगिता का आयोजन कर राजभाषा विभाग ने एक ओर रेल कलाकारों को उत्कृष्ट प्रदर्शन का सुअवसर प्रदान किया है, वहीं दूसरी ओर नाटक के माध्यम से जीवन से जुड़े विविध पहलुओं एवं समाज की विभिन्न समस्याओं का समाधान आदर्शवादी दृष्टिकोण के साथ रखने का प्रयास किया है। एक सफल एवं कुशल नाटककार समाज का कुशल शिल्पकार भी होता है। नाटक भी चलता फिरता थियेटर ही होता है, जिसका उद्देश्य न केवल स्वस्थ मनोरंजन करना है, बल्कि यह वर्तमान समाज का जीवंत चित्रण भी करता है।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोकप्रिय कार्यक्रमों से अधिकारियों एवं कर्मचारियों में राजभाषा हिन्दी के प्रति रूझान बढ़ेगा और वे अपना काम हिन्दी में करने के लिए अधिक प्रेरित होंगे। महाप्रबंधक ने इस आयोजन की सफलता की कामना करते हुए मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं उनकी टीम को इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई दी।
मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं प्रमुख मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर राजेश कुमार पाण्डेय ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि भारतीय साहित्य में नाटकों की सुदृढ़ परम्परा रही है। नाटक सामाजिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक दायित्वों के प्रति हम सभी को जागृत करता है। नाट्य साहित्य के विविध पक्ष होते है। रंगमंच नाटक का अनिवार्य अंग है। आज के समाज में नाटक रंगमंच तक ही सीमित नहीं है। यह रंगमंच से नुक्कड़ नाटकों, फिल्मों, रेडियो नाटक और दूरदर्शन पर धारावाहिकों के रूप में देखा जाता है। रेलवे बोर्ड द्वारा प्रतिवर्ष अखिल रेल हिन्दी नाटक प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है, जिसमें क्षेत्रीय रेल इकाईयों की नाट्य टीमें भाग लेती हैं। इसी उद्देश्य से आज क्षेत्रीय रेल हिन्दी नाटक प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। पूर्वोत्तर रेलवे में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली नाट्य टीम अखिल रेल स्तर पर आयोजित नाटक प्रतियोगिता मे भाग लेगी।
हिन्दी नाटक प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए मुख्य राजभाषा अधिकारी ने कहा कि निर्णायक मंडल द्वारा चयनित नाट्य टीम रेलवे बोर्ड स्तर पर आयोजित अखिल रेल हिन्दी नाटक प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करेगी और पूर्वोत्तर रेलवे का नाम ऊँचा करेगी।
इस हिन्दी नाटक प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के आमंत्रित सदस्य के रूप में पूर्व प्रोफेसर पंडित दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर डॉ रामदरश राय एवं वरिष्ठ रंगकर्मी डॉ मुमताज खान उपस्थित थे।
नाटक प्रतियोगिता के प्रथम एवं द्वितीय स्थान पर रहने वाली टीम के निर्णायक मंडल के निर्णय की घोषणा उप मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं उप मुख्य परिचालन प्रबंधक सुमित कुमार ने किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अनामिका सिंह, प्रभारी/वरिष्ठ अनुवादक ने तथा धन्यवाद ज्ञापन राजभाषा अधिकारी एवं वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी गोपाल प्रसाद गुप्ता ने किया।