June 12, 2024

महाराष्ट्र के राज्यपाल ने किया सीनियर पीआरओ/म.रे. डॉ अशोक कुमार सिंह की पुस्तक ‘जनसंपर्क और हिन्दी’ का विमोचन

मुंबई: मध्य रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह द्वारा लिखित पुस्तक ‘जनसंपर्क और हिन्दी’ पुस्तक का विमोचन राजभवन प्रांगण में महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस के हाथों मंगलवार, 11 जून 2024 को संपन्न हुआ। इस अवसर पर मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉ स्वप्निल नीला, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी-II अनिल कुमार जैन, जनसंपर्क अधिकारी माइकल मैन्युल राज और प्रकाशक रामकुमार उपस्थित थे। कार्यक्रम का छायांकन आर. सी. नायर ने किया।

सीनियर पीआरओ/म.रे. डॉ अशोक कुमार सिंह की पुस्तक “जनसंपर्क एवं हिन्दी” का विमोचन करते हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस। उनके साथ हैं (दाएँ) सीपीआरओ/म.रे. डॉ स्वप्निल नीला, सीपीआरओ/म.रे.-II अनिल कुमार जैन, और (बाएँ) सीनियर पीआरओ एवं पुस्तक के लेखक डॉ अशोक कुमार सिंह, प्रकाशक रामकुमार तथा पीआरओ माइकल मैनुअल राज।

इस अवसर पर पुस्तक के लेखक डॉ. अशोक कुमार सिंह, वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी, मध्य रेल ने कहा कि “ये केवल एक पुस्तक नहीं है, बल्कि मेरे द्वारा भारतीय रेल में दी गई सेवा का एक निचोड़ है। यह पुस्तक शोधार्थियों एवं पीआर प्रोफेशनल्स के लिए बेहद लाभप्रद होगी तथा जनसंपर्क के क्षेत्र में एक नई दृष्टि लाएगी।”

पत्रकार, लेखक एवं इतिहासकार राजेन्द्र अकलेकर ने लिखा है, “जनसंपर्क क्या और कैसे होता है, यह मैंने सबसे पहले 90 के दशक में डॉ ए. के. सिंह को देखकर सीखा था, और आज तक सीखते आ रहा हूँ। तब से आज तक 27 सालों में मैंने उन्हें भारतीय रेल के सबसे पहली और अहम जोनल रेलवे, मध्य रेल के मुख्यालय में करीब से काम करते देखा है। चाहे रेल कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का संबोधन हो या रेलवे के कार्यक्रमों में महाप्रबंधक का संबोधन, उनका मसौदा सहज और सरल भाषा में डॉ ए. के. सिंह को लिखते और देखते आ रहा हूँ।”

उन्होंने आगे कहा कि “सदैव लोगों के बीच ही रहने वाले, सभी के प्रिय और हर किसी की जितनी हो सके उतनी मदद करने वाले डॉ सिंह ने, अपने केबिन से कभी किसी को मायूस करके नहीं भेजा। लोगों के साथ संवाद स्थापित करने और उनकी जरूरतों को समझने में जनसंपर्क की अहम भूमिका है। यह संवादात्मक प्रक्रिया न केवल लोगों के अनुभव में सुधार करने में मदद करती है, बल्कि संगठन को भी लोगों द्वारा प्रदत्त सुझाव और प्रतिक्रियाओं का संज्ञान लेने में सहायक होती है। मेरा विश्वास है कि ‘जनसंपर्क और हिन्दी’ उनकी यह पुस्तक आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगी। डॉ सिंह की यह किताब जनसंपर्क के छात्रों को नई दिशा देगी।”

एबीपी न्यूज के पूर्व ब्यूरो चीफ और वर्तमान में सलाहकार संपादक, एनडीटीवी जितेन्द्र दिक्षित ने उनके एवं उनकी पुस्तक के बारे में कहा, “विगत कई दशकों से मैं डॉ अशोक कुमार सिंह से जुड़ा हुआ हूं, डॉ सिंह काफी मिलनसार पत्रकारों के दोस्त और नेक इंसान हैं। उन्होंने इस पुस्तक में जनसंपर्क क्या होता है, उसकी उत्पत्ति, अवधारणा, स्वरूप, व्याप्ति एवं उपयोगिता तथा उसके लक्ष्य एवं नीतियों का उन्होंने बड़े ही प्रभावशाली ढ़ंग से वर्णन किया है। इसके साथ ही स्वतंत्रता पूर्व और स्वतंत्रता के बाद भारतीय रेल में जनसंपर्क और हिंदी के उपयोग एवं महत्व को लेकर सटीक विश्लेषण किया है। उन्होंने इस पुस्तक में भारतीय रेल के गौरवशाली इतिहास के साथ ही भारतीय रेल पर अत्याधुनिक तकनीक के प्रयोग के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी है। उन्होंने इस पुस्तक में भारतीय रेल के विकास में सोशल मीडिया के योगदान के बारे में अच्छे ढ़ंग से वर्णन किया है।”

वर्तमान समय डिजिटल मीडिया का है। शीर्षक पुस्तक “जनसंपर्क और हिन्दी” निसंदेह नई पीढ़ी के लिए अत्यंत उपयोगी होगी। यह पुस्तक न केवल जनसंपर्क एवं हिन्दी विभाग में कार्यरत कर्मियों, बल्कि शोधार्थियों के लिए एक मार्गदर्शक सिद्ध होगी। पुस्तक का प्रकाशन मुंबई के प्रतिष्ठित प्रकाशक आर. के. पब्लिकेशन द्वारा किया गया है।

उल्लेखनीय है कि इसी 30 जून 2024 को डॉ अशोक कुमार सिंह अपनी लंबी रेल सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो रहे हैं। डॉ अशोक कुमार सिंह को “रेलसमाचार” की तरफ से हार्दिक बधाई और स्वस्थ जीवन एवं दीर्घायु होने की शुभकामनाएँ!